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Rajat Sharma's Blog : एक्ज़िट पोल्स आ गये, अब एक्ज़ैक्ट नतीजों का इंतज़ार

मुझे लगता है कि तीन दिसंबर को पांच राज्यों में जनता का जो भी फैसला आए, उसका असर लोकसभा चुनाव पर होगा, ये कहना मुश्किल है। हालांकि एक्जिट पोल्स नतीजे नहीं होते, ये अनुमान ही हैं। एक्जैक्ट नतीजे तो तीन दिसंबर को ही आएंगे। तब तक इंतजार करना चाहिए।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Dec 01, 2023 18:17 IST, Updated : Dec 02, 2023 6:23 IST
Rajat Sharma, India TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरे हो चुके हैं और गुरुवार को जो एक्ज़िट पोल्स आये, उनमें से कई चौंकाने वाले हैं। नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। इंडिया टीवी-CNX एक्जिट पोल्स के मुताबिक,  मध्य प्रदेश में लगातार पांचवीं बार बीजेपी की सरकार बनने की संभावना है, बीजेपी को दो तिहाई बहुमत मिलता दिख रहा है। ये शिवराज सिंह के लिए बहुत अच्छी और कमलनाथ के लिए बहुत बुरी खबर है। एक्जिट पोल में हैरान करने वाले नतीजे राजस्थान को लेकर भी हैं। एक्जिट पोल के मुताबिक, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार एक बार फिर रिपीट हो सकती है, मुकाबला कांटे का है लेकिन बीजेपी कांग्रेस से पीछे दिख रही है। छत्तीसगढ़ में एक्जिट पोल्स के नतीजे अनुमान के मुताबिक ही हैं,  कांग्रेस की सरकार आसानी से बन सकती है, हालांकि पिछली बार के मुकाबले कांग्रेस की सीटें कम होंगी, बीजेपी की सीटें बढ़ेंगी। तेलंगाना से भी कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। एक्जिट पोल्स के मुताबिक, तेलंगाना में दस साल के शासन के बाद केसीआर की विदाई होगी, कांग्रेस यहां बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।

मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के नतीजे सबसे ज्यादा चौंकाने वाले हैं। एक्जिट पोल के नतीजे ऐसे हैं जिसकी कल्पना न बीजेपी के नेताओं ने की थी और न कांग्रेस के नेताओं ने। एक्जिट पोल्स के मुताबिक, बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं पर जनता ने मुहर लगाई है। शिवराज को पूरे नंबरों के साथ पास किया है। इंडिया टीवी-CNX एक्जिट पोल के मुताबिक, मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीट में से बीजेपी को 140 से 159 सीट मिल सकती हैं, यानि बीजेपी को दो तिहाई से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। एक्जिट पोल के मुताबिक, कांग्रेस 70 से 89 सीटों के बीच सिमट जाएगी। मैंने कांग्रेस के लिए ‘सिमट जाएगी’ शब्दों का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी 109 पर रह गई थी लेकिन इस बार बीजेपी को पचास सीटों तक का फायदा होता दिख रहा है जबकि कांग्रेस को 24 से लेकर 44 सीटों का नुकसान हो सकता है। ये कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के लिए बड़ा झटका और शिवराज सिंह चौहान के लिए बहुत बड़ी जीत का संकेत है। वोट शेयर के मुताबिक, पिछली बार बीजेपी को 41 परसेंट वोट मिले थे और इस बार उसमें पांच परसेंट की बढ़त दिख रही है जबकि कांग्रेस को तीन परसेंट के घाटे के साथ करीब 38 परसेंट वोट मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो तो शुरू से ये बात कह रहे थे कि बीजेपी को सवा सौ से डेढ़ सौ सीट मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व और उनकी सरकार की लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना और तीर्थ दर्शन योजना जैसी स्कीम्स का फायदा बीजेपी को मिला। कांग्रेस नेता कमल नाथ ने रात को ट्विटर पर लिखा- “3 दिसंबर को जब मतगणना शुरू होगी तो कांग्रेस की सरकार पर जनता की मुहर लग जाएगी। मैंने हमेशा आपसे कहा है कि देश विजन से चलता है, टेलीविजन से नहीं। बहुत से एक्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती हुई दिखाई दी है जबकि कुछ एक्जिट पोल अन्य तरह की बात कर रहे हैं। आपको इस सबसे अपना ध्यान भटकने नहीं देना है। अर्जुन की तरह आपको निगाहें सिर्फ अपने लक्ष्य पर रखनी है। आपको अपना पूरा ध्यान मतगणना के दिन पर लगाना है और यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस को मिला एक-एक वोट सही से गिना जाए और प्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस की सरकार बने। जय कांग्रेस, विजय कांग्रेस। “ दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में जो नतीजे आएंगे वो एक्जिट पोल से बिल्कुल उल्टे होंगे। प्रदेश की जनता शिवराज सिंह चौहान के शासन से ऊब चुकी है, बदलाव चाहती है। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस 135 से ज्यादा सीटें जीतेगी।

अगर तीन दिसंबर को नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं, तो यह शिवराज सिंह चौहान की बहुत बड़ी जीत होगी क्योंकि बीजेपी के नेताओं को भी लग रहा था कि शिवराज चौहान ने भले ही बहुत काम किया हो, अच्छी योजनाएं लागू की हों, लेकिन 18 साल से वह मुख्यमंत्री हैं,  इसलिए एक फटिग फैक्टर (थकावट वाला कारण) काम कर सकता है। इसीलिए बीजेपी ने शिवराज को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश  नहीं किया, लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने इसे एक चुनौती के तौर पर लिया, जबरदस्त मेहनत की, डेढ़ सौ से ज्यादा सभाएं की, हर जिले में, हर विधानसभा क्षेत्र में गए, सबको साथ लेकर चले। सबसे बड़ी बात ये है कि मध्य प्रदेश ने महिलाओं के लिए जो काम किए, लाडली बहना, सुकन्या योजना, लाडली लक्ष्मी जैसी 19 ऐसी स्कीम्स लागू कीं, जो महिलाओं को सशक्त करने वाली हैं, इसीलिए इस बार महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा और ये बीजेपी के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता दिखाई दे रहा है। अगर एक्जिट पोल्स के नतीजे सही साबित होते हैं तो शिवराज सिंह चौहान का कद बीजेपी में बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उनकी दावेदारी और ज्यादा पक्की हो जाएगी।  दूसरी तरफ ये नतीजे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के राजनीतिक सफर पर बहुत बड़ा स्पीड ब्रेकर साबित होंगे।

छत्तीसगढ़

लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति बिल्कुल भिन्न है। मध्य प्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी सरकार के रिपीट होने की उम्मीद है। इंडिया टीवी-CNX एक्जिट पोल के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बन सकती है। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 46 से 56 सीटें मिलने का अनुमान हैं जबकि बहुमत के लिए 45 सीटें चाहिए। पिछली बार कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं थीं। इस लिहाज से कांग्रेस की पन्द्रह से बीस सीटें कम हो सकती है। दूसरी तरफ बीजेपी को 30 से 40 सीट मिल सकती हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 15 सीटें मिलीं थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि कांग्रेस को सत्तर से ज्यादा सीटें मिलेंगी। कांग्रेस के लिए एक मुश्किल मुख्यमंत्री पद हो सकता है। हालांकि भूपेश बघेल दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन टी.एस. सिंहदेव की भी दावेदारी है। पिछली बार कहा गया था कि कांग्रेस हाईकमान ने ढाई-ढाई साल सीएम की डील की थी। गुरुवार को एक्जिट पोल के नतीजे आने के बाद टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि नतीजे आने दीजिए, उसके बाद मुख्यमंत्री पद पर फैसला हाईकमान करेगा।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पास मजबूत नेतृत्व नहीं था, संगठन बिखरा हुआ था। भूपेश बघेल ने चुनाव की तैयारी एक साल पहले से शुरू कर दी थी, पार्टी और संगठन उनके साथ था, धान की खरीद से लेकर गोबर खरीद जैसी योजनाएं उन्होंने पहले लागू कर दी। इसका फायदा भूपेश बघेल को मिलता दिख रहा है। हां, ये जरूर है कि अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता है, तो भूपेश बघेल ही मुख्यमंत्री होंगे। मुझे लगता है कि टीएस सिंह देव का इंतजार और बढ़ जाएगा।

राजस्थान

राजस्थान से भी कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। बीजेपी को राजस्थान से बहुत उम्मीद है लेकिन एक्जिट पोल्स के नतीजे राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होने का इशारा कर रहे हैं। अशोक गहलोत के जादू का असर दिख रहा है। एक्जिट पोल के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस को 94 से 104 के बीच सीट मिलती दिख रही हैं। बहुमत का आंकड़ा 100 का है। बीजेपी को 80 से 90 सीटें मिलने का अनुमान है। दिलचस्प बात ये है कि पिछली बार की तरह राजस्थान में इस बार भी छोटी पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी क्योंकि एक्जिट पोल्स के मुताबिक राजस्थान में छोटी पार्टियां और निर्दलीयों को भी 14 से 18 सीट मिल सकती हैं। सीटों के मामले में भले ही कांग्रेस का आंकड़ा बीजेपी से 10 से 15 सीट ज्यादा दिख रहा हो लेकिन वोट शेयर के मामले में दोनों ही पार्टियां बराबरी पर हैं। बीजेपी को 42 परसेंट वोट और कांग्रेस को 43 परसेंट वोट मिल सकते हैं। एक्जिट पोल के नतीजों से अशोक गहलोत जोश में हैं। गहलोत ने कहा कि वो तो शुरू से कह रहे हैं कि इस बार तीस साल का रिकॉर्ड टूटेगा, राजस्तान में तीस साल के बाद पहली बार सरकार रिपीट होगी, उन्हें हमेशा से भरोसा था कि उनकी सरकार रिपीट हो रही है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई हवा नहीं थी, और कैंपेन के दौरान बीजेपी के नेताओं ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, उससे भी कांग्रेस को फायदा हुआ। गहलोत ने एक गौर करने वाली बात कही। कहा, कि बीजेपी ने चुनाव में जिस तरह धर्म को मुद्दा बनाया, जिस तरह वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की, उसमें बीजेपी अगर कामयाब हुई तो बात अलग है, वरना सरकार तो कांग्रेस की ही बनेगी। वैसे जीत के दावे करने में बीजेपी के नेता भी पीछे नहीं हैं। बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि बीजेपी को 135 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। एक्जिट पोल्स के नतीजे राजस्थान में कांटे की टक्कर दिखा रहे हैं, कांग्रेस थोड़ी आगे है, ये बीजेपी के नेताओं के लिए परेशान कर सकता है लेकिन अगर एक्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो कांग्रेस को फायदा का सारा श्रेय अशोक गहलोत को देना पड़ेगा। राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति में एक बुनियादी फर्क था। कांग्रेस ने वक्त रहते अशोक गहलोत को खुला हाथ देने का फैसला किया, चुनाव की कमान पूरी तरह गहलोत को सौंप दी लेकिन बीजेपी ने वसुन्धरा राजे को मंच पर लाने में देर कर दी, इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओं में भ्रम वाली स्थिति रही, और इसका फायदा गहलोत को मिलता दिख रहा है।

तेलंगाना

तेलंगाना से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। एक्जिट पोल्स के मुताबिक, तेलंगाना में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की विदाई और कांग्रेस की सरकार बनना तय है। इंडिया टीवी के एक्जिट पोल के मुताबिक, 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस को 63 से 79 सीट मिल सकती है। 10 साल से सरकार चला रहे चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति को 31 से 47 सीट मिल सकती हैं जबकि ओवैसी की पार्टी AIMIM को 5 से 7 और बीजेपी को तेलंगाना में  2 से चार सीट मिल सकती हैं। पिछली बार तेलंगाना में कांग्रेस को सिर्फ 19 सीट मिली थी जबकि BRS को 68 सीटें मिली थी। कांग्रेस के वोट शेयर में 14 परसेंट की उछाल दिखाई दे रही है, जबकि BRS का वोट शेयर  9 परसेंट के घाटे के साथ 38 परसेंट पर रह सकता है। लेकिन केसीआर की बेटी के कविता ने कहा हैं कि एक्जिट पोल चाहे कुछ भी कहें लेकिन BRS इस बार सेंचुरी मारेगी। तेलंगाना राज्य UPA शासन में बना था मगर, कांग्रेस कभी इसका श्रेय नहीं ले सकी। अलग राज्य बनने का पूरा श्रेय के. चंद्रशेखर राव ले गए। पिछली बार केसीआर को अपनी जीत को लेकर इतना पुरज़ोर यकीन था कि उन्होंने एक साल पहले ही चुनाव करा लिया। लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई दिखाई दे रही है। तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष रेवंता रेड्डी कह रहे हैं कि इस बार कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। रेवंता रेड्डी ने तो शपथ ग्रहण की तारीख 9 दिसम्बर भी तय कर दी है। लेकिन कांग्रेस के दावे को असद्दुदीन ओबैसी ने हवा-हवाई बताया। कहा, कि कोई कुछ भी कहे लेकिन तीन तारीख को सच सामने आ जाएगा, KCR एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।  तेलंगाना में इस बार बदलाव की हवा साफ दिख रही थी। कांग्रेस को सरकार बनने की उम्मीद थी इसलिए कांग्रेस ने जबरदस्त मेहनत की। कांग्रेस और BRS में मुकाबला मुस्लिम वोटर्स को साथ लेने का था। अब तक ओबैसी की मदद से मुस्लिम वोटर्स केसीआर के साथ रहते थे लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है कि मुसलमानों का एकमुश्त वोट कांग्रेस को मिला है और इसी का असर है कि एक्जिट पोल में कांग्रेस तेलंगाना में सरकार बनाती दिख रही है।

मिज़ोरम

मिजोरम में एक बार फिर मिज़ो नेशनल फ्रंट के नेता  मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा दौड़ में आगे दीख रहे हैं। ज़ोरमथंगा की MNF को 14 से 18 सीटें मिल सकती हैं, जबकि ललदुहोमा की ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट को 12 से 16 सीट मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस को 8 से 10 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। बीजेपी भी यहां 2 सीट जीत सकती है।

इन पांच राज्यों के चुनावों को लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल कहा जा रहा है। अगर एक्जिट पोल्स के हिसाब से नतीजे आए, अगर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और  तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस समेत विरोधी दलों के नेता यही दावा करेंगे कि देश में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ लहर है। लेकिन मैं याद दिलाना चाहता हूं कि पांच साल पहले भी राजस्थान, मध्य प्रदेश  और छत्तीगढ़ में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, तेलंगाना में भी बीजेपी हारी थी लेकिन पांच महीने बाद जब लोकसभा चुनाव हुए तो राजस्थान की सभी पच्चीस सीटें बीजेपी ने जीतीं, मध्य प्रदेश में 29 में 28 सीटें बीजेपी ने जीतीं, छत्तीसगढ़ की 11 में से 9 सीटें बीजेपी ने जीतीं। इसलिए मुझे लगता है कि तीन दिसंबर को पांच राज्यों में जनता का जो भी फैसला आए, उसका असर लोकसभा चुनाव पर होगा, ये कहना मुश्किल है। हालांकि एक्जिट पोल्स नतीजे नहीं होते, ये अनुमान ही हैं। एक्जैक्ट नतीजे तो तीन दिसंबर को ही आएंगे। तब तक इंतजार करना चाहिए। और 3 दिसंबर को जब फाइनल नतीजे आएंगे, इंडिया टीवी ने सबसे तेज नतीजे आप तक पहुंचाने के लिए खास इंतजाम किए हैं। 3 दिसंबर को ये स्पेशल कवरेज सुबह 6 बजे से देख सकते हैं। मेरे साथ इंडिया टीवी रिपोर्टर्स की पूरी टीम होगी, नए और मॉडर्न ग्राफिक्स होंगे, एक्सपर्ट्स का पैनल होगा। तो 3 दिसंबर को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे देखिए मेरे साथ, सुबह 6 बजे से। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 30 नवंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

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