Highlights
- बारिश के कारण धान की कटाई में हुई देरी
- बारिश से पराली कम जलाई गई, इसलिए कम रहा दिल्ली में प्रदूषण
- 4 से 8 अक्टूबर के बीच हो सकती है दिल्ली-एनसीआर में बारिश
Punjab News: पंजाब के कुछ क्षेत्रों में बारिश की वजह से धान की कटाई में देरी के कारण किसान इसकी भरपाई करने और अपने खेतों को अगली फसल के लिए जल्द से जल्द तैयार करने के वास्ते पराली जला सकते हैं। यह आशंका विशेषज्ञों ने जाहिर की है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर भारत में चार अक्टूबर से आठ अक्टूबर के बीच एक बार फिर बारिश की संभावना है। जिससे कुछ इलाकों में फसल की कटाई में और देरी हो सकती है।
बारिश के कारण धान की कटाई में हुई देरी
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में कृषि इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. महेश नारंग ने कहा ‘पिछले सप्ताह बारिश से कई इलाकों खासतौर से अमृतसर और तरन तारन में धान की कटाई में देरी हुई, जहां किसान गेहूं से पहले आलू और मटर की खेती करते हैं। यह कोई आदर्श स्थिति नहीं है।‘ उन्होंने कहा ‘धान की कटाई में देरी ने अगली फसल के लिए खेतों को तैयार करने की अवधि भी कम कर दी है इसलिए इसकी प्रबल संभावना है कि ये किसान मशीनी तंत्र के जरिए पराली से निपटने के बजाय उसे जला सकते हैं।‘
बारिश से पराली कम जलाई गई, इसलिए कम रहा दिल्ली में प्रदूषण
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ‘आईएआरआई‘ में प्रधान वैज्ञानिक विनय सहगल ने कहा, ‘पराली जलाने के मामले 20 सितंबर के आसपास सामने आने शुरू होते हैं, लेकिन 12-14 अक्टूबर तक आग लगने की घटनाओं की संख्या कम रहती है। पिछले सप्ताह बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली कम जलायी गयी और दिल्ली.एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण में रहा। ‘कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस‘ के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में पिछले छह दिनों में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं हुई है। मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन संबंधी एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि पश्चिमी-मध्य बंगाल की खाडी़ में बने चक्रवाती क्षेत्र के कम दबाव के क्षेत्र में बदलने तथा उत्तर पश्चिम की ओर मध्य प्रदेश तक बढ़ने की संभावना है।
4 से 8 अक्टूबर के बीच हो सकती है दिल्ली-एनसीआर में बारिश
उन्होंने कहा कि इससे चार से आठ अक्टूबर के बीच दिल्ली.एनसीआर तथा हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। सहगल ने कहा, ‘अगर अगले सप्ताह बारिश होती है तो खेतों में पराली जलाने की घटनाएं अक्टूबर मध्य तक होंगी।‘ विशेषज्ञों का कहना है कि 2020 में किसानों के प्रदर्शन और पिछले साल विधानसभा चुनाव खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि की प्रमुख वजहें रहीं।