Wednesday, December 11, 2024
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"फर्जी विमर्श मत गढ़िए", रेलवे के निजीकरण के सवाल पर भड़के रेल मंत्री, बताया कितना काम हुआ?

रेल मंत्र अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि इस समय रेलवे में 58,642 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Dec 11, 2024 16:02 IST, Updated : Dec 11, 2024 16:03 IST
अश्विनी वैष्णव- India TV Hindi
Image Source : PTI अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्र अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को विपक्षी दलों को भारतीय रेलवे के निजीकरण के बारे में फर्जी विमर्श गढ़ने से आगाह किया। उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं उठता है। लोकसभा में 'रेल (संशोधन) विधेयक, 2024' पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे का पूरा ध्यान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर है। वैष्णव ने कहा कि इस समय रेलवे में 58,642 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

"रक्षा और रेलवे को राजनीति से दूर रखें"

दरअसल, विधेयक पर गत 4 दिसंबर को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर रेलवे के निजीकरण की दिशा में बढ़ने का आरोप लगाया था। चर्चा में 72 सांसदों ने भाग लिया था। पिछले कई दिन से विभिन्न मुद्दों पर सदन में गतिरोध के कारण रेल मंत्री का जवाब नहीं हो सका था। बुधवार को रेल मंत्री वैष्णव के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पारित कर दिया। वैष्णव ने चर्चा के जवाब में कहा, "कई सदस्यों ने निजीकरण होने का विमर्श बनाने की कोशिश की। कृपया फर्जी विमर्श बनाने की कोशिश मत करिए। आपका संविधान वाला फर्जी विमर्श विफल हो चुका है। अब कोई फर्जी विमर्श नहीं गढ़ें।" उन्होंने कहा, "कहीं निजीकरण का कोई प्रश्न नहीं है। मैं हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि कृपया इस फर्जी विमर्श को आगे नहीं बढ़ाएं। रक्षा और रेलवे दो ऐसे विषय हैं, जिन्हें राजनीति से दूर रखकर इन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।"

"रेलवे सुरक्षा पर पूरा जोर दिया गया"

रेल मंत्री ने कहा, "रेलवे का पूरा ध्यान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर है। रेलगाड़ियों में गैर-एसी डिब्बे दो तिहाई होते हैं और एसी डिब्बे एक तिहाई हैं। करीब 12,000 नए सामान्य कोच बनाए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हर ट्रेन में जनरल डिब्बे ज्यादा हों।" उनके अनुसार, रेलवे सुरक्षा पर पूरा जोर दिया गया है और व्यापक पैमाने पर काम हुआ है। मंत्री ने कहा कि 1.23 लाख किलोमीटर लंबी पुरानी पटरियों को बदला गया है और नई प्रौद्योगिकी का सहारा भी लिया गया है। वैष्णव ने कहा, "हम हर घटना की जड़ में जाते हैं और प्रक्रिया, तकनीक समेत जहां भी बदलाव जरूरी हो, वह करके रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने और ट्रेन हादसों की संख्या को कम करेंगे और सुरक्षा बढ़ाएंगे। इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।"

"बजट को बढ़ाकर 2.52 लाख करोड़ कर दिया गया"

वैष्णव ने यह भी बताया कि रेलवे के लिए पिछले 10 वर्षों में 2,000 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए हैं, जो संप्रग सरकार की तुलना में तीन गुना ज्यादा हैं। उन्होंने 'वंदे भारत' ट्रेन का जिक्र करते हुए कहा कि यह ट्रेन आत्मनिर्भर भारत की पहचान बन गई है और इसके पैमाने पर कई देशों की रेलगाड़ियां भी पीछे हैं। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे के बजट को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बढ़ाकर 25-30 हजार करोड़ रुपये से 2.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, 31 हजार किलोमीटर नई पटरियां बिछाई गई हैं और 15 हजार किलोमीटर रेलवे पटरियों पर सुरक्षा प्रणाली 'कवच' लगाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रेलवे में अभूतपूर्व बदलाव हुआ है और कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे के नेटवर्क को जोड़ने के लिए काम तेजी से चल रहा है। वैष्णव ने यह भी बताया कि कश्मीर के लिए चिनाब रेलवे पुल का निर्माण किया गया है, जो 359 मीटर ऊंचा है और एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। (भाषा इनपुट के साथ)

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