आज मैं पाकिस्तान द्वारा चलाई जा रही फेक न्यूज फैक्ट्री के बारे में बात करना चाहता हूं। यह फेक न्यूज फैक्ट्री दिन-रात भारत विरोधी फर्जी खबरें दिखाती रहती है। नया पाकिस्तान ग्रुप (NPG) नाम का नेटवर्क कथित तौर पर 20 YouTube चैनल और 2 वेबसाइटों को चला रहा था। इसका 15 YouTube चैनलों का अपना नेटवर्क है और 5 स्टैंडअलोन चैनल हैं। वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म YouTube पर इन चैनलों के कुल मिलाकर 37 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे और उनके वीडियो 58 करोड़ से ज्यादा बार जा चुके थे। सरकार ने मंगलवार को भारत के खिलाफ फर्जी और मनगढ़ंत खबरें चलाने वाले इन सभी 20 YouTube चैनलों और 2 पाकिस्तानी वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया।
जब भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन चैनलों और वेबसाइटों पर नजर रखना शुरू किया, तो पाया गया कि इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल भारतीय सेना के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा था, और खास तौर पर इसका निशाना भारतीय मुसलमानों को बनाया जा रहा था।
उनकी कुछ फर्जी और मनगढ़ंत खबरें इस तरह से हैं: (1) पीएम मोदी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने से इनकार कर दिया इसलिए अमेरिका और तुर्की अपनी फौज कश्मीर में भेजने वाले हैं (2) एक और फर्जी खबर में कहा गया कि भारत की सेना और सरकार में टकराव हो गया है इसलिए आर्मी चीफ को हटाया जा सकता है (3) एक तीसरे वीडियो में दावा किया गया कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए अपनी सेना भेजने जा रहे हैं। ज्यादातर लोगों को देखने-सुनने में ये सब बातें मजाक लग सकती हैं, लेकिन इन बातों को वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार होने का दावा करने वाले ऐंकर पूरी गंभीरता से खबरों के रूप में दिखा रहे थे।
इनमें से कुछ YouTube चैनलों को पाकिस्तानी न्यूज चैनल्स के सीनियर ऐंकर चला रहे थे ताकि फर्जी खबरों पर भरोसा हो जाए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2 आदेश जारी किए जिनमें से एक में YouTube को ऐसे 20 चैनलों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया और दूसरे में दूरसंचार विभाग से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को उन 2 पाकिस्तानी वेबसाइटों/पोर्टल को ब्लॉक करने का निर्देश देने के लिए कहा गया, जो भारत के खिलाफ फर्जी खबरें फैला रहे हैं। कश्मीर, भारतीय सेना, भारतीय मुसलमान और अयोध्या मंदिर जैसे संवेदनशील विषयों पर समन्वित तरीके से विभाजनकारी सामग्री का प्रसार करने के लिए YouTube चैनलों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत में सूचना से जुड़े स्पेस को सुरक्षित करने के उद्देश्य से यह कार्रवाई की है और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 16 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग किया है। मंत्रालय ने पाया कि अधिकांश सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में संवेदनशील विषयों से संबंधित हैं और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। इन सामग्रियों को मुख्य रूप से पाकिस्तान से भारत के विरूद्ध एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क के रूप में पोस्ट किया जा रहा है।’
YouTube पर फैलाई जा रही इन फर्जी खबरों को भारतीय दर्शक और पाठक अपने स्मार्टफोन, लैपटॉप एवं टैबलेट पर काफी आसानी से देख रहे थे। चूंकि पाकिस्तान कश्मीर में अनुच्छेद 370 को एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में नाकाम रहा है, और अपने 74 साल के लंबे इतिहास में भारत के साथ 4 जंगों में मुंह की खा चुका है, इसलिए उसने अब झूठ के जरिए प्रॉपेगैंडा वॉर छेड़ दिया है। पाकिस्तान पिछले 2 सालों में घुसपैठियों को भेजकर कश्मीर में हिंसा फैलाने में भी नाकाम रहा है। यही वजह है कि सरकार ने इन 20 YouTube चैनलों और 2 वेबसाइटों को खुफिया एजेंसियों के इनपुट के साथ एक समन्वित प्रयास के तहत ब्लॉक करने का निर्णय लिया।
मंगलवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने उन पाकिस्तानियों के नामों का जिक्र किया जो ये यूट्यूब चैनल चला रहे हैं। उनमें से ही एक है तैयब हनीफ, जो कि पाकिस्तान का नागरिक है। उनका दावा है कि वह एक ‘मशहूर पत्रकार और कंटेंट राइटर है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, YouTube और सोशल मीडिया में 7 से अधिक वर्षों का अनुभव है।’ तैयब हनीफ नया पाकिस्तान ग्रुप चलाता है। वह कनीज फातिमा नाम की एक महिला को प्रॉपेगैंडा फैलाने के लिए इस्तेमाल करता है, जो ‘जर्नलिज्म और कंटेंट क्रिएशन में एक दशक से ज्यादा के अनुभव के साथ एक अवॉर्ड विनिंग न्यूज एंकर, जर्नलिस्ट और पोलिटिकल ऐनलिस्ट’ होने का दावा करती है। एक अन्य ऐंकर नजमुल हसन बाजवा है, जो खुद को ‘लाहौर का एक इन्वेस्टिगेटिव जर्निस्ट, ऐंकर और YouTuber’ होने का दावा करता है।
Fictional नाम का एक और YouTube चैनल भी है जो भारत विरोधी फर्जी खबरें बनाता रहता है। 18 सितंबर 2021 को इस YouTube चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसकी हेडलाइन थी ‘तालिबान ने भारत के 300 जासूसों को फांसी दी, मोदी और योगी को एक साफ संदेश।’ इस वीडियो को ढाई लाख से ज्यादा बार देखा गया और 6,000 से ज्यादा लाइक्स मिले। इस वीडियो का मकसद भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बदनाम करने के साथ-साथ भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना था। इस यूट्यूब चैनल के 3 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। 16 नवंबर 2020 को इसी चैनल पर एक और झूठी खबर पोस्ट की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि ‘अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन और तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन, अपनी सेनाएं कश्मीर भेजने जा रहे हैं क्योंकि मोदी ने अनुच्छेद 370 फिर से लागू करने से इनकार कर दिया है।’ इस वीडियो को 87,000 से भी ज्यादा बार देखा गया और लगभग 2,000 लाइक्स मिले।
लगता है कि पाकिस्तान की प्रॉपेगैंडा मशीनरी के पास दो सबसे पसंदीदा टॉपिक है- कश्मीर और भारतीय सेना। Historical Facts नाम के एक अन्य यूट्यूब चैनल ने 5 दिसंबर 2021 को एक फर्जी खबर में कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने 35 हजार लड़ाकों को कश्मीर भेजा है। पाकिस्तान के हुक्मरान कश्मीर में अपने आतंकवादी हमदर्दों के गिरते मनोबल को बढ़ाने के लिए इन फर्जी खबरों का सहारा ले रहे हैं। वजह - कश्मीरी नौजवान अब आतंकी बनने और पाकिस्तान की कठपुतली बनने के लिए तैयार नहीं हैं।
20 नवंबर 2021 को Punjab Viral नाम के यूट्यूब चैनल की एक हास्यास्पद मनगढ़ंत कहानी का उदाहरण देखें: ‘कश्मीरी मुजाहिदीन द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद भारतीय जवानों ने 'कलमा' पढ़ा।’ इसके अगले ही दिन एक और यूट्यूब चैनल Punchline ने लगभग ऐसी ही एक और फेक न्यूज पोस्ट की: ‘कश्मीर में भारतीय सेना के 200 जवानों ने इस्लाम कुबूल कर लिया।’ इस फेक न्यूज को एक और यूट्यूब चैनल The Naked Truth ने फिर से उठाया। एक अन्य यूट्यूब चैनल, Junaid Halim Official ने ‘हेलीकॉप्टर दुर्घटना के पीछे अमेरिका का हाथ’ को लेकर एक फर्जी खबर पोस्ट की जिसमें CDS जनरल बिपिन रावत शहीद हो गए। 10 दिसंबर को Mohsin Rajput Official नाम के एक अन्य पाकिस्तानी चैनल ने एक फर्जी खबर पोस्ट की जिसमें कहा गया था कि ‘जनरल बिपिन रावत को ले जा रहे भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर को लिट्टे ने निशाना बनाया था।’
पाकिस्तान में कई ऐसे यूट्यूब चैनल भी हैं जो अभी तक ब्लॉक नहीं हुए हैं। ये चैनल भारत के खिलाफ फर्जी और मनगढ़ंत खबरें फैला रहे हैं। साबिर शाकिर लाहौर के रहने वाले हैं और एक जाने-माने पाकिस्तानी टीवी एंकर, पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। उन्होंने एआरवाई न्यूज चैनल के लिए काम भी किया है। इस साल फरवरी में जब उत्तराखंड में जब ग्लेशियर के टूटने से भारी तबाही हुई थी तब साबिर शाकिर ने दावा किया कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में कोई तथ्य पेश नहीं किया, बल्कि उनका मकसद झूठ फैलाकर भारतीय सेना को बदनाम करना था। फेसल तरार नाम के एख और पाकिस्तानी पत्रकार ने अपने यूट्यूब चैनल पर श्रीलंकाई नेवी के भारत पर हमले के बारे में फर्जी खबरें पोस्ट की थीं, जबकि असली खबर भारतीय मछुआरों से जुड़े किसी विवाद की थी।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 20 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को ब्लॉक करने का जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है। भारत में हिंसा और नफरत फैलाने के पाकिस्तान के मंसूबों को बेनकाब करने की जरूरत है। कई बार भारत में लोग अनजाने में इस तरह की झूठी खबरों पर यकीन कर लेते हैं और गुमराह हो जाते हैं, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए। सीमा पार से होने वाले इस प्रॉपेगैंडा वॉर को रोकना जरूरी है। अभी भी कई पाकिस्तानी चैनल हैं जो भारत के खिलाफ ज़हर उगलने में लगे हैं। मंत्रालय को इन चैनलों पर भी नजर रखना चाहिए। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 21 दिसंबर, 2021 का पूरा एपिसोड