एक बार फिर एक शॉर्ट वीडियो से फेक नैरेटिव बना, फिर सियासत हुई, फिर हंगामा मचा। कांग्रेस ने अमित शाह पर बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कांग्रेस को चुनौती दी। मीडिया से अपने भाषण का पूरा वीडियो दिखाने की विनती की। अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में फिर कांग्रेस का कच्चा चिट्ठा खोला, इतिहास के पन्ने पलटकर बताया कि कांग्रेस के किस किस नेता ने कब कब डॉक्टर अंबेडकर का अपमान किया था।
कांग्रेस ने जगह जगह अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन किए। मल्लिकार्जुन खरगे ने अमित शाह से इस्तीफा मांगा। खरगे ने कहा कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते, अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते तो पूरे देश में आग लग जाएगी। अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, अरविन्द केजरीवाल, असदुद्दीन ओवैसी जैसे विरोधी दलों के तमाम नेता इसमें कूद पड़े लेकिन अमित शाह ने कहा कि उन्होंने बाबासाहेब का कोई अपमान नहीं किया। कांग्रेस उनके बयान के एक हिस्से को काट कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
अमित शाह ने कहा वो और उनकी पार्टी बाबासाहेब का सम्मान करती है, फिर उन्होंने गिनवाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब का मान बढ़ाने के लिए क्या क्या किया। ये सारा किस्सा अमित शाह के मंगलवार के राज्यसभा के भाषण से संबंधित है। अमित शाह करीब 85 मिनट बोले थे। कांग्रेस के नेताओं ने 85 मिनट के भाषण से 11 सेकेन्ड का क्लिप काटकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया और अमित शाह पर डॉ अंबेडकर के अपमान का इल्जाम लगाया।
लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई अमित शाह ने कुछ ऐसा कहा जिससे बाबासाहेब का अपमान हुआ? क्या वाकई अमित शाह की नीयत ठीक नहीं थी या कांग्रेस ने जानबूझकर झूठ फैलाया? आधे अधूरे बयान को हथियार बनाया? हंगामे के कारण दोनों सदनों में कामकाज नहीं हुआ। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ विपक्ष के सांसद संसद के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए। देश के अलग अलग शहरों में कांग्रेस के कार्यकर्ता अमित शाह के खिलाफ पोस्टर बैनर लेकर सड़क पर आ गए।
ये संवेदनशील मुद्दा बाबासाहेब से जुड़ा है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक के बाद एक 6 ट्वीट करके कांग्रेस के इल्ज़ामात के जवाब दिए। मोदी ने कहा कि कांग्रेस का सड़ा हुआ इकोसिस्टम एक झूठ फैलाकर बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है लेकिन, कांग्रेस के मंसूबे सफल नहीं होंगे। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर का हमेशा अपमान किया, उन्हें नेहरू की कैबिनेट से निकाला गया, चुनाव में उन्हें हराया गया, उनकी समाधि तक नहीं बनाई गई। मोदी ने कहा कि कांग्रेस को बाबासाहेब से इतनी चिढ़ थी कि उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया, उनका चित्र संसद में नहीं लगाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलितों को दबाया और दलितों के बड़े बड़े हत्याकांड, कांग्रेस के राज में हुए। दूसरी तरफ बीजेपी ने हमेशा बाबासाहेब के आदर्शों को अपनाया, उन्हें सम्मान दिया।
अमित शाह का भाषण सुनने के बाद ये साफ हो जाता है कि एडिटेड वीडियो से फेक नैरेटिव कैसे खड़ा किया जाता है। कांग्रेस ने 11 सेकेंड का वीडियो दिखाकर ये फैलाने की कोशिश की कि अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया। अमित शाह ने मीडिया से उनका पूरा बयान सुनवाने की अपील की क्योंकि पूरे भाषण में उन्होंने जो तथ्य उजागर किए, उनसे तो उल्टा ये साबित होता है कि कांग्रेस ने बार बार डॉ अंबेडकर का अपमान किया।
वैसे तो ये कोई रहस्य नहीं है कि डॉ. अंबेडकर के पंडित नेहरू से नीतिगत मतभेद थे, ये इतिहास में दर्ज है लेकिन आज सवाल ये नहीं है कि तथ्य क्या हैं? सवाल ये है कि लोगों के बीच धारणा क्या बनायी जाती है। इसीलिए अमित शाह को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी, कांग्रेस और डॉ. अंबेडकर से जुड़ी सारी बातें फिर से कहनी पड़ी। अमित शाह इस बात को समझते हैं कि सोशल मीडिया में किसी भी अर्धसत्य को वायरल करने की गजब की ताकत है, सांप को रस्सी और रस्सी को सांप दिखाने की ताकत है। कांग्रेस ने इसी का फायदा उठाने के लिए 11 सेकेंड का वीडियो वायरल कर दिया।
बीजेपी इसे खास तवज्जो नहीं दे सकती थी लेकिन कहते हैं, दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने संविधान, आरक्षण और बाबासाहेब को लेकर एक नैरेटिव खड़ा किया था। लोगों को ये कहकर डराया था कि 400 पार का मतलब बाबासाहेब के दिए आरक्षण को खत्म करना है। उस समय बीजेपी ने इसका काउंटर करने में देर कर दी थी। इसका नुकसान हुआ लेकिन अब बीजेपी सावधान है। इस बार देर नहीं की।
अमित शाह ने फ्रंटफुट पर खेला, फेक नैरेटिव को एक्सपोज किया। 11 सेकेंड के वीडियो के जवाब में सौ तथ्य सामने रख दिए। अब कांग्रेस के लिए इसका जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। अमित शाह चुप रह जाते तो नुकसान हो सकता था। अब उल्टा होगा। अब बीजेपी आक्रामक मुद्रा में है। बाबासाहेब और पंडित नेहरू के मतभेदों को, कांग्रेस द्वारा डॉ. अंबेडकर के अपमान के तथ्यों को घर-घर प्रचारित किया जाएगा। अमित शाह राजनीति के चतुर खिलाड़ी हैं। जो बात संसद के सत्र के साथ खत्म हो जाती, वो अब दूर तलक जाएगी। इस मामले में एक और बात साबित होगी कि सोशल मीडिया फेक नैरेटिव खड़ा करता है और ब्रॉडकास्ट मीडिया पूरी बात दिखाकर सच को सामने रखता है। (रजत शर्मा)
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