Highlights
- पंजाब डीजीपी ने कहा- लुधियाना ब्लास्ट में खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया है
- लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट केस में मृतक गगनदीप की कॉल डिटेल से गर्ल फेंड का पता चला
- 'मतृक गगनदीप सिंह को पुलिस विभाग से ड्रग्स मामले में लिप्त होने के कारण 2019 में सस्पेंड किया गया था'
चंडीगढ़: पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने शनिवार को कहा कि लुधियाना जिला अदालत धमाका मामले की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विस्फोट में जिस पूर्व पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत हुई, वह बम के पुर्जों को जोड़ने के लिए शौचालय में गया था। डीजीपी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 'मतृक गगनदीप सिंह को पुलिस विभाग से ड्रग्स मामले में लिप्त होने के कारण 2019 में सस्पेंड किया गया था। वह दो साल जेल मे रहा और उसके खिलाफ ट्रायल चल रहा था। 24 जनवरी को उसकी पेशी थी। इसका लिंक्स जेल में पंजाब और बाहरी देशों से बन गए थे।'
डीजीपी ने कहा कि गगनदीप सिंह वह शौचालय में अकेला था, जब बम धमाका हुआ। चट्टोपाध्याय ने कहा कि सिंह के कुछ खालिस्तानी तत्वों और मादक पदार्थ तस्करों से संबंध थे। सिंह, खन्ना का निवासी था और उसे मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में बर्खास्त किया गया था। डीजीपी ने कहा कि पंजाब चुनाव में कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा, सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वह एक्टिव रहे।
बता दें कि, गुरुवार को अदालत परिसर में हुए विस्फोट में सिंह की मौत हो गई थी तथा 6 अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद पंजाब सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट घोषित किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या बम में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था, चट्टोपाध्याय ने कहा कि विस्फोटक को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि उसमें कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा, “मैं निश्चित तौर पर नहीं कह सकता कि विस्फोट में किस सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।” एक अन्य सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि सिंह जब पुलिस सेवा में था, तब उसका तकनीकी ज्ञान अच्छा था। राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा, “उसे कम्प्यूटर और तकनीक का बहुत अच्छा ज्ञान था।”
मानव बम की संभावना से इनकार करते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा, “ऐसा लगता है कि वह कुछ तार जोड़ने और उसे (बम) लगाने के लिए लिए वहां (शौचालय) गया था। मानव बम ऐसे नहीं बनते।” अधिकारी ने कहा, “वह जिस तरह से बैठा था, उससे ऐसा नहीं लगता कि वह उसका (शौचालय) का इस्तेमाल करने गया था। वह शौचालय का इस्तेमाल उसे (बम) जोड़ने के लिए कर रहा था। वह वहां अकेला था।”
चट्टोपाध्याय ने आगे कहा कि शुरुआती जांच में हम ऐसा कह सकते हैं निश्चित तौर पर वो नार्को टेरर के संपर्क में था, पंजाब में, जेल में और विदेश में भी... ड्रग्स और विस्फोटक के बारे में आपको बाद में जानकारी दूंगा, लेकिन हमारे मुताबिक, उसका संपर्क पाकिस्तान से था क्योंकि ब्लास्ट का तरीका जिस तरह से है उसे देखकर लगता है कि ये पाकिस्तान से ऑपरेट किया गया है, मगर इस पर मैं विस्तार से बाद में बात करूंगा।
पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट केस को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि लुधियाना ब्लास्ट केस 24 घंटे में सुलझाया गया, ब्लास्ट केस में कई सुराग मिले, जांच अभी जारी है। आरोपियों का खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। मृतक गगनदीप ड्रग्स तस्करी का आरोपी था।
वहीं लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट केस में मृतक गगनदीप की कॉल डिटेल से गर्ल फेंड का पता चला है। अभी ब्लास्ट में गगनदीप की गर्ल फ्रेड के लिंक का सबूत नहीं मिला है लेकिन मृतक गगनदीप की गर्लफेंड को हिरासत में ले लिया गया है। मृतक गगनदीप की कॉन्सटेबल महिला मित्र खन्ना एसपी ऑफिस में तैनात है। पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने आगे कहा कि कपूरथला में बेअदबी की कोई बात नहीं थी, इसमें 302 का पर्चा दर्ज़ हुआ है और मुख्य आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है। ऐसा लगता है कि वो व्यक्ति चोरी करने के इरादे से अंदर गया था।
लुधियाना कोर्ट कंपलेक्स में हुए बम धमाके के 2 गिरफ्तार आरोपियों को स्थानीय अदालत ने 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने जांच के दौरान गगनदीप के 2 साथियों सुखविंदर और रंजीत चीता को गिरफ्तार किया था, जिन्हें लुधियाना की एक अदालत ने 7 दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया है।