Friday, November 15, 2024
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Rajat Sharma's Blog | क्या हिन्दू हिंसा फैलाते हैं ?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में कह दिया कि हिंदू हिंसा फैलाते हैं, नफरत फैलाते हैं, असत्य फैलाते हैं। उनके इस बयान पर संसद में काफी हंगामा हुआ। अब उनके इस बयान की चहुंओर निंदा हो रही है।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: July 03, 2024 6:20 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता के तौर पर लोकसभा में पहला भाषण दिया और पहले ही दिन ज्यादा हीरो बनने के चक्कर में क्लीन बोल्ड हो गए।  भगवान शिव का जिक्र करते करते, राहुल ने कह दिया कि खुद को हिन्दू कहने वाले दिन भर हिंसा फैलाते हैं, दिन भर हिंसा हिंसा..नफरत...नफरत और असत्य असत्य फैलाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पकड़ लिया, तुंरत इस पर आपत्ति जताई। मोदी ने कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना ठीक नहीं हैं, ये गंभीर बात है। इसके बाद अमित शाह, राजनाथ सिंह, किरण रिजिजु, अश्विनी वैष्णव, योगी आदित्यनाथ, देवेन्द्र फड़नवीस, रविशंकर प्रसाद से लेकर सुधांशु त्रिवेदी तक, बीजेपी के तमाम नेताओं ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया, उनके बयान पर नाराजगी जाहिर की। अमित शाह ने राहुल गांधी से हिंदुओं को हिंसक कहने के लिए पूरे हिन्दू समाज से माफी मांगने की मांग की। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिन्दुत्व भारत की आत्मा है, हिन्दुत्व विश्व बन्धुत्व का पोषक है, हिंदुओं को हिंसक कहना ये कांग्रेस की हिन्दुओं के प्रति नफरत का सबूत है। महाराष्ट्र विधानसभा में तो बीजेपी के नेता राहुल गांधी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव ले आए। बड़ी बात ये है कि राहुल गांधी ने, नेता विपक्ष के तौर पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की, उन्होंने अग्निवीर योजना, जमीन अधिग्रहण कानून, किसान आंदोलन, NEET एक्जाम के पेपर लीक जैसे तमाम मुद्दे उठाए लेकिन राहुल पूरी तैयारी के साथ नहीं आए थे, इसलिए चाहे किसानों का मुद्दा हो, जवानों का मुद्दा हो या पेपर लीक का, सरकार की तरफ से राहुल गांधी को उसी वक्त काउंटर किया गया।विपक्ष सरकार को अपनी बढ़ी हुई ताकत का एहसास कराना चाहता था।

राहुल गांधी का भाषण पुरानी घिसी पिटी लाइन पर था। लेकिन हकीकत ये है कि हिन्दू और हिन्दुत्व के मुद्दे पर राहुल गांधी गांधी की गलती ने सारे मुद्दों को पटरी से उतार दिया। राहुल गांधी का ये कहना कि हिंदू हिंसा फैलाते हैं, नफरत फैलाते हैं, असत्य फैलाते हैं, एक सेल्फ गोल था। पहली बात तो हिंदू समाज के बारे में ये बातें बेबुनियाद हैं, गुमराह करने वाली हैं। हिंदू समाज तो पूरे विश्व में अपनी सहनशीलता और धैर्य के लिए जाना जाता है। हिंदुओं ने हमेशा शांति का पाठ पढ़ा और पढ़ाया है। हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार के लिए, कभी भी,  कहीं भी, किसी ने हिंसा..नफरत और असत्य का सहारा नहीं लिया। हिंदू धर्म का मूल है- वसुधैव कुटुंबकम, यानी सारी धरती हमारा परिवार है। हिंदू धर्म में तो मान्यता है कि जीव-जंतु में इंसान के समान चेतना है, यहां तक कि पेड़ पौधौं की भी पूजा की जाती है। नफरत का कोई स्थान नहीं है। हिंदू धर्म के आयोजनों में नारा लगता है, धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सदभावना हो, और विश्व का कल्याण हो। जब इस धर्म और उसके अनुयायियों में ऐसी भावना हो, तो गलती से भी उन्हें हिंसक कैसे कहा जा सकता है? राजनीति के लिहाज से भी देखें तो भी ये सेल्फ गोल था। राहुल गांधी ने गलती की और नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ को जबरदस्त अवसर दे दिया। ये कौन मानेगा कि हिन्दू हिंसा फैलाते  है? ये कौन मानेगा कि  हिंदू धर्म की मूल भावना असत्य पर आधारित है? इसलिए हिंदुओं को हिंसक कहने के कारण राहुल गांधी का आज का पूरा का पूरा भाषण पटरी से उतर गया। 

राहुल गांधी ने अपने भाषण का थीम पुराना ‘डरने डराने वाला’ आईडिया रखा था। वो हमेशा से ये कहते आए हैं कि नरेंद्र मोदी सबको डराते हैं। आज भी वो संसद में ये कहना चाहते थे कि मोदी सरकार सबको डराती है, नौजवानों को किसानों को नेताओं को, लेकिन उनके बाद इस थीम को सपोर्ट करने के लिए तथ्य़ और आंकड़े नहीं थे, क्योंकि वो संसद में  बोल रहे थे। उनके सामने अनुभवी सांसद बैठे हुए थे। इसलिए राहुल गांधी जहां-जहां विषय़वस्तु पर गलत बोले, वहां-वहां पकडे गए। अग्निवीर पर गलत बयानी की तो राजनाथ सिंह ने पकड़ लिया। उन्हें बता दिया कि अग्निवीर जब शहीद होते हैं तो उन्हें 1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाता है। राहुल गांधी किसानों पर आधा सच, आधा झूठ बोले। MSP पर सदन को गुमराह किया तो शिवराज सिंह चौहान ने तुरंत गलती पकड़ ली। अध्यक्ष के आचरण  पर सवाल उठाए तो ओम बिरला ने आईना दिखा दिया। अयोध्या में मुआवज़े के भुगतान पर गलत बयानी की तो मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुआवज़ों की पूरी फैक्ट शीट पब्लिक के सामने रख दी। असल में राहुल ये समझ नहीं पाए कि संसद में बोलने में और पब्लिक के बीच  भाषण देने में क्या फर्क होता है। अब अमित शाह ने स्पीकर से मांग की है कि राहुल के भाषण का फैक्ट चैक करवाएं। अगर राहुल की बातें तथ्यों के हिसाब से गलत साबित हुई, तो ये विरोधी दलों के लिए बड़ी परेशानी का सबब होगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 01 जुलाई, 2024 का पूरा एपिसोड

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