Highlights
- रेलवे करेगा अब ऑनलाइन कॉमर्शियल प्रॉप्रटीज की नीलामी
- छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देगी रेलवे
- रेलवे के ई-टेंडर पोर्टल पर होगी नीलामी
Railway E-Auction: रेलवे में अब कॉमर्शियल प्रॉप्रटीज की नीलामी की बोली ऑनलाइन लगेगी। इसके लिए रेलवे जल्द ही ई-नीलामी की व्यवस्था शुरू करना जा रही है। रेलवे ने यह फैसला किया है कि वह छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देगी। रेलवे ने अपने कॉमर्शियल इनकम और नॉन-हायर कॉनट्रैक्ट्स को ऑनलाइन करने के साथ ही 40 लाख रुपए तक के वार्षिक अनुबंधों के लिए वित्तीय कारोबार की शर्त हटा दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाणिज्यिक आय एवं गैर-किराया राजस्व (NFR) अनुबंधों के लिए शुक्रवार को ई-नीलामी व्यवस्था की शुरुआत की। इसके पहले रेलवे अपने कबाड़ की बिक्री के लिए भी ई-नीलामी व्यवस्था लागू कर चुका है।
टेंडर प्रक्रिया को बनाएगा सरल- रेल मंत्री
वैष्णव ने इस नीति को प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से आम आदमी के अनुभव में बदलाव लाने की प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप बताते हुए कहा कि इससे टेंडर जारी करने की थकाऊ प्रक्रिया अधिक सरल होगी। इसके अलावा युवाओं को भी ई-नीलामी प्रक्रिया का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा। इससे जीवन सुगम होने, पारदर्शिता को प्रोत्साहन और रेलवे में डिजिटल इंडिया पहल को बल मिलेगा।
नीलामी के लिए रखी जाने वाली आय संपत्ती
- पार्सल वैन
- भुगतान कर इस्तेमाल किए जाने वाले शौचालय
- स्टेशन परिसर और रेल डिब्बों पर विज्ञापन के अधिकार
- वातानुकूलित प्रतीक्षालय
- सामान अमानती कक्ष
- पार्किंग स्थल
- एटीएम
- कंटेंट प्रदर्शित करने वाले वीडियो स्क्रीन
ऐसे होगी ऑनलाइन नीलामी
इन संपत्तियों को पोर्टल पर एक बार स्थान के आधार पर दर्ज किया जाएगा और सिस्टम इसे हमेशा याद रखेगा। इससे परिसंपत्तियों की वास्तविक आधार पर निगरानी में सुधार आएगा और वे निष्क्रिय नहीं पड़ी रहेंगी। फिलहाल रेलवे की ई-टेंडर सिस्टम में हिस्सा लेने के लिए संबंधित इकाई के पास भौतिक पंजीकरण कराना जरूरी होता है। लेकिन ई-टेंडर प्रक्रिया में देश के किसी भी हिस्से में मौजूद बोली लगाने वाला पोर्टल के जरिए भारतीय रेल की किसी भी इकाई की संपत्ति के लिए बोली लगा सकता है। जिसकी भी बोली सफल हो गई तो वह ऑनलाइन ढंग से इसकी स्वीकृति पा सकता है। इसके साथ ही बोली लगाने वाले की वित्तीय कारोबार की शर्त को भी हटा लिया गया है। अब 40 लाख रुपए तक के ठेकों के लिए कोई भी वित्तीय टर्नओवर शर्त नहीं रखी गई है।