Highlights
- दिल्ली में आयोजित इंटरपोल की 90वीं वार्षिक महासभा
- इंटरपोल की महासभा को पीएम मोदी ने किया संबोधित
- ग्लोबल कॉर्पोरेशन में भी भारत अग्रणीय रहा है- मोदी
दिल्ली में आयोजित इंटरपोल की 90वीं वार्षिक महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आजादी का 75वां अमृत मोहत्सव मना रहा है। 2023 में इन्टरपोल 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इन्टरपोल का मोटो है पुलिस को आपस में कनेक्ट करना। भारत ऐसा देश है जिसने यूनाइटेड नेशन के हर बड़े ऑपरेशन में अपने बहादुर अधिकारी भेजे हैं, यहां तक की महिला अधिकारी भी भेजे हैं। पीएम ने कहा कि ग्लोबल कॉर्पोरेशन में भी भारत अग्रणीय है।
"महामारी के वक़्त इन्टरपोल ने 24*7 काम किया"
प्रधानमंत्री ने कहा कि चाणक्य के मुताबिक लॉ इंफॉर्मेशन का मतलब है वो देना जो नहीं है, वो सुरक्षित रखना जो है। महामारी के वक़्त भी इन्टरपोल 24*7 काम कर रहा था, हर वक्त एक्टिव था। उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है, राजधानी दिल्ली में ही स्वीडन से ज्यादा लोग रहते हैं। अकेले कुंभ मेले में ही करोड़ों लोग आते हैं, जिसकी सुरक्षा अपने आप में बड़ा चैलेंज है। पीएम ने कहा कि हिंदुस्तान न सिर्फ अपने नागरिकों की रक्षा करता है बल्कि अपने लोकतंत्र को भी सुरक्षित और सुद्रढ़ बनाता है। हमारा लोकतंत्र और विविधता पूरे विश्व के लिए उदाहरण है।
"साइबर क्राइम और ऑनलाइन रैडिकलाइजेशन बड़ा खतरा"
पीएम ने कहा कि मैं पूरी दुनिया को बताना चाहता हूं कि आतंकवाद, ड्रग्स, भ्रष्टाचार बड़ा खतरा हैं, इसके लिए सबको एक होकर लड़ना होगा। पूरे वर्ल्ड के लिए साइबर क्राइम और ऑनलाइन रैडिकलाइजेशन बड़ा खतरा है, फाइनेंस क्राइम और करप्शन भी बड़ा खतरा है। इसके लिए एक अंतर्राष्ट्रीय रणनीति बनाने की जरूरत है। इंटरपोल भगोड़ों को पकड़ने में मदद कर सकता है जो देश से दूसरे देश मे छिपे होते हैं।
"हमें पता है सुरक्षा के लिये क्या बलिदान देना पड़ता है"
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है। ऐतिहासिक होगा कि साल 2023 में इंटरपोल 100 साल पूरे कर लेगा। इंटरपोल का मोटो है देशों की पुलिस को जोड़ना जिससे मानव रक्षा हो सके। दुनिया को एक सुरक्षित जगह बनाना। भारत UN में सबसे ज्यादा अपनी सेना और पुलिस के जवानों को भेजता है। कोविड के समय भी भारत ने मदद की है। सोसायटी में कानून और उसके पालन का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें पता है कि सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिये क्या बलिदान देना पड़ता है।