Highlights
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है
- 23 जुलाई को शाम 5:30 बजे संसद भवन में आयोजित होगा विदाई समारोह
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राष्ट्रपति कोविंद के लिए विदाई भाषण देंगे
President Ram Nath Kovind: वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विदाई समारोह अगले हफ्ते, 23 जुलाई को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ ही दोनों सदनों के सांसद भी इस विदाई समारोह में शामिल होंगे। मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार, 23 जुलाई को शाम 5:30 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा।
विदाई समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राष्ट्रपति कोविंद के लिए विदाई भाषण देंगे और साथ ही संसद सदस्यों की ओर से राष्ट्रपति को एक प्रशस्ति पत्र भी देंगे। राष्ट्रपति कोविंद को एक स्मृति चिन्ह और संसद सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक हस्ताक्षर पुस्तिका भी भेंट की जाएगी। संसद सदस्यों के हस्ताक्षर के लिए हस्ताक्षर पुस्तिका को 18 जुलाई से लेकर 21 जुलाई तक संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक रखा जाएगा। इस दौरान दोनों सदनों के सांसद इस पुस्तिका पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
रिटायर होने के बाद कहां रहेंगे कोविंद?
आपको बता दें कि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। रिटायरमेंट के बाद उन्हें अपना आवास यानि देश के प्रथम नागरिक का आवास 'राष्ट्रपति भवन' खाली करना होगा। राष्ट्रपति भवन में देश का नया राष्ट्रपति रहेगा। मौजूदा राष्ट्रपति को नया सरकारी भवन आवंटित किया जाएगा। नए आवास में रहने के बाद रामनाथ कोविंद के पते से अब राजपथ हटकर जनपथ जुड़ जायेगा। क्योंकि उन्हें जनपथ रोड पर ही एक बंगला आवंटित किया गया है।
देश के मौजूदा राष्ट्रपति के लिए रिटायरमेंट के बाद उन्हें जनपथ रोड पर स्थित एक बंगला आवंटित किया गया है। जहां वो अपने रिटायरमेंट के कुछ दिनों बाद आकर रहने लगेंगे। 25 जुलाई से मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नया ठिकाना, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के बंगले के बिल्कुल करीब होगा। जनपथ रोड पर 12 नंबर बंगला उनके लिए आवंटित किया गया है।
इसी बंगले में रहते थे रामविलास पासवान
गौरतलब है कि जनपथ रोड के इसी बंगले में पूर्व केंद्रीय मंत्री लगभग रामविलास पासवान 30 सालों तक रहे। उनके निधन के बाद यह बंगला 30 मार्च 2022 को उनके बेटे चिराग पासवान से काफी विवाद के बाद खाली करा लिया गया था। हालांकि इस बंगले को अलॉट तो किया रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के लिए गया था, लेकिन वे इस बंगले में आये ही नहीं। जिसके बाद अब यह बंगला मौजूदा राष्ट्रपति के रिटायरमेंट के बाद का अधिकारिक आवास बन जायेगा।