Highlights
- विरोध प्रदर्शन के दौरान 12 राज्यों में भड़की हिंसा
- 'ओवैसी-मदनी जैसे लोगों ने युवाओं को भड़काया'
- 'हिंसा में शामिल आरोपियों पर एक्शन जारी है'
Prophet Row: पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ नूपुर शर्मा के अपमानजनक बयान के विरोध में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान 12 राज्यों में हिंसा भड़क गई थी। देश के प्रमुख इस्लामी संगठन जमाअत उलेमा-ए-हिंद ने इस हिंसा के लिए AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और जमाअत उलमा-ए-हिंद के दूसरे धड़े के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को जिम्मेदार ठहराया है।
जमाअत के अध्यक्ष सुहैब कासमी ने कहा कि हम असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी के खिलाफ फतवा जारी करेंगे। सुहैब कासमी का कहना है कि ओवैसी और मदनी जैसे लोगों ने युवाओं को भड़काया। सुहैब कासमी का कहना है कि ओवैसी और मौलाना मदनी की बयानबाजी से युवाओं को भड़काना एक ही अंदाज में प्रदर्शन का एजेंडा लगता है। उन्होंने कहा, "देशभर में हुई हिंसा में शामिल आरोपियों पर एक्शन जारी है, लेकिन प्रयागराज से लेकर रांची तक हुई हिंसा का एक मॉड्यूल सामने आया है। इस हिंसा में देश को तोड़ने की साजिश करने वालों का हाथ लगता है। AIMIM सांसद ओवैसी मुस्लिमों के नाम पर मलाई खा रहे हैं। देश की मौजूदा सरकार में ओवैसी की कमाई नहीं हो रही है।"
बता दें कि मौलाना अरशद मदनी इंडियन मुस्लिम स्कॉलर और दारुल उलूम देवबंद के प्रधानाचार्य हैं। वे जमाअत उलमा-ए-हिंद के 8वें अध्यक्ष बने थे। हालांकि, 2008 के आस-पास संगठन में बंटवारा हो गया। फिलहाल वे अरशद गुट के अध्यक्ष के रूप में काम काम कर रहे हैं।
प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड का घर जमींदोज
वहीं, यूपी के प्रयागराज में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद उर्फ पंप के घर को जमींदोज कर दिया गया है। प्रशासन ने करीब साढ़े चार घंटों तक तीन बुलडोजर और पोकलेन मशीन से जावेद के मकान को ढहा दिया। मालूम हो कि गौसनगर इलाके में मास्टरमाइंड जावेद का आलीशान घर था। बुलडोजर चलाने से पहले घर के कुछ सामान को हटाने की इजाजत दी गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय कुमार ने बताया कि ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस ने मकान की तलाशी भी ली, जिसमें कई आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं।
वहीं, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा की निंदा की। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मांग की कि इस हिंसा में भाग लेने वाले लोगों को इस्लाम से बाहर कर दिया जाए। मंच का कहना है कि इन लोगों ने सिर्फ धर्म को ही नहीं, बल्कि मुसलमानों को भी शर्मसार किया है।