जम्मू कश्मीर में आतंक को लेकर सरकार लगातार ठोस कदम उठाते जा रही है। इसी बाबत पुलिस ने 400 से अधिक पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी आतंकवादियों और उनके समर्थकों की संपत्ति जब्त की है। पुलिस ने बताया कि आने वाले दिनों में ये कार्रवाई और भी तेज होगी। अभी 300 से अधिक पाक में छुपे भगोड़े आतंकियों की संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा। पुलिस के पास उन सभी आतंकवादियों की एक सूची है। जो जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी हैं और जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय थे लेकिन अब शरण लेने के लिए पाकिस्तान भाग गए हैं। उनकी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं और यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
भगोड़ों आतंकियों पर हो रही कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर की जांच एजेंसी SIA और CID ने सामूहिक तौर पर भगोड़ों आतंकियों की तलाश का अभियान छेड़ रखा है। भगोड़ों की कुल तादाद 734 बताई जा रही है। इनमें से 417 भगोड़े कश्मीर और 317 जम्मू क्षेत्र से हैं। 369 भगोड़ों का वेरिफिकेशन हो चुका है। लिस्ट में शामिल 80 भगोड़ों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 जेल में बंद हैं। वहीं 45 ने देश छोड़ कर पाकिस्तान में शरण ली है, जबकि 127 का अभी तक अता-पता नहीं चल पाया है। आने वाले दिनों में जिन 369 भगोड़ों का वेरिफिकेशन हो चुका है उनकी प्रॉपर्टिज भी जब्त की जाएगी।
अलगाववादी नेता और टॉप मिलिटेंट कमांडर्स की प्रॉपर्टिज़ की गई अटैच
जम्मू कश्मीर में अब तक जो प्रॉपर्टी अटैच की गई है। इनमें कई बड़े अलगाववादी नेता और टॉप मिलिटेंट कमांडर्स का नाम भी शामिल है। इनमें 190 से ज्यादा आतंकी जिसमें सबसे ज्यादा डोडा रिजिन से हैं, इनकी संख्या 125 है। वहीं, 36 किस्तावार, 18 राजौरी पुंछ के और बाकी श्रीनगर अनंतनाग और कुपवाड़ा से है। आतंकियों के साथ-साथ जमात-ए-इस्लामी और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई है। हुर्रियत कांफ्रेंस के पूर्व चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी के अलावा आलोमार मुजाहिद्दीन के चीफ कमांडर मुस्ताक जरगर उर्फ लत्राम, हिज्ब के टॉप ऑपरेशनल कमांडर बशीर अहमद , और लश्कर-ए-तोइबा के कई बड़े टॉप कमांडर्स और श्रीनगर के हुर्रियत ऑफिस पर भी कार्रवाई हुई है।
कार्रवाई से आतंकवाद और टेरर फंडिंग पर लगी रोक
इसके अलावा आतंकियों की मदद और उन्हें शरण देने के आरोप में श्रीनगर पुलवामा अनंतनाग शोपियां कुलगाम में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दर्जनों प्रॉपर्टीज को अटैच किया है। यह सारी कार्रवाई NIA और SI की तरफ से की जा रही है। सरकार का दावा है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद-अलगाववाद पर हो रही इस कार्रवाई से न सिर्फ आतंकवाद के ग्राफ में कमी आई है बल्कि टेरर फंडिंग पर भी रोक लगी है।
टेरर फंडिंग में शामिल अलगाववादी नेताओं को किया गया गिरफ्तार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में कहीं और बड़े मिलिटेंट कमांडरों और टेरर फंडिग में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार 2018 से ही आतंकवाद और अलगावाद पर शिकंजा कसते हुए सभी अलगाववादी नेताओं को टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार कर रही है। इन में जेकेएलएफ के चीफ यासीन मलिक, नईम खान, शबीर शाह, मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और जानती इस्लामी के कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। जिन पर ये आरोप है कि ये कश्मीर में टेरर फंडिंग के जरिए कश्मीर में हिंसा फैला रहे थे। इसी आधार पर जम्मू कश्मीर में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कारवाई की जा रही है।
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