Wednesday, December 11, 2024
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Rajat Sharma's Blog | सुखबीर बादल पर हमला : इसके पीछे किसका हाथ?

सुखबीर बादल पर हमले की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। दरबार साहिब में, भगवान के घर में, सेवा करते व्यक्ति पर गोली चलाना गंभीर जुर्म है, पाप है। हमला करने वाले ने सिर्फ इस बात का फायदा उठाया कि दरबार साहिब की मर्यादा के मुताबिक वहां जाने वालों की चेकिंग नहीं की जाती।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Dec 05, 2024 15:21 IST, Updated : Dec 05, 2024 15:21 IST
Rajat sharma, INDIA TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अमृतसर में एक बड़ी अनहोनी टल गई। पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल को जान से मारने की कोशिश हुई लेकिन सुरक्षा कर्मियों की मुस्तैदी की वजह से बादल बाल-बाल बच गए। सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्म के मुताबिक स्वर्ण मंदिर के द्वार पर चौकीदारी कर रहे थे। चूंकि बादल के पैर में फ्रैक्चर है, इसलिए वह व्हीलचेयर पर बैठकर दरबान की ड्यूटी दे रहे थे। इसी दौरान एक शख़्स श्रद्धालु के भेष में स्वर्ण मंदिर के गेट पर आया। वह सुखबीर बादल के क़रीब पहुंचा और उसने पिस्तौल निकालकर गोली चलाने की कोशिश की  लेकिन सादे लिबास में तैनात एक सुरक्षकर्मी ASI जसबीर सिंह  हमलावर को पिस्तौल निकालते हुए देखते ही उस पर टूट पड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को वहीं दबोच लिया।

हमलावर ने पिस्तोल से गोली दाग़ दी,  गोली किसी को लगी नहीं, स्वर्ण मंदिर की दीवार से टकराई।  इसी दौरान आस-पास तैनात कई और पुलिसवालों ने मिलकर हमलावर को शिकंजे में ले लिया। अमृतसर के  पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हमलावर नारायण सिंह चौड़ा एक दिन पहले स्वर्ण मंदिर आया था, उसने पूरे इलाक़े की रेकी की थी। नारायण सिंह चौड़ा, गुरदासपुर ज़िले के डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। उसके खालिस्तानी संगठनों से पुराने रिश्ते रहे हैं। नारायण सिंह चौड़ा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन के साथ जुड़ा हुआ था। 

नारायण सिंह के ख़िलाफ़, अमृतसर, रोपड़, लुधियाना और तरनतारन ज़िलों में 21 मामले दर्ज हैं। उसे 2013 में गिरफ़्तार किया गया था और उसकी निशानदेही पर हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा ज़खीरा भी बरामद हुआ था। नारायण सिंह चौड़ा ट्रेनिंग लेने के लिए 1984 में पाकिस्तान भी गया था। वो 2004 की बुड़ैल जेलब्रेक वारदात में भी शामिल था। उस वक्त पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे चंडीगढ़ की जेल से सुरंग खोदकर भाग निकले थे। नारायण सिंह चौड़ा ने "कॉन्सपिरेसी अगेंस्ट खालिस्तान" नाम की एक किताब भी लिखी है। वह 2018 में ज़मानत पर जेल से रिहा हुआ था।

सुखबीर बादल पर हमले की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। दरबार साहिब में,  भगवान के घर में, सेवा करते व्यक्ति पर गोली चलाना गंभीर जुर्म है, पाप है। हमला करने वाले ने सिर्फ इस बात का फायदा उठाया कि दरबार साहिब की मर्यादा के मुताबिक वहां जाने वालों की चेकिंग नहीं की जाती। अगर सुखबीर के सिक्योरिटी वाले सावधान न होते, तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।

जहां तक इस मामले में राजनीति का सवाल है, यह तो अपेक्षित था कि अकाली दल के नेता सीएम भगवंत सिंह मान को दोषी ठहराएंगे और कांग्रेस पर भी आरोप लगाएंगे। कांग्रेस से भी यही उम्मीद थी कि वो पंजाब सरकार को जिम्मेदार बताएगी। लेकिन अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह मजीठिया ने इस हमले के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया और कहा कि हमलावर कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा का करीबी है। बीजेपी ने इस घटना के पीछे खालिस्तानियों का हाथ बताया।

अब जिम्मेदारी पंजाब पुलिस की है कि वह इस मामले की तह तक जाए, अपराधी के पीछे कौन है इसका पता लगाए और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक बाकी पार्टियां इधर-उधर की बयानबाज़ी न करें तो बेहतर होगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 04 दिसंबर, 2024 का पूरा एपिसोड

 

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