मुसलमानों को देश के संसाधनों में पहली प्राथमिकता देने के सवाल पर शुक्रवार को सोशल मीडिया पर बीजेपी ने 2009 का एक पुराना वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उस समय के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह मुबई की एक प्रेस कान्फ्रेन्स में ये कहते हुए दिखाये गये हैं कि अल्पसंख्यकों, खास कर गरीब मुसलमानों, का देश के संसाधनों पर पहला हक़ है। अप्रैल 2009 में ये प्रेस कॉन्फ्रेंस उसी साल होने जा हे लोकसभा चुनाव से पहले कराई गई थी। डॉक्टर मनमोहन सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट कह रहे हैं कि वह अभी भी ये राय रखते हैं कि देश के संसाधनों पर गरीब मुसलमानों का पहला हक़ है। इससे एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र निख कर कहा था कि उन्होंने शब्दों को तोड़ मरोड़ कर आरोप लगाया है ताकि साम्प्रदायिक वैमनस्य पैदा हो। अपने पत्र में खरगे ने लिखा था कि ऐसा करके आप अपनी कुर्सी की मर्यादा को कम कर रहे हैं। शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने मनमोहन सिंह का नया वीडियो जारी करते हुए कहा कि इससे कांग्रेस के झूठ और स्पष्टीकरणों का पर्दाफाश हो जाता है। इससे भाजपा का ये आरोप सच साबित होता है कि मुसलमानों को खास तवज्जोह के साथ प्राथमिकता देना कांग्रेस की नीति बन चुकी है। ये वीडियो कांग्रेस की इस सोच का सबूत है कि आरक्षण से लेकर संसाधनों तक सभी मामलों में वह मुसलमानों को प्राथमिकता देना चाहती है।
ये विवाद ऐसे समय पैदा हुआ है जब शुक्रवार को करोड़ों वोटरों ने दूसरे चरण में 88 चुनाव क्षेत्रों में मतदान किया। मोदी ने उत्तर प्रदेश की रैलियों में कहा कि दो शहजादों की जो जोड़ी आजकल घूम रही है, वो पिछड़ों का हक मारने के लिए निकली है, ये लोग पिछड़ों का आरक्षण छीन कर अपने खास वोट बैंक को देना चाहते हैं, लेकिन उनके इरादों के सामने मोदी दीवार बनकर खड़ा है, इसीलिए अब उन्हें गालियां दी जा रही हैं। मोदी ने कहा कि ये दोनों पिछड़ों के हक का आरक्षण छीनकर उसे अपने चहेतों को देना चाहते हैं, यहां अपने चहेतों का मतलब मुसलमानों से था। मोदी ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है लेकिन इंडी अलायंस के लोगों ने ठान लिया है कि वो सुधरेंगे नहीं, धर्म के आधार पर आरक्षण नीति लाएंगे और पिछड़ों से उनका हक छीन लेंगे। मोदी ने आगरा की रैली में तमाम पिछड़ी जातियों का नाम लिया, कुर्मी, मौर्या, कुशवाहा, यादव, गुर्जर, जाट, राजभर, तेली और पाल। इन जातियों के लोगों को सीधे एड्रेस किया और कहा कि सभी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के मंसूबों से सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि यूपी के दो लड़कों की जोड़ी अब पिछड़ों से विश्वासघात कर रही है, अखिलेश यादव मुसलमानों का वोट पाने के लिए यादवों को ही धोखा दे रहे हैं।
ये सही है कि मोदी ने अपनी चुनावी सभा में खुलकर मुसलमानों का जिक्र किया पर वास्तव में मुसलमान शब्द का इस्तेमाल मोदी ने सिर्फ राजस्थान की रैली में किया था। इसके बाद मोदी बार-बार ये कह रहे हैं कि कांग्रेस पिछड़ों का आरक्षण छीन कर अपने चहेतों को देना चाहती है और वो कर्नाटक का उदाहरण दे रहे हैं। कांग्रेस के नेता इस बात से तो इंकार नहीं कर सकते कि कर्नाटक में मुसलमानों को आरक्षण मिल रहा है लेकिन कांग्रेस सफाई में ये कह रही है कि कर्नाटक में मुसलमानों को आरक्षण तीस साल से मिल रहा है, वो मजहब के आधार पर नहीं हैं, गरीबी के आधार पर है। लेकिन सवाल ये है कि क्या सारी मुस्लिम जातियां सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ी हैं, सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर सभी मुस्लिम जातियों को आरक्षण के दायरे में लाया गया, सभी मुसलमानों को आरक्षण मिल रहा है, ये मजहब के आधार पर नहीं हुआ तो और क्या है? तीसरी बात, अगर कांग्रेस मोदी की बात को गलत साबित करना चाहती है तो कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ये एलान क्यों नहीं करती कि वो मुसलमानों का आरक्षण खत्म करेगी और कांग्रेस की सरकार किसी भी राज्य में मुसलमानों को आरक्षण नहीं देगी? चूंकि कांग्रेस ऐसा करेगी नहीं, इसीलिए नरेंद्र मोदी के हमले जारी रहेंगे और कांग्रेस के नेता गुस्से में मोदी को गालियां देंगे, लेकिन मोदी ने कांग्रेस की इस गलती को भी अपने पक्ष में मुद्दा बना लिया। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 25 अप्रैल, 2024 का पूरा एपिसोड