Highlights
- राफेल सौदे की नए सिरे से जांच की याचिका खारिज
- सुप्रीम कोर्ट ने नयी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया
Rafale Deal: सुप्रीम कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों की खरीद के सौदे की नए सिरे से जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने वकील एम एल शर्मा की इस दलील पर विचार किया कि सौदे से संबंधित नए साक्ष्य एकत्र करने के लिए अनुरोध पत्र जारी करने का निर्देश जारी किया जाए। उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सौदा अपने पक्ष में करने के लिए डसॉल्ट एविएशन द्वारा एक बिचौलिए को एक अरब यूरो का भुगतान किया गया था।
14 दिसंबर, 2018 को भी खारिज हुई थी याचिका
पीठ ने नयी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शर्मा ने तब जनहित याचिका को वापस लेने का फैसला किया। 14 दिसंबर, 2018 को शीर्ष अदालत ने 36 राफेल जेट विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस के बीच सौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ‘‘निर्णय लेने की प्रक्रिया पर वास्तव में संदेह’’ करने का कोई मतलब नहीं था।
विपक्ष गड़बड़ी का आरोप लगाता रहा है
इस विमान सौदे में विपक्ष गड़बड़ी के आरोप लगाता रहा है और इसे लेकर सरकार पर निशाना भी साधा जाता रहा है। फ्रांसीसी खोजी पत्रिका मीडियापार्ट के दावे के मुताबिक कथित तौर पर फर्जी बिलों का इस्तेमाल किया गया था, जिसने फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन को भारत के साथ Rafale सौदे को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए एक बिचौलिए को कम से कम 75 लाख यूरो का गुप्त कमीशन देने में सक्षम बनाया।