नई दिल्ली: जेल में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की खबरें अब बीते जमाने की बात हो सकती हैं। दरअसल, अब एक ऐसी तकनीक आई है जो एक मीटर की सटीकता के साथ किसी मोबाइल फोन की मौजूदगी वाली जगह के बारे में बता सकती है। बताया जा रहा है कि इसकी मदद से जेलों में अवैध रूप से इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन को भी पकड़ा जा सकता है। इस प्रौद्योगिकी को नई दिल्ली में आयोजित रक्षा एवं सुरक्षा प्रदर्शनी ‘मिलिपोल इंडिया-2023’ में प्रदर्शित किया गया। इस तकनीक का विकास सुरक्षा एवं संचार प्रौद्योगिकी कंपनी श्यामवीएनएल ने किया है।
‘मोबाइल डिवाइसेज का पता लगाने में सक्षम’
कंपनी के मुताबिक, इस तकनीक को जेलों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एक परिधि के भीतर मौजूद सभी मोबाइल कम्युनिकेशन पर लगाम लगाने, मोबाइल डिवाइसेज की सटीक पहचान और एक मीटर की सटीकता के साथ मोबाइल डिवाइसेज की जगह के बारे में पता लगाने की क्षमता है। कंपनी ने कहा, ‘अपराधियों और बदमाशों ने जेलों के भीतर रहते हुए अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मोबाइल फोन का तेजी से इस्तेमाल किया है। हाल में कई बड़े मामलों का सुराग जेलों के अंदर मोबाइल नेटवर्क कवरेज और अवैध मोबाइल डिवाइसेज से मिला है।’
‘अपराधियों पर काबू पाने में होगी आसानी’
कंपनी का दावा है कि इस तकनीक से दूरसंचार सेवाप्रदाताओं पर निर्भरता खत्म कर जेलों में फोन का इस्तेमाल करने वाले अपराधियों पर काबू पाने में अधिकारियों को आसानी होगी। यह जेलों में मोबाइल फोन के अवैध इस्तेमाल को रोकने, महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में व्यवस्था बनाए रखने में काफी अहम साबित हो सकता है। श्यामवीएनएल के संस्थापक राजीव मेहरोत्रा ने कहा, ‘हम इनोवेशन से प्रेरित कंपनी हैं जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने में लगातार पैदा हो रही तकनीकी चुनौतियों का सामना करने में भरोसेमंद एवं बहुआयामी समाधान प्रदान करती है।’ (भाषा)