Friday, November 22, 2024
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Rajat Sharma's Blog: मोदी के पीएम बनने का रास्ता साफ, विपक्ष को इंतज़ार करना पड़ेगा

कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी करके मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोका जाना चाहिए। लेकिन आंकड़े ऐसे हैं कि मोदी को तीसरे टर्म से रोक पाना असंभव है।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: June 07, 2024 6:24 IST
Rajat sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। बुधवार को सहयोगी दलों की मीटिंग में नरेन्द्र मोदी को NDA का नेता चुन लिया गया। अब NDA के नेता राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। राष्ट्पति को NDA में शामिल पार्टियों के नेताओं के दस्तखत वाली समर्थन की चिट्ठी सौंप दी जाएगी। इसके साथ ही नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा। राष्ट्रपति ने बुधवार शाम को मोदी सरकार के मंत्रियों के सम्मान में विदाई भोज दिया। NDA के पास 292 का आंकड़ा है, बहुमत के लिए 272 चाहिए, इसलिए मोदी की सरकार बनेगी, इसमें कोई संशय नहीं है। 

बुधवार को INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी साफ कर दिया कि फिलहाल वो विपक्ष में ही बैठेंगे, सरकार बनाने की कोई कोशिश नहीं करेंगे। सुबह संजय राउत कह रहे थे कि बीजेपी के पास तो सिर्फ 240 हैं, जबकि INDIA गठबंधन के पास ढाई सौ सांसद हैं, नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू तो सबके दोस्त हैं लेकिन चन्द्रबाबू नायडू ने दिल्ली पहुंचने से पहले हैदराबाद में ही कह दिया कि वो NDA के साथ हैं, NDA के साथ ही रहेंगे। नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने भी साफ कर दिया कि वह NDA के साथ ही रहेंगे। शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कह दिया कि उनका गठबंधन सरकार बनाने की कोई कोशिश नहीं करेगा। अब सवाल सिर्फ इतना है कि नरेन्द्र मोदी पहली बार ऐसी सरकार का नेतृत्व करेंगे जो सहयोगी दलों के समर्थन पर टिकी होगी। 

NDA की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, टीडीपी के अध्यक्ष चन्द्रबाबू नायडु, जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिन्दे, लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, RLD के जयन्त चौधरी, NCP के प्रफुल्ल पटेल, JD-S से एच डी कुमार स्वामी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चे के जीतनराम मांझी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के सुदेश महतो, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, आंध्र प्रदेश से जनसेना के अध्यक्ष पवन कल्याण, असम गण परिषद के अतुल बोरा, सिक्किम क्रांतिकारी परिषद के इंद्र सुब्बा और नॉर्थ ईस्ट के एलायंस पार्टनर्स के नेता शामिल हुए। सबसे पहले सभी दलों ने नरेंद्र मोदी को NDA का नेता चुन लिया। इसके बाद सभी पार्टियों ने बीजेपी, को समर्थन की चिट्ठी दे दी। अब 7 जून को NDA के सभी सासंदों की मीटिंग होगी जिसमें मोदी को NDA संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। उसी दिन  NDA की तरफ से सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। 

इस बीच राजनाथ सिंह, अमित शाह, जे पी नड्डा मंत्रिमंडल को लेकर सभी सहयोगी दलों से बात करेंगे। ये फॉर्मूला तय किया गया है कि पांच सांसदों पर एक कैबिनेट मंत्री का पद दिया जाएगा। जैसे चुनाव नतीजों के बाद सबके अपने अपने विश्लेषण हैं, उसी तरह सरकार बनाने को लेकर  नेताओं को अपने अपने interpretation हैं। बीजेपी के लिए बुधवार को जश्न का दिन था क्योंकि इस बात में अब कोई शक़ नहीं रहा कि एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी। मोदी विरोधी मोर्चे में कई नेता ऐसे हैं जो अभी भी यही सोच सोचकर खुश हैं कि कभी तो चंद्रबाबू या नीतीश कुमार मोदी के लिए समस्या पैदा करेंगे। कांग्रेस के लिए यही बड़ी बात है कि मोदी विरोधी मोर्चे में सबसे ज्यादा सीटें उसे मिली हैं और अब इस मोर्चे का नेतृत्व  उसके पास रहेगा। 

अखिलेश भैया खुश हैं कि 4-4 बार हारने के बाद उन्होंने यूपी में बीजेपी से ज्यादा सीटें हासिल कर लीं। उनकी वजह से बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला। चाचा शरद पवार खुश हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र में भतीजे को रोक लिया। ममता दीदी प्रसन्न हैं कि उन्होंने बीजेपी को पैर नहीं फैलाने दिए। जो जीता वो भी खुश, जो हारा वो भी खुश। इसी को कहते हैं सबका साथ सबका विकास।  INDIA अलायन्स ने अपनी हार मान ली। गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि फिलहाल गठबंधन विपक्ष में ही बैठेगा, सरकार बनाने की कोई कोशिश नहीं की जाएगी। बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी,प्रियंका गांधी के अलावा शरद पवार, एम के स्टालिन, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी, सीताराम येचुरी, उमर अबदुल्ला, संजय राउत, डी राजा, चंपई सोरेन, कल्पना सोरेन, संजय सिंह और राघव चड्ढा समेत 33 नेताओं ने हिस्सा लिया। करीब दो घंटे तक चली मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि नंबर न होने के बावजूद क्या सरकार बनाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। सारे दलों ने तय किया कि विपक्षी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सही वक्त का इंतजार करेगा। खरगे ने कहा कि जनता तानाशाही से आजादी चाहती है, गठबंधन सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा और सही वक्त आने पर कदम उठाएगा। 

एनसीपी के संस्थापक शरद पवार इस बात को समझते हैं कि इस समय मोदी को सरकार बनाने से नहीं रोका जा सकता। वो जानते हैं कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को NDA से अलग करना मुश्किल होगा। ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे जैसे नेता इसीलिए बैठक में नहीं आए क्योंकि उन्हें पता है कि फिलहाल सरकार बनाने के रास्ते तो बंद हैं। लेकिन राहुल गांधी तो अपनी हर चुनाव रैली में कहते थे, लिखकर ले लो, 4 जून के बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। इसीलिए कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी करके मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोका जाना चाहिए। लेकिन आंकड़े ऐसे हैं कि मोदी को तीसरे टर्म से रोक पाना असंभव है। चुनाव के नतीजे आने के बाद भी मोदी विरोधी मोर्चे के कई नेताओं ने कहा था, हमारी सरकार बनेगी, अगर नहीं बनी तो सब कहेंगे कि सब मिलकर लड़े फिर भी मोदी को नहीं रोक पाए। दो घंटे तक जो बैठक हुई, उसमें कई बार ये बात उठी लेकिन फिर एक नेता ने समझाया कि अकेले बीजेपी के पास 240 सांसद हैं, हमारी इतनी पार्टियों को मिलाकर भी 234 सांसद ही हैं,  इसीलिए फिलहाल इंतज़ार करो और देखते रहो, के अलावा कोई रास्ता नहीं है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 5 जून 2024 का पूरा एपिसोड

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