यह एक ऐसा विवाद था जिसे आसानी से टाला जा सकता था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को रूपनगर (पहले इसका नाम रोपड़ था) में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। विवाद को इस बात से और हवा मिल गई कि जब चन्नी इस बारे में बोल रहे थे, तब उनके बगल में खड़ी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ताली बजा रही थीं।
वायरल हुई वीडियो क्लिप में मुख्यमंत्री को मतदाताओं से पंजाबी में कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, ‘प्रियंका गांधी पंजाब की बहू हैं। हमारी पंजाबन हैं। सब एक साथ आ जाओ पंजाबियों। यूपी के, बिहार के और दिल्ली के जो भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं, उनको यहां पर घुसने नहीं देना है। जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल।’ जिस वक्त चन्नी ये सब बोल रहे थे उस वक्त बगल में खड़ीं प्रियंका गांधी मुस्करा रही थीं, तालियां बजा रही थीं।
राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने चन्नी के इस बयान को लेकर उन पर शाब्दिक बाणों की बौछार कर दी। यह तो साफ नहीं हो पाया कि चन्नी किस पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक उनके निशाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल थे, जिनकी आम आदमी पार्टी पंजाब में कांग्रेस को कड़ी चुनौती दे रही है। मोहाली में मौजूद केजरीवाल ने चन्नी के बयान पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'चन्नी एक ऐक्सिडेंटल सीएम हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि वह क्या कह रहे हैं, क्यों कह रहे हैं। चन्नी का बयान शर्मनाक है। इस तरह तो प्रियंका भी पंजाब की नहीं हैं। अगर चन्नी को बाहर के लोगों से एलर्जी है, तो वह प्रियंका गांधी को क्यों बुलाते हैं?’
पंजाब में सत्ता के एक और बड़े दावेदार शिरोमणि अकाली दल ने भी चन्नी पर निशाना साधा। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने चन्नी के बयान को विभाजनकारी बताया। उन्होंने कहा, ‘यह कांग्रेस की मानसिकता और चरित्र को उजागर करता है। प्रियंका और राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे चन्नी के बयान का समर्थन करते हैं या नहीं। पंजाब सबका है और पंजाब हर किसी का खुले दिल से स्वागत करता है, सबकी सुरक्षा करता है, सबका सम्मान करता है। अकाली दल सबकी पार्टी है। मैं वादा करता हूं कि हमारी सरकार बनी तो पंजाब में सभी धर्मों और राज्यों के लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।’
यूपी में इस समय जोर-शोर से चुनाव प्रचार हो रहा है, ऐसे में बीजेपी ने चन्नी के बयान को तुरंत यूपी के वोटरों को बीच एक भावनात्मक मुद्दे के तौर पर उठा लिया। चूंकि प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस के प्रचार अभियान की प्रभारी हैं, इसलिए बीजेपी के नेता ने चन्नी के बयान को लेकर प्रियंका से सवाल पूछ रहे हैं कि वह प्रदेश के लोगों से किस मुंह से वोट मांगेंगी।
यूपी बीजेपी ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से हैशटैग #ShameOnCongress चलाया। बीजेपी के समर्थकों ने प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ कैंपेन पर तीखा तंज कसा। यूपी बीजेपी ने ट्वीट किया, ‘प्रियंका वाड्रा हूं, कोई यूपी के लोगों को गाली दे, तो हंस सकती हूं।’ यूपी बीजेपी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘भाई-बहन की जोड़ी गजब की है। उत्तर प्रदेश के बाहर जाएंगे, तो उत्तर प्रदेश को बदनाम करेंगे। भारत के बाहर जाएंगे, तो भारत को बदनाम करेंगे।’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडिया टीवी को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में चन्नी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। राजनाथ सिंह ने कहा, 'पंजाब के मुख्यमंत्री हों या कांग्रेस का कोई और नेता, इस तरह का बयान कांग्रेस के लोगों द्वारा अप्रत्याशित नहीं है। बराबर कांग्रेस ने बांटों और शासन करो, इसी पॉलिसी को अपनाया है, इसलिए ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। लेकिन इस तरह के बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होते हैं। लोगों को बचना चाहिए इससे, और इसका जवाब जनता देगी इस चुनाव में।'
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो झांसी में रोड शो कर रहे थे, ने इंडिया टीवी के रिपोर्टर से कहा, ‘कांग्रेस ने देश को एक ही जख्म नहीं दिया है। जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, ये सभी कांग्रेस के द्वारा दिए गए जख्म हैं। और इसीलिए कांग्रेस को इस देश की जनता जनार्दन बार-बार सबक सिखा रही है। आज कम से कम सबक सीखे होते तो ऐसी बात नहीं कहते। श्रीमान चन्नी आज स्वयं संत शिरोमणि सद्गुरु रविदास जी महाराज की पावन जयंती कार्यक्रम में काशी आए थे। संत शिरोमणि रविदास जी महाराज ने 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' की बात कही थी।’
लखनऊ में, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के नेताओं ने अक्सर यूपी और बिहार के लोगों का अपमान किया है और उनका मजाक उड़ाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ही यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूरों को कोविड लॉकडाउन के दौरान मुंबई से पलायन के लिए मजबूर किया।
चन्नी ने यूपी-बिहार के लोगों पर जो कमेंट किया, दरअसल उसकी शुरुआत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की बात से हुई। पंजाब में बाहरी लोगों की बात प्रियंका गांधी ने शुरू की थी। प्रियंका गांधी ने नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल का नाम लेकर दोनों नेताओं को पंजाब के लिए बाहरी बताया था। प्रियंका ने लोगों से कहा था, ‘समझदारी का इस्तेमाल करो। चुनाव का समय है। लंबी-लंबी बातें नहीं कहनी चाहिए। लेकिन पंजाब के लोगों, बहनों-भाइयों, अपने नेताओं को ठीक से पहचानो। पंजाब पंजाबियों का है। पंजाब को पंजाबी चलाएंगे। बाहर से आने वाले पंजाब नहीं चलाएंगे। अपनी सरकार बनाओ। ये बाहर से जो आते हैं आपके पंजाब में, उन्हें सिखाओ कि पंजाबियत क्या है।’
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, ‘पंजाब से यूपी बिहार के लोगों को भगाने की बात करने वाले भूल गए हैं कि गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में, बिहार की धरती पर हुआ था। प्रियंका यूपी की कैसी बेटी हैं, जो यूपी के लोगों को पंजाब में एंट्री नहीं देने की बात पर हंस रही हैं, ताली बजा रही हैं।’ बिहार के कैबिनेट मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पंजाब के सीएम ने यूपी-बिहार के लोगों का अपमान किया है, जिसका बदला यूपी के लोग लेंगे।
जब चन्नी ये कह रहे थे कि यूपी-बिहार के भइयों को घुसने नहीं देना है, तो वह ये भूल गए कि प्रियंका गांधी की शादी भी यूपी के भइयों से हुई है। चन्नी मुख्यमंत्री हैं, पुराने नेता हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि अगर यूपी बिहार के लोग पंजाब नहीं आएंगे तो क्या होगा।
पंजाब के उद्योग विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में 14 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर काम करते हैं जिनमें से 10 लाख से ज्यादा मजदूर सिर्फ बिहार, यूपी और झारखंड से आते हैं। अगर बिहार और यूपी के लोग पंजाब नहीं आएंगे तो प्रदेश के 2.5 लाख इंडस्ट्रियल यूनिट्स में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिलेंगे। बिहार और यूपी के लोग पंजाब नहीं आएंगे तो लुधियाना की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को चलाना मुश्किल हो जाएगा। जालंधर में 750 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली 80 से ज्यादा ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनियों में संकट पैदा हो जाएगा।
यूपी बिहार के लोग पंजाब नहीं आएंगे तो पंजाब में खेती-किसानी का काम बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा। पंजाब में संत रविदास के करोड़ों अनुयायियों के कारण ही चुनाव आयोग को मतदान की तारीख बदलनी पड़ी। चन्नी खुद संत रविदास के जन्मस्थान पर मत्था टेकने के लिए काशी गए थे। संत रविदास ने हमेशा प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया, तोड़ने की बजाय जोड़ने की बात कही। चन्नी को कम से कम संत रविदास की शिक्षाओं से सीखना चाहिए और लोगों को क्षेत्रीय आधार पर बांटने के बजाय एकता की बात करनी चाहिए।
पंजाब में नेताओं को दूसरे राज्यों से आये भाई-बहनों के बारे में बोलते समय सावधान रहना चाहिए, और उन्हें 'बाहरी' बताना बंद करना चाहिए। भारत में हम सभी सबसे पहले भारतीय हैं। अलग-अलग राज्यों के लोग उस गुलदस्ते के सुंदर फूलों की तरह हैं, जिसका नाम भारत है। (रजत शर्मा)
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