सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में एकता की शपथ दिलाई। गुजरात के केवडिया में सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित 'राष्ट्रीय एकता दिवस' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने परेड देखी और कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्प अर्पित कर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि भी दी।
पीएम मोदी ने इस मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म-जयंती पर उन्हें मेरा शत-शत नमन। राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा उनके जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।"
2 साल तक सरकार मनाएगी 150वीं जयंती का जश्न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती का वर्ष शुरू हो रहा है और देश अगले दो वर्षों तक इस मील के पत्थर का जश्न मनाएगा। यह भारत के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि है। यह अवधि उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के प्रति सम्मान से भरी होगी और सरकार की हर पहल और मिशन में राष्ट्रीय एकता झलकेगी। जब भारत को आजादी मिली, तो दुनिया में कुछ लोग थे जो अनुमान लगा रहे थे कि भारत बिखर जाएगा। उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को मिलाकर एक अखंड भारत बनाया जा सकता है, लेकिन सरदार साहब ने यह कर दिखाया। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरदार साहब अपने व्यवहार में यथार्थवादी थे, अपने संकल्प में सत्यवादी थे, अपने कार्यों में मानवतावादी थे और अपने उद्देश्य में राष्ट्रवादी थे।"
सरदार पटेल की 149वीं जयंती
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्मदिन (31 अक्टूबर) 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। भारत को आजादी मिसले ने बाद सभी राज्यों को साथ लाने में और देश को एक करने में सरदार पटेल ने अहम भूमिका निभाई थी। उनके इसी योगदान को याद करते हुए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। गुजरात के केडिया में दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति भी बनाई गई है। इसे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी कहा जाता है। यह मूर्ति देश की एकता का प्रतीक है।
देश के पहले गृहमंत्री थे पटेल
भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल ने कई रियासतों को देश में एकीकृत किया था। उप प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सभी षड्यंत्रों को बेनकाब किया क्योंकि उस समय तमाम विदेशी ताकतें थीं जो नहीं चाहती थी कि भारत एक रहे। सरदार पटेल ने अपनी सूझबूझ और दूरदर्शिता से देश की सभी 563 रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाते हुए अखंड भारत की नींव रखी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा है। इसका श्रेय लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को जाता है।