शराब घोटाले के केस में कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को 6 दिन के लिए एन्फोर्समेंट डाय़रेक्ट्रेट की रिमांड में भेज दिया। केजरीवाल अब 28 मार्च तक ED की कस्टडी में रहेंगे। केजरीवाल की तरफ से कई वकीलों ने दलीलें रखीं, केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार पूछा, केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनावी सियासत का नतीजा बताया लेकिन शुक्रवार को पहली बार ED ने कोर्ट को बताया कि शराब घोटाले के मास्टर माइंड अरविन्द केजरीवाल हैं। अरविन्द केजरीवाल ने ही शराब व्यापारियों को फायदा पहुंचाने वाली liquor पॉलिसी बनाई। इस पॉलिसी से करीब 600 करोड़ का मुनाफा कमाया गया। इसमें से 100 करोड़ रूपए किकबैक के तौर पर आम आदमी पार्टी को मिले। इसमें से पैंतालीस करोड़ रूपए गोवा के चुनाव में खर्च हुए। इसके सबूत ED के पास हैं।
ED ने शराब घोटाले की सारी कड़ियां जोड़कर अदालत के सामने रख दीं। चन्द्रशेखर राव की बेटी के. कविता के बयान का हवाला दिया। इस केस में के. कविता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कविता की जमानत की अर्जी ये कह कर खारिज दी कि उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपील करनी चाहिए। कोर्ट में ED ने कहा कि शराब घोटाले की साजिश बहुत सावधानी और चालाकी से रची गई, जिन मोबाइल फोन्स का बातचीत या मैसेजिंग के लिए इस्तेमाल किया गया, उन फोन्स को नष्ट कर दिया गया लेकिन कुछ आरोपियों के फोन से मैसेज मिले हैं जिनसे पता चलता है कि शराब घोटाले के 45 करोड़ रूपए गोवा चुनाव में हवाला के जरिए भेजा गया। जिन उम्मीदवारों को पैसा पहुंचाया गया, वो भी बयान देने को तैयार हैं। ED ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में केजरीवाल के अलावा के.कविता, विनय नायर, समीर महेन्द्रू, दिनेश अरोड़ा का क्या क्या रोल था।
अभिषेक मनु सिंघवी ने इस केस को चुनावी राजनीति से जोड़कर केजरीवाल की रिमांड का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने दस्तावेज देखने के बाद केजरीवाल को 6 दिन के लिए ED की कस्टडी में भेज दिया। अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल के वकील के तौर पर शुक्रवार को कोर्ट में जो दलीलें रखीं, वो कारगर साबित नहीं हुई। ED ने दस्तावेज और जो सबूत अदालत को दिखाए, वो सिंघवी की दलीलों पर भारी पड़ी। ED ने कोर्ट में जो खुलासे किए वो हैरान करने वाले हैं। केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने अपने पास कोई मंत्रालय नहीं रखा, किसी फाइल पर उनके साइन नहीं हैं। इसलिए ED के लिए इस मामले में सबूत इकट्ठे करना, कडिय़ों को जोड़ना बहुत मुश्किल था। अब ED को केजरीवाल की कस्टडी मिल गई है लेकिन अब ED के सामने अदालत में अपने आरोपों को साबित करना बड़ी चुनौती होगी । और जब तक ये साबित नहीं हो जाता तब तक केजरीवाल की पार्टी के नेता शराब घोटाले को बीजेपी की सियासी साजिश बताएंगे।
पंजाब में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी कैबिनेट के तमाम मंत्री दिल्ली पहुंच गए। चंडीगढ़, मोहाली, पटियाला, लुधियाना और संगरूर में केजरीवाल के समर्थन में प्रदर्शन हुए। आम आदमी पार्टी केजरीवाल ने बनाई। अब तक केजरीवाल ने ही चलाई और तीन-तीन बार केजरीवाल ने ही दिल्ली के चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई। इसीलिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता ये सोच भी नहीं सकते कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में पार्टी कैसे चलेगी, दिल्ली की सरकार कैसे चलेगी। हालांकि सार्वजनिक तौर पर अब तक आम आदमी पार्टी का स्टैंड यही रहा है कि केजरीवाल को अगर जेल जाना पड़ा तो भी वो मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ेंगे, ना ही पार्टी के संयोजक पद से इस्तीफा देंगे। वो जेल से ही पार्टी और सरकार दोनों चलाएंगे लेकिन ये व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं है।
हाईकोर्ट में एक PIL फाइल की गई है जिसमें गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को तुरंत पद से हटाने की अपील की गई । पहले भी केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन से उनके जेल जाने के बाद बहुत दिनों तक इस्तीफा नहीं लिया था लेकिन जब मंत्रालयों के काम रुकने लगे तो इस्तीफा लेना पड़ा, सौरभ भारद्वाज और आतिशी को मंत्री बनाना पड़ा। वैसे भी दिल्ली की सरकार चलाना टेढ़ी खीर है। यहां पर लेफ्टिनेंट गवर्नर मौजूद हैं। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर LG के पास बहुत सारी powers हैं। तो जो सरकार जेल से बाहर रहकर चलाना मुश्किल है उसे केजरीवाल जेल से कैसे चला पाएंगे,ये बड़ा सवाल है। मेरी जानकारी ये है कि अगर जेल जाने के बाद भी केजरीवाल ने दो दिन तक इस्तीफा नहीं दिया तो LG उनसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे और हो सकता है ये एक बड़ी कानूनी लड़ाई छिड़ जाए। (रजत शर्मा)
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