Friday, December 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. सती प्रथा बंद कराने वाले राजा राम मोहन राय की जयंती आज, जानें उनके बारे में

सती प्रथा बंद कराने वाले राजा राम मोहन राय की जयंती आज, जानें उनके बारे में

आज राजा राम मोहन राय की जयंती है। राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा बंद कराने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। राजा राम मोहन राय को आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : May 22, 2023 7:36 IST, Updated : May 22, 2023 7:36 IST
Raja Ram Mohan Roy
Image Source : GOOGLE राजा राम मोहन राय

आज राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती है। इस मौके पर आज हम उनके द्वारा समाज के लिए की गई उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे। राजा राम मोहन राय आधुनिक भारत के पुनर्जागरण के जनक और एक अथक समाज सुधारक थे। इनके ही प्रयासों से भारत में सती प्रथा जैसे सामाजिक कुरितियों को दूर किया जा सका। राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई 1772 में बंगाल के एक रूढ़िवादी बाह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम रमाकांत और माता का नाम तारिणी देवी था। राजा राम मोहन राय को आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। इनका भारत में सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में विशेष स्थान है।

हमेशा वैज्ञानिक सोच का समर्थन

राजा राम मोहन राय शुरू से ही पढ़ने में तेज थे। इन्होंने महज 15 वर्ष की आयु में बंगाली, संस्कृत, अरबी और फारसी भाषा पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी। बाद में इन्होंने अंग्रेजी भाषा भी सीखी। राजाराम मोहन राय मूर्ति पूजा और हिंदू धर्म के रूढ़िवादी कर्मकांडों के धुर-विरोधी थे। इन्होंने हमेशा वैज्ञानिक सोच का समर्थन किया। इसी सोच के कार समाज में उनका कड़ा विरोध हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वे अपनी बातों पर डटे रहे। नतीजा ये हुआ कि हिंदू धर्म के कई सारे रूढ़िवादी प्रथा बंद हुए। राजाराम मोहन राय ने वेदों और उपनिषदों को बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद किया और उन पर सारांश और ग्रंथ लिखा।

कैसे बंद हुई सती प्रथा?

राममोह राय के भाई जगमोहन की 1811 में मृत्यु हो गई। उस समय हिंदू धर्म की प्रथा थी कि पति के साथ पत्नी की भी दाह संस्कार की जाएगी, इसलिए उनकी भाभी ने चिता में कूदकर अपनी जीवन लीली समाप्त कर ली। इस घटना के बाद राममोहन को गहरा धक्का लगा और उन्होंने निश्चय किया कि वे सती प्रथा को बंद करवाएंगे। इसके बाद उन्होंने सती प्रथा को लेकर समाज में विरोध करना शुरू कर दिया, लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। 1829 में अंग्रेजों ने राजा राम मोहन राय की बात पर सहमति जताते हुए इस प्रथा को बंद कर दिया। 

शुरू किया पहला इंग्लिश मीडिएम स्कूल

राजा राम मोहन राय वैज्ञानिक सोच के समर्थक थे। उन्होंने 1816 में भारत का पहला इंग्लिश स्कूल कोलकाता में स्थापित किया, जिसे बाद में एंग्लो-हिंदू स्कूल के रूप में जाना जाने लगा। वहीं 1828 में उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना भी की। इनके इसी कदम से भारतीय समाज के सुधार और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राम मोहन को राजा की उपाधि किसने दी?

राजा राम मोहन राय दिल्ली मुगल सम्राट अकबर II की पेंशन से संबंधित शिकायतों को लेकर इंग्लैंड गए, जिससे खुश होकर मुगल सम्राट अकबर II ने उन्हें "राजा" की उपाधि दी। वहीं, अपने एक भाषण में रविंद्र नाथ टैगोर ने राम मोहन राय को भारत का चमकदार सितारा कहा था। राजा राम मोहन राय ने समाज की अनके कुरतियां जैसे- जाति व्यवस्था, छुआछूत, अधंविश्वास और नशे के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। 27 सितंबर 1833 में राजा राम मोहन राय की मृत्यु हो गई।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement