पश्चिम बंगाल में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय पेपर मतपत्रों से ही कराए जाएंगे। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (WBSEC) ने इन चुनाव के लिए खास क्यूआर कोड वाले मतपेटियों का उपयोग करने का फैसला लिया है। WBSEC के सूत्रों ने बताया कि हरएक मतदान केंद्र में चार मतपेटियां होंगी। पंचायत समिति स्तर के लिए एक बड़े आकार का डिब्बा, ग्राम पंचायत स्तर के लिए एक मध्यम आकार का डिब्बा और जिला परिषद स्तर के लिए दो छोटे आकार के डिब्बे होंगे।
हर बैलेट बॉक्स में होगा यूनिक QR कोड
पोल पैनल के एक अधिकारी ने कहा कि हर बैलेट बॉक्स में एक यूनिक क्यूआर कोड होगा जिसमें टियर-वार, बूथ-वार और जिले-वार विवरण होगा, जो चुनाव आयोग के पोर्टल पर भी उपलब्ध होगा। चुनाव आयोग के कार्यालय के पास इस बात की पूरी जानकारी होगी कि किस मतपेटी को किस टियर के लिए और किस बूथ के लिए और किस जिले में आवंटित किया गया है। इससे व्यवस्था पारदर्शी होगी और मतगणना से पहले मतपेटी में बदलाव के आरोपों का समाधान होगा।
विपक्षी बीजेपी ने बताया धूल झोंकने जैसा
हालांकि, विपक्षी बीजेपी नेताओं को लगता है कि यह और कुछ नहीं बल्कि आंखों में धूल झोंकने जैसा है। राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा के अनुसार, ये पहल तब तक बेकार होगी जब तक कि विपक्षी दलों को प्रत्येक स्तर की हर सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने की अनुमति नहीं दी जाती है और लोगों को बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
पिछले पंचायत चुनावों में हुई थी भारी हिंसा
राहुल सिन्हा ने कहा, इसलिए हम मतदान के दिन और मतगणना के दिन केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे हैं। पिछले पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें चुनाव संबंधी मौतों की कुल संख्या 13 दर्ज की गई थी। मतपेटियों को जलाने, मतदान केंद्रों पर कब्जा करने और बम विस्फोटों की कई खबरें आईं। ग्रामीण निकाय चुनावों में कई पत्रकारों पर भी हमले की कई घटनाएं हुईं, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए।
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