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Amrit Kaal: प्रधानमंत्री मोदी ने IAS अधिकारियों से कहा, 'अमृत काल में देश सेवा करने का मिला है मौका'

Amrit Kaal: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के युवा अधिकारियों से कहा कि उन्हें अमृत काल में देश की सेवा करने का मौका मिला है और वे 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: October 06, 2022 23:21 IST
Narendra Modi- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV/TWITTER Narendra Modi

Highlights

  • वहां की स्थानीय संस्कृति को समझें
  • जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों से संपर्क को मजबूत करें
  • एक टीम के रूप में काम करने के कारण संभव हुआ है

Amrit Kaal: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के युवा अधिकारियों से कहा कि उन्हें अमृत काल में देश की सेवा करने का मौका मिला है और वे 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक यहां स्थित सुषमा स्वराज भवन में 2020 बैच के आईएएस अधिकारियों के लिए आयोजित असिसटेंट सेक्रेटरी प्रोग्राम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।

लाल किले के प्राचीर से किया था आह्वान 

उन्होंने कहा कि युवा अधिकारी अमृत काल में पंच प्राण के संकल्प को पूरा करने में भी मदद कर सकते हैं। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए अगले 25 साल की यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण करार दिया था और इस अमृत काल में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के पंच प्राण का आह्वान किया।

अमृत काल में देश सेवा करने का मिला मौका 
पीएमओ के मुताबिक मोदी ने अधिकारियों से कहा कि आप लोगों को अमृत काल में देश सेवा और पंच प्राण के संकल्पों को हकीकत में बदलने में मदद करने का मौका मिल है। अमृत काल में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करना सुनिश्चित करने में अधिकारियों की प्रमुख भूमिका है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लीक से हटकर सोचने और उनके प्रयासों में समग्र दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला ओर इस कड़ी में प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना समग्र दृष्टिकोण के महत्व को दर्शाता है।

पहले हुआ करती थी दिल्ली केंद्रित
अधिकारियों को संबोधित करते हुए मोदी ने नवोन्मेष के महत्व पर चर्चा की और बताया कि कैसे यह देश के सामूहिक प्रयास और कार्य करने की संस्कृति का हिस्सा बना है। उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया योजना का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह कई मंत्रालयों के एक साथ आने और 'संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण के माध्यम से एक टीम के रूप में काम करने के कारण संभव हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों को यह भी बताया कि कैसे उनके कार्यकाल में शासन की सोच का दायरा देश के हर क्षेत्र में बढ़ा है जबकि पहले यह दिल्ली केंद्रित हुआ करती थी। 

स्थानीय लोगों को समझने की जरुरत 
उन्होंने उदाहरण दिया कि अब महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत दिल्ली से बाहर की जाती है। उन्होंने अधिाकारियों को सलाह दी कि वे जिन क्षेत्रों में काम करते हैं वहां की स्थानीय संस्कृति को समझें और जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों से संपर्क को मजबूत करें। उन्होंने अधिकारियों से एक जिला, एक उत्पाद की संकल्पना पर जोर देने और अपने जिलों में उत्पादों के निर्यात के अवसरों को तलाशने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के लिए अधिकारियों से एक कार्य योजना बनाने को भी कहा। 

डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़े जिलों को
प्रधानमंत्री ने इस दौरान महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के और प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होंने जनभागीदारी की भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि यह रूख कुपोषण के समाधान में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने जन धन योजना की सफलता की चर्चा करते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डाला और अधिकारियों से कहा कि वह अपने जिलों में लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ें। 

राजपथ की मानसिकता को बदल दिया गया 
अधिकारियों को देश सेवा के महत्व समझाते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें उनके कर्तव्यों की याद दिलाई और कहा कि राजपथ की मानसिकता अब कर्तव्य पथ की भावना में परिवर्तित हो गई है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों ऐतिहासिक राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया था। पीएमओ ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान सहायक सचिवों की ओर से विभिन्न विषयों में प्रधानमंत्री के समक्ष आठ प्रस्तुतियां भी दी गईं। इस साल 2020 बैच के 175 अधिकारियों को 63 मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। 

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