Wednesday, December 25, 2024
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Rajat Sharma’s Blog | कोरोना का खतरा: डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, चीन से बेहतर स्थिति में है भारत

एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि सरकार द्वारा स्वीकृत इंट्रा-नेजल वैक्सीन बूस्टर डोज के रूप में बेहतर प्रतिक्रिया देगी, इसलिए हमारी स्थिति चीन से बहुत अलग है।

Written By: Rajat Sharma
Published : Dec 24, 2022 19:05 IST, Updated : Dec 24, 2022 19:05 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

चीन में कोविड-19 की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की लाशों से भरे कंटेनर के डरावने वीडियो सामने आए हैं। इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों ने कोरोना की नई चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह कमर कस ली है और तैयारियों में तेजी ला दी है। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने को कहा है।

शुक्रवार की रात अपने प्राइम टाइम शो आज की बात में हमने चीन के तमाम बड़े शहरों के अस्पतालों में इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों की ताजा तस्वीरें और वीडियो दिखाए। हमने दिखाया कि लोग कैसे शवदाह गृह के सामने बॉडी बैग्स में लिपटी अपनों की लाशों को लेकर उनके दाह संस्कार का इंतजार कर रहे थे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 24.8 करोड़ लोग, जो कि चीन की आबादी का लगभग 18 प्रतिशत है, दिसंबर के पहले 20 दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

यह रिपोर्ट चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की बुधवार को हुई आंतरिक बैठक के कुछ मिनट्स पर आधारित है, और इसकी पुष्टि उन लोगों से की गई जो बैठक में शामिल हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में इस हफ्ते एक दिन में करीब 3.7 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण का मामला अभी तक सामने नहीं आया है।

अगर यह रिपोर्ट सही है तो इसके मुताबिक चीन में संक्रमण दर जनवरी 2022 के रोजोना 40 लाख नए मामलों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद चीन की सरकार सक्रिय मामलों की संख्या और मौतों के बारे में सही डेटा शेयर नहीं कर रही है। इसने अपने यहां तेजी से फैल रहे नए वेरिएंट के बारे में भी कोई जानकारी साझा नहीं की है।

चीन के अड़ियल रवैये ने दुनिया के बाकी देशों में वायरस के फैलने की आशंका पैदा कर दी है। चीन सच्चाई को छुपा रहा है और उसने दुनिया के अरबों लोगों के लिए महामारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ा दिया है। अगर चीन अभी भी बता दे कि उसके यहां कोरोना वायरस का कौन सा वैरिएन्ट तेजी से फैल रहा है, तो दुनिया के दूसरे मुल्क उस वायरस को रोकने की दवा पर काम कर सकते हैं।

भारत ने पहले ही बड़े पैमाने पर जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू कर दी है, और इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर आने वाले यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग की जा रही है। चीन की यात्रा करने वाले यात्री निगरानी सूची में सबसे ऊपर पर हैं। 3,338 लैब्स में लोगों के कोविड सैंपल्स की जांच की जा रही है। सावधानी इलाज से बेहतर है – अब एक नया नारा बन चुका है।

शुक्रवार की रात मैंने अपने शो में एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया से बात की और उनसे चीन पर ब्लूमबर्ग की खौफनाक रिपोर्ट के बारे में पूछा। मैंने उनसे चीन में वायरस के तेजी से फैलने के पीछे का कारण पूछा।

डॉ. गुलेरिया ने कहा, इसके 3 मुख्य कारण हो सकते हैं: (1) पिछले 2 साल से चीन ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ का पालन किया जा रहा है, जिसकी वजह से लॉकडाउन के कारण चीनी आबादी का एक बड़ा हिस्सा कभी भी वायरस के संपर्क में नहीं आया और नैचरल इम्यूनिटी हासिल करने में नाकाम रहा। चीनी अधिकारियों ने लोगों में हल्के वायरस को भी फैलने नहीं दिया, (2) बुजुर्गों और ज्यादा जोखिम वाले लोगों में मुश्किल से 50 से 60 फीसदी लोगों को वैक्सीन लगाई गई और ये लोग अब संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, (3) बाकी दुनिया को अभी भी नहीं पता है कि चीन में कौन सा वेरिएंट फैला है और यह भी नहीं मालूम है कि चीन की वैक्सीन कितनी असरदार है। यह साफ दिखाता है कि चीनी आबादी के एक बड़ा हिस्सा 2020 के बाद वायरस के संपर्क में कभी नहीं आया है।

डॉ. गुलेरिया ने कहा, चीन में नया वेरिएंट ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते काफी ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर्ड इम्युनिटी विकसित न होने की वजह से यह नया वेरिएंट चीन में जंगल की आग की तरह फैल रहा है।

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में लोगों को जो कोविशीड और कोवैक्सिन के टीके लगाए गए हैं, वे इन नए वेरिएंट्स के खिलाफ ज्यादा असरदार हैं जो कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट्स हैं। यहां तक कि वुहान स्ट्रेन से बने पुराने टीके भी लोगों को वायरस से सुरक्षा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वीकृत इंट्रा-नेजल वैक्सीन बूस्टर डोज के रूप में बेहतर प्रतिक्रिया देगी, इसलिए हमारी स्थिति चीन से बहुत अलग है।

यह पूछे जाने पर कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान में वायरस क्यों फैल रहा है, डॉ. गुलेरिया ने माना कि वहां मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन के कारण अस्पतालों में बहुत कम लोग भर्ती हो रहे हैं और मौतें भी कम हो रही हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘चीनी वैरिएंट फैलने के बावजूद उन देशों में ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा जहां लोगों ने सही वैक्सीन लगवाई है और हर्ड इम्यूनिटी अच्छी है।’

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि इम्यूनोस्केप मैकेनिज्म के कारण यह वायरस म्यूटेट होता रहेगा। वैक्सीन की सभी डोज लेने के बावजूद भारत में लोगों को सोशल डिस्टैंसिंग, हाथों की स्वच्छता और मास्क पहनने जैसे कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि कोरोना वायरस गया नहीं है और महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।’

हमें डॉक्टर गुलेरिया की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। उन्होंने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत ही सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसलिए अगर डॉक्टर गुलेरिया यह कह रहे हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है, तो उस पर भरोसा किया जाना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि लापरवाही बरती जाए। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 दिसंबर, 2022 का पूरा एपिसोड

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