Highlights
- नई प्रक्रिया 30 जुलाई को होने वाली परीक्षा में लागू
- करीब 60 हजार उम्मीदवार लेंगे हिस्सा
- उत्तर पूर्वी राज्यों के उम्मीदवारों को दायरे में एडजस्ट करने में मुश्किल
Railway Exam News: रेलवे पहली बार परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को उनके निवास स्थान से 300 किलोमीटर के दायरे में एग्जाम सेंटर अलॉट करने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करेगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य उम्मीदवारों को यात्रा पर खर्च होने वाले समय को कम करना है।
उम्मीदवारों के रहने और खाने-पीने पर होते थे अतिरिक्त पैसे खर्च
दशकों से रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की शिकायत रही है कि एग्जाम सेंटर उनके पते से दूर बना दिया जाता है, जिसकी वजह से उन्हें न केवल लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, बल्कि रहने और खाने-पीने पर अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
नई प्रक्रिया 30 जुलाई को होने वाली परीक्षा में लागू
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम हर एक उम्मीदवार द्वारा पते के साथ दिए गए पिन कोड को गूगल मैप के जरिए उनके पते से 300 किलोमीटर के दायरे में मौजूद एग्जाम सेंटर के साथ जोड़ रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि केंद्र तक परिवहन के विभिन्न साधनों जैसे बस और ट्रेन के जरिए आवागमन आसान हो। अगर यह काम करता है, तो हम उम्मीदवारों की एक बहुत ही नियमित और स्थायी समस्या का समाधान कर सकेंगे।’’ नई प्रक्रिया 30 जुलाई को होने वाली स्टेज-6 और स्टेज-4 कंप्यूटर आधारित परीक्षा में लागू होगी। इस परीक्षा में 7,026 पदों के लिए 90 केंद्रों पर परीक्षा होगी जिसमें करीब 60 हजार उम्मीदवार हिस्सा लेंगे।
अलॉट एग्जाम सेंटरों को लेकर उम्मीदवार थे चिंतित
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में हम 99 प्रतिशत उम्मीदवारों को 300 किलोमीटर के दायरे में एग्जाम सेंटर देने में सफल रहे हैं जबकि शत प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को 400 किलोमीटर के दायरे में बने एग्जाम सेंटरों में एडजस्ट किया गया है।’’ RRB द्वारा अंतिम चरण की परीक्षा के लिए एग्जाम सेंटरों की सूची जारी किए जाने के बाद अधिकतर उम्मीदवारों ने ट्विटर के जरिए उन्हें दूर अलॉट एग्जाम सेंटरों को लेकर चिंता जाहिर की थी।
कोलकाता की एक ट्विटर यूजर ने कहा कि उन्हें कर्नाटक में एग्जाम सेंटर अलॉट किया गया है जबकि बेंगलुरु के एक उम्मीदवार ने कहा कि उसे 1,900 किलोमीटर दूर रांची में एग्जाम सेंटर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर पूर्वी राज्यों के उम्मीदवारों को 300 किलोमीटर के दायरे में एडजस्ट करने में मुश्किल आ रही है क्योंकि वहां कुछ ही एग्जाम सेंटर हैं।