Wednesday, December 18, 2024
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Rajat Sharma's Blog | अमित शाह ने कांग्रेस को आईना कैसे दिखाया

अमित शाह ने गिनाया कि कांग्रेस ने संविधान में जो संशोधन किए, वो अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाने के लिए थे, आम नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनने के लिए थे। अमित शाह की ये बात सही है और इमरजेंसी के काले दिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Dec 18, 2024 15:39 IST, Updated : Dec 18, 2024 15:39 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अमित शाह ने राज्य सभा में कांग्रेस को आईना दिखाया। संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी और गरीब विरोधी है। शाह ने कहा, कांग्रेस ने सत्ता का इस्तेमाल सिर्फ एक परिवार के लिए किया, संविधान को सिर्फ एक परिवार की इच्छा के हिसाब से तोड़ा-मरोड़ा गया, जबकि नरेन्द्र मोदी ने संविधान में बदलाव, देश के विकास के लिए, गरीबों, दलितों, पिछड़ों को उनका हक़ देने के लिए किए। अमित ने शाह ने कहा जो लोग आज संविधान की कॉपी लहराते घूम रहे हैं, वो आज भी संविधान की भावना को नहीं समझते। अमित शाह ने उन सारे आरोपों का जवाब दिया जो कांग्रेस के नेताओं ने चर्चा के दौरान लगाए। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता आज आरक्षण की सीमा पचास प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनकी असली मंशा धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की है, लेकिन बीजेपी ऐसा कभी नहीं होने देगी, क्योंकि धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान के खिलाफ है।

अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने संविधान में बोलने की आजादी कम करने का संशोधन किया, मौलिक अधिकारों में कटौती का संशोधन किया, चुनाव हारने की आशंका के कारण विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने का संशोधन किया, अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रधानमंत्री के कामों की न्यायिक जांच पर रोक लगाने का संशोधन किया, जबकि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने “एक देश एक टैक्स” के लिए संविधान में संशोधन किया, पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए संशोधन किया, गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संशोधन किया। अमित शाह ने कहा कि ये सारे उदाहरण देखने के बाद कोई भी समझ सकता है कि संविधान को लेकर कांग्रेस की मंशा और नरेन्द्र मोदी की नीयत में क्या फर्क है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अपनी पुरानी मानसिकता से उबर नहीं पाई है, आज भी वो सामान नागरिक संहिता का विरोध कर रही है लेकिन बीजेपी लोकतांत्रिक तरीके से कॉमन सिविल कोड सभी राज्यों में लाएगी।

अमित शाह के निशाने पर मुख्य रूप से कांग्रेस थी। अमित शाह ने कांग्रेस को चुनाव जीतने का फॉर्मूला बताया और कहा कि अगर कांग्रेस परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को छोड़ दे, तो जनता उसे वापस ला सकती है। ये अमित शाह का कांग्रेस पर अब तक का सबसे करारा हमला था क्योंकि बीजेपी इन्हीं तीन बातों  के आधार पर अपने आप को कांग्रेस से अलग बताती है। अमित शाह ने दूसरा काम ये किया कि उदाहरण देकर, तुलना करके ये बताया कि कांग्रेस ने जब जब संविधान में संशोधन किए तो उसका उद्देश्य कुर्सी बचाना था और जब जब मोदी सरकार ने संशोधन किए तो मकसद गरीबों और पिछड़ों को ज्यादा अधिकार देने का था। अमित शाह ने जो उदाहरण दिए, उन्हें समझने की जरूरत है। अमित शाह ने गिनाया कि कांग्रेस ने संविधान में जो संशोधन किए, वो अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाने के लिए थे, आम नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनने के लिए थे। अमित शाह की ये बात सही है और इमरजेंसी के काले दिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

संविधान को लेकर बीजेपी पर तीन तरह के आरोप लगाए जाते हैं। अमित शाह ने इन तीनों का जवाब दिया। एक तो राहुल गांधी बार बार संविधान की कॉपी लहराकर कहते हैं कि बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है, आरक्षण को खत्म करना चाहती है। अमित शाह ने एक के बाद एक कई उदाहरण गिनाए, बताया कि मोदी सरकार ने पिछड़ों और गरीबों को अधिकार देने के लिए संविधान में कैसे बदलाव किया। दूसरा आरोप ये लगता है कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति करती है, मुसलमानों को परेशान करती है। इसके जवाब में अमित शाह ने शाह बानो केस और तीन तलाक कानून का उदाहरण दिया। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं का हक़ छीना और बीजेपी ने मुस्लिम महिलाओं को उनका हक़ दिलाया, तीन तलाक से मुक्ति दिलाई।

तीसरा आरोप बीजेपी पर ये लगाया जाता है कि वो EVM में गड़बड़ी करके चुनाव जीतती है। इसका भी अमित शाह ने स्पष्ट जवाब दिया। अमित शाह ने उदाहरण देकर पूछा, एक ही दिन में दो राज्यों के चुनाव के नतीजे आए, महाराष्ट्र में EVM खराब और झारखंड में EVM अच्छी कैसे हो सकती है? हालांकि अमित शाह के जवाब के बाद भी विपक्ष के नेता ये मुद्दा छोड़ेगें नहीं क्योंकि मंगलवार को ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस की सरकार को EVM की सरकार कह दिया। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 17 दिसंबर, 2024 का पूरा एपिसोड

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