पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन की, एक और आतंकवादी की, कुछ अनजान लोगों ने हत्या कर दी। दहशतगर्द अदनान अहमद उर्फ अबु हंजला को कराची में सरेआम गोली मार दी गई। ये वारदात अबु हंजला के सेफ हाउस के बाहर हुई। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने अबु हंजला को चौबीसों घंटे की सुरक्षा दी थी, लेकिन इसके बावजूद हत्यारे उन तक पहुंच गये और उनका काम तमाम कर दिया। इस खबर ने पाकिस्तान से ऑपरेट करने वाले दहशतगर्दों और उनके आकाओं के होश उड़ा दिए। अबु हंजला लश्कर-ए-तैयबा का दहशतगर्द था, वो अपने सरगना हाफिज सईद का करीबी था। बड़ी बात ये है कि अबु हंजला के कत्ल के साथ ही एक बार फिर पाकिस्तान में ये चर्चा शुरु हो गई कि आखिर वो कौन से सीक्रेट एजेंट्स हैं जो पाकिस्तान में भारत को दुश्मनों का चुन-चुन कर सफाया कर रहे हैं? और खौफ इस बात का है कि इनकी हिटलिस्ट में अगला नंबर किसका है? मंगलवार को खबर आई थी कि मुंबई के 26/11 हमलों को मास्टरमाइंड साजिद मीर को जेल में जहर देकर मार दिया गया। वो डेरा गाजी खान की सेंट्रल जेल में बंद था। पाकिस्तान से एक और आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे की मौत की खबर भी आई। रोडे लुधियाना कोर्ट में धमाके को अंजाम देने वाला खालिस्तान समर्थक आतंकवादी था। अब सवाल ये है कि पाकिस्तान के अंदर वो अनजान क़ातिल कौन हैं, जो ISI की कड़ी सुरक्षा के बावजूद हत्याएं करने में कामयाब रहे? वो कौन हैं जिनकी पहुंच पाकिस्तानी जेलों के अंदर भी है? वो कौन हैं जो जब चाहे जहां चाहे भारत के दुश्मनों को निशाना बना लेते हैं?
नोट करने वाली बात ये है कि अब तक जितने क़त्ल हुए हैं, उसमें उन्हीं दहशतगर्दों की मौत हुई है जिनका भारत में हुए हमलों में बड़ा रोल रहा है। लश्कर का ऑपरेटिव अदनान अहमद उर्फ अबु हंजला भी उनमें से एक था। अदनान 2015 में उधमपुर में BSF के काफ़िले पर हमले का मास्टमाइंड था, 2016 में पांपोर में CRPF के कैंप पर हमले में भी उसका नाम आया था। अदनान को कराची के नाज़िमाबाद इलाक़े में उसके छुपने के अड्डे पर गोली मारी गई। जख़्मी हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पाकिस्तानी मीडिया में अदनान की हत्या की बहुत चर्चा हो रही है। वहां के डिफेंस एक्सपर्ट, पाकिस्तानी फौज के क़रीबी लोग ही अदनान की हत्या पर सवाल उठा रहे हैं। वो सीधे-सीधे अदनान के क़त्ल के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। अदनान अहमद के बारे में पता चला है कि उसे 3 दिसंबर को कराची में गोली मारी गई थी लेकिन पाकिस्तान में उसकी हत्या की ख़बर को छुपाया गया। पाकिस्तान के सिक्योरिटी एक्सपर्ट क़मर चीमा ने कहा कि ये पहला मौक़ा नहीं है, जब भारत में वांटेड किसी शख़्स को पाकिस्तान में मार दिया गया। क़मर चीमा ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत के एजेंट, पाकिस्तान में घुसकर, अपने देश के दुश्मनों का सफ़ाया कर रहे हैं, और बेइज़्ज़ती से बचने के लिए पाकिस्तान सरकार, ISI और वहां की फ़ौज ये बातें छुपा रही है।
क़मर चीमा ने जो बात इशारों में कही, उसकी जानकारी मैं आपको विस्तार से देता हूं। दरअसल पिछले एक साल में पाकिस्तान के अलग अलग इलाक़ों में अदनान जैसे 12 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। ये सब वो आतंकवादी थे, जो भारत में कई हमलों में शामिल थे, भारत में ये लोग वांटेड थे। दो दिन पहले ही ख़बर आई थी कि लश्कर के एक और आतंकी साजिद मीर को लाहौर की कोट लखपत जेल में ज़हर दिया गया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई। साजिद मीर को लाहौर के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। साजिद मीर मुंबई पर 26/11 के हमले की साज़िश में शामिल था। मुंबई पर हमले के दौरान वो कराची से सैटेलाइट फ़ोन पर आतंकवादियों को हिदायत दे रहा था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी बात को रिकॉर्ड भी किया था और उसका ऑडियो यूनाइटेड नेशंस में भी सुनाया गया था। साजिद मीर को आतंकी फंडिंग के जुर्म में 8 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी और वो लाहौर की जेल में सज़ा काट रहा था। जेल में ही उसको ज़हर दिया गया। दिलचस्प बात ये है कि जिस शख़्स को साजिद मीर को खाना देने की ज़िम्मेदारी थी, वो लापता है और पाकिस्तानी पंजाब की पुलिस उसको तलाश रही है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक़, पिछले एक साल में भारत में वांटेड, सैयद ख़ालिद रज़ा, बशीर अहमद पीर, परमजीत सिंह पंजवाड़, सरदार हुसैन, रियाज़ अहमद उर्फ़ अबु क़ासिम, ज़िया उर रहमान, शाहिद लतीफ़, शाहिद इलियास, मुहम्मद मुज़म्मिल, लखबीर सिंह रोड़े जैसे कई आतंकवादी पाकिस्तान में मारे जा चुके हैं। इन सब का भारत में किसी न किसी आतंकवादी हमले में हाथ रहा था।
ख़ास तौर से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादियों को चुन-चुनकर पाकिस्तान में टारगेट किया जा रहा है। अबु हंजला से पहले 9 नवंबर को अकरम ख़ान ग़ाज़ी को अज्ञात लोगों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गोली मार दी थी। 5 नवंबर को लश्कर का एक और आतंकवादी ख्वाजा शाहिद इलियास की लाश लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पास मिली थी। उसका सिर क़लम कर दिया गया था। इसी साल सितंबर में रियाज़ अहमद उर्फ़ अबु क़ासिम को POK में अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी। वहीं, अक्टूबर में पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ़ की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शाहिद लतीफ़ को सियालकोट शहर में उस वक़्त गोली मारी गई, जब वो मस्जिद से बाहर निकल रहा था। वो जैश-ए-मुहम्मद से जुड़ा हुआ था। 1994 में शाहित लतीफ़ को भारत में 16 साल क़ैद की सज़ा मिली थी। सज़ा काटने के बाद 2010 में शाहिद लतीफ़ को रिहा करके पाकिस्तान भेज दिया गया था। पिछले हफ़्ते जब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ‘आप की अदालत’ शो में मेरे मेहमान थे। मैंने उनसे पूछा था कि पाकिस्तान में एक के बाद एक भारत के दुश्मनों की मौत कैसे हो रही है? क्या इसमें भारत की एजेंसियों का रोल है? हरदीप सिंह पुरी ने कहा, क्या इन लोगों की मौत पर हम सब रोयें? मैं विदेश और सुरक्षा मामलों से जुड़ा नहीं हूं, लेकिन मैं कह सकता हूं कि ये हमारी स्टाइल नहीं है, भले ही लोग कहें कि ऐसे लोगों की हत्या होनी चाहिए। (इनकी हत्या होनी चाहिए) ये आप कह सकते हैं, मैं नहीं। हो सकता है आपस में दुश्मनी हो, जैसे कि बलूचिस्तान में हो रहा है। पर हमें याद रखना चाहिए कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने यहां क्या किया। मोदी जी के आने के बाद उनकी decision making देखिए, कश्मीर में श्रीनगर स्मार्ट सिटी बनाने के लिए ads आ रहे हैं, कश्मीर जाने वाली उड़ानों की समख्या बढ़ रही है।’ एक तरफ पाकिस्तान में आतंकी मारे जा रहे हैं तो वहीं संविधान से धारा 370 हटने के बाद भारत में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद, आतंकी घटनाओं में कमी आई है। इसमे कोई शक नहीं कि आतंकवाद की घटनाएं कम तब होती हैं, जब आतंकवादी डर कर बिलों में घुस जाते हैं। अब सवाल ये है कि पाकिस्तान में बैठे इन आतंकवादियों को किसने डराया? इनका हिसाब किसने बराबर किया? पाकिस्तान में मीडिया कह रहा है कि इंडियन इंटेलिजेंस एजेंट्स का काम है। पाकिस्तान में सिक्योरिटी एक्सपर्ट इसे हमारी RAW का काम बता रहे हैं। अगर हमारी इंटेलिजेंस इतनी ताकतवर है कि वो पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों का सफाया कर रही है, तो ये तो गर्व की बात है। अगर हमारी RAW के सीक्रेट एजेंट्स भारत में हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए बेकसूर लोगों की हत्याओं का बदला ले रहे हैं, तो इसमें बुरा क्या है? ये कड़वा सच है कि पाकिस्तान को डोजियर भेजने से कुछ नहीं हुआ। पाकिस्तान को इन दहशतगर्दों की, नापाक हरकतों के सबूत देने का कोई असर नहीं हुआ। इंटरनेशनल forums पर आवाज उठाने का भी कोई नतीजा नहीं निकला। ऐसे लोगों को उनकी भाषा में जवाब देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। लेकिन सरकार यही कहेगी कि ये भारत की पॉलिसी नहीं है। अमेरिका भी कहेगा कि आप दूसरों की धरती पर जाकर बदला कैसे ले सकते हैं। पर अमेरिका से कोई पूछे कि उसने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को क्यों मारा था? उस पर पाकिस्तान की अदालतों में मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया? सच तो ये है कि पाकिस्तान खूंखार आतंकवादियों के लिए सुरक्षित शरणस्थल बना हुआ है। अभी भी हाफिज सईद, मसूद अज़हर, दाऊद इब्राहिम, अब्दुल रहमान मक्की जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में मौजूद हैं। क्या हिंदुस्तान को ये हक़ नहीं है उसके मासूम नागरिकों की हत्या करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाए? इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पाकिस्तान में आतंकियों के टारगेटेड किलिंग को लेकर भारत पर दोष मढ़ा जा रहा है। अच्छी बात तो ये है कि पाकिस्तान में इस बात की चर्चा है कि ये बदला हुआ भारत है, जो घर में घुसकर मारता है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 06 दिसंबर, 2023 का पूरा एपिसोड