Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma’s Blog: मणिपुर पर अमित शाह की अपील

Rajat Sharma’s Blog: मणिपुर पर अमित शाह की अपील

अमित शाह ने बिना किसी लाग लपेट के, साफ-साफ शब्दों में कहा कि मणिपुर में जो हुआ वो शर्मानक है, वह सभ्य समाज पर कलंक है, लेकिन सरकार खामोशी से नहीं बैठी।

Written By: Rajat Sharma
Updated on: August 10, 2023 15:57 IST
Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Nuh Violence, Rajat Sharma- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

लोकसभा में सभी दलों की तरफ से मणिपुर में मैतई और कुकी समुदायों से हिंसा से दूर रहने और शांति कायम करने की अपील की गई। पहली बार गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के हालात पर खुलकर बात की। पहली बार सच सामने आया। विपक्ष ने पूछा था, प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं, सरकार क्या रही है, अमित शाह ने इसका जबाव दिया। विपक्ष की तरफ से पूछा गया था कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया गया, अमित शाह ने इसका जबाव दिया। गौरव गोगोई ने इल्जाम लगाया था कि सरकार तमाशा देख रही है, वहां मणिपुर जल रहा है, इस पर अमित शाह ने पूरे तथ्य सामने रख दिए। विरोधी दलों के नेताओं ने कहा था कि बीजेपी मणिपुर पर राजनीति कर रही है, इस पर भी अमित शाह ने बता दिया कि राजनीति कौन कर रहा है और कैसे कर रहा है। अमित शाह लोकसभा में दो घंटा बोले।

चूंकि चर्चा अविश्वास प्रस्ताव पर थी, इसलिए उन्होंने मोदी सरकार के पूरे कार्यकाल की बात की, सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, कांग्रेस के जमाने मे हुए घपले, घोटाले याद दिलाए। UPA को नाम क्यों बदलना पड़ा इसकी बात की। अमित शाह ने बिना किसी लाग लपेट के, साफ-साफ शब्दों में कहा कि मणिपुर में जो हुआ वो शर्मानक है, वह सभ्य समाज पर कलंक है, लेकिन सरकार खामोशी से नहीं बैठी। 3 मई को हिंसा हुई और अगले चौबीस घंटे में सरकार ने क्या क्या किया, इसका पूरा ब्यौरा शाह ने सदन के सामने रख दिया। अमित शाह ने  कुकी और मैतेई समुदायों के बीच विवाद की की असली वजह भी बताई। मणिपुर के मामले में जिस बात ने पूरे देश की आत्मा को सबसे ज्यादा झकझोर कर रखा था, वह दो महिलाओं के साथ शर्मनाक व्यवहार का वीडियो था। अमित शाह ने बताया कि पुलिस को वो वीडियो तभी मिला जब वो पब्लिक के सामने आ चुका था। इससे पहले सरकार को इस बारे में कुछ पता नहीं था। अमित शाह की बात कन्विंसिंग थी।

मैं कहूंगा कि अमित शाह ने मणिपुर के मामले में अच्छा जवाब दिया। उन्होंने कुछ छिपाने की कोशिश नहीं की, हाथ जोड़कर शांति की अपील भी की। मणिपुर को लेकर एक बड़ा सवाल ये था कि इतना कुछ होने पर भी मुख्यमंत्री को हटाया क्यों नहीं गया? अमित शाह ने बताया कि बीरेन सिंह पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं, केंद्र सरकार के निर्देश पर काम कर रहे हैं, वह  शांति स्थापित करने में मदद कर रहे हैं, इसीलिए सीएम बदलने की कोई जरूरत नहीं है। अमित शाह ने ये माना कि बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, हालात काबू से बाहर चले गए थे लेकिन सरकार ने अपनी तरफ से कोशिश करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इस मामले से जुड़ी एक बड़ी बात ये भी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के मामले पर खामोश क्यों रहे? पिछले कई हफ्तों से विपक्ष ने ये माहौल बनाया कि प्रधानमंत्री मणिपुर पर कुछ इसीलिए नहीं बोले कि उन्हें मणिपुर की चिंता नहीं है। अमित शाह ने खुलासा किया कि नरेंद्र मोदी रात-रात भर मणिपुर को लेकर किस कदर परेशान रहे, गृह मंत्री को निर्देश देते रहे। अमित शाह ने ये भी गिनवा दिया कि पहले जब जब इस तरह की हिंसा हुई, हालात खराब हुए तो संसद में कभी किसी प्रधानमंत्री ने जवाब नहीं दिया था। ये सारी बातें सुनकर मुझे लगा कि विरोधी दल अगर पहले ही अमित शाह को मणिपुर पर बोलने देते, तो बात इतनी न बढ़ती।

राहुल न बदले हैं, न बदलना चाहते हैं

भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी की इमेज में काफी सुधार हुआ था। उनके बयान भी ठीक-ठाक आने लगे थे। मुझे लगा था कि वो बदल गए हैं पर लोक सभा में राहुल का भाषण सुनकर लगा, ना वो बदले हैं, ना बदलना चाहते हैं। आज भी मोदी और अदानी उनके फेवरिट सब्जेक्ट हैं। मणिपुर पर राहुल के भाषण ने जरूर चौंकाया, ‘भारत माता की हत्या’, ‘मणिपुर के टुकड़े’, ‘सरकार देशद्रोही’, ऐसे शब्द हैं जो आम तौर पर वामपंथी इस्तेमाल करते हैं, ये कांग्रेस की भाषा नहीं है। ये ‘टुकड़े टुकड़े’ गैंग की भाषा है लेकिन राहुल ने ऐसे सारे शब्दों को बार-बार रिपीट किया। राहुल से जुड़ा दूसरा किस्सा था, उनकी फ्लाइंग किस का। इसे बीजेपी की महिला सांसदों ने बड़ा मुद्दा बनाया। इस हरकत को लेकर विश्वसनीयता इसलिये हो गई कि एक बार पहले राहुल गांधी ने संसद में मोदी को गले लगाने के बाद आंख मारी थी। इसीलिए लगा कि राहुल गांधी ना पहले मुद्दों को लेकर गंभीर थे, ना अब हैं। वो सारी बातें इफेक्ट क्रिएट करने के लिए करते हैं। इससे भी लगा कि राहुल ना बदले हैं, ना बदलना चाहते हैं। वैसे मुझे  लगता है कि फ्लाइंग किस को इतना ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं थी। इसे राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ का सामान मान कर इग्नोर कर देना चाहिए, इसे छोड़ कर राहुल से जंग सियासी मुद्दों को लेकर लड़ी जानी चाहिए और वो इसके लिए पूरा स्कोप देते हैं, काफी मसाला देते हैं। इसीलिए कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी के लोग चाहते थे कि राहुल गांधी लोकसभा में बोलें। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 09 अगस्त, 2023 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement