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रेल से मवेशियों के हादसे रोकने के लिए रेलवे का बड़ा प्लान, बनाएगा 1000 किमी की बाउंड्री वॉल

इंडियन रेलवे अपने यात्रियों की सहूलियत के लिए समय समय पर अपडेट करता रहता है। इसी कड़ी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेल से मवेशियों के हादसों के कारण ट्रेन लेट होने या यात्रियों को होने वाली अन्य परेशानियों के लिए रेलवे बड़ा कदम उठाएगा। 1 हजार किमी ट्रैक की घेराबंदी की जाएगी।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Nov 17, 2022 17:24 IST, Updated : Nov 17, 2022 17:25 IST
 रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव
Image Source : FILE रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव

इंडियन रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए समय समय पर कई नए बदलाव करता रहता है। अब इसी कड़ी में रेलवे ने यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए अगले 6 महीने में 1000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की घेराबंदी करने का निर्णय लिया है। इस बात का ऐलान रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को किया। उन्होंने बताया  रेलवे अपने नेटवर्क के उन हिस्सों में 1,000 किमी की बाउंड्री वॉल बनाएगा, जहां मवेशियों के ट्रेनों से टकराने के अधिकतम मामले दर्ज किए गए हैं।

9 दिन की अवधि में मवेशियों के टकराने के आए 900 मामले

आधिकारिक डेटा की मानें तो अक्टूबर के पहले 9 दिन में करीब 200 ऐसे मामले सामने आए जहां मवेशियों की टक्कर से ट्रेनें प्रभावित हुईं। वहीं, इस साल अब तक 4 हजार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि 'रेल मंत्रालय ट्रैक की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रहा है। इसके लिए दो अलग-अलग डिजाइन को तैयार किए गए हैं। इनमें से एक डिजाइन को मंजूरी मिल चुकी है।' 

1000 किमी के ट्रैक की घेराबंदी में 6 महीने का लगेगा समय

उन्होंने कहा कि अगले पांच से छह महीनों में डिजाइन की टेस्टिंग के लिए 1,000 किलोमीटर के ट्रैक की घेराबंदी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पारंपरिक तरीके से बनी बाउंडरी वॉल मवेशियों के ट्रेन से टकराने की समस्या का समाधान नहीं है। इससे गांव के लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।

रेलवे का ये जोन सबसे ज्यादा प्रभावित

उत्तर मध्य रेलवे ज़ोन सबसे अधिक प्रभावित है। जहां 2020-21 में मवेशियों के टकराने के कुल 26,000 मामलों में से 6,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। यह दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के 3,000 किमी ट्रैक और मेजबान भागों को कवर करता है। इसमें आगरा, झांसी और प्रयागराज जैसे डिवीजन शामिल हैं और यहां पूर्व से चलने वाली ट्रेनें भारत के उत्तरी भागों तक जाती हैं।

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