Saturday, September 14, 2024
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'कुम्भ के 'शाही स्नान' का नाम बदलें', अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले- ये उर्दू और गुलामी का प्रतीक

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कुम्भ के 'शाही स्नान' का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शाही स्नान उर्दू शब्द है और ये मुगलों द्वारा दिया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Subhash Kumar Updated on: September 05, 2024 12:08 IST
demend of changing name of shahi snan- India TV Hindi
Image Source : PTI शाही स्नान का नाम बदलने की मांग।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कुम्भ में होने वाले शाही स्नान का नाम बदलने की मांग की है। रवींद्र पुरी का कहना है कि शाही उर्दू शब्द है, मुगलों ने ये नाम दिया था और ये गुलामी का प्रतीक है. उन्होंने कहा है कि अब सनातन धर्म के अनुसार इसका नाम शाही स्नान नही राजसी स्नान होना चाहिए। रवींद्र पुरी का कहना है कि अखाड़ा परिषद की बैठक में ये मुद्दा रखा जाएगा। आपको बता दें कि अखाड़ा परिषद में 13 अखाड़े हैं।

प्रयागराज में होगा महाकुंभ

यूपी के प्रयागराज में जनवरी 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना है। महाकुंभ में 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को वसन्त पंचमी पर शाही स्नान होगा। शाही स्नान  को अमृत स्नान माना जाता है जिसमे अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, महंत और नागा साधु शाही स्नान करते है और ये परम्परा सदियों पुरानी है।

शाही शब्द गुलामी का प्रतीक- रवींद्र पुरी 

TOI से बात करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा है कि शाही एक उर्दू शब्द है। उन्होंने कहा कि राजसी 'देव वाणी' का शब्द है जो समृद्ध सनातनी परंपराओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि शाही शब्द गुलामी का प्रतीक है और इसे मुगलों द्वारा गढ़ा गया था।

आगामी महाकुंभ से नए नाम का इस्तेमाल- रवींद्र पुरी 

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा है कि समय आ गया है कि हमें शाही स्नान का नाम बदलना चाहिए। उन्होंने बताया कि 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से बात करने के बाद राजसी नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा और आगामी महाकुंभ से इसका इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शाही स्नान का नाम राजसी स्नान करने के बाद अधिकारियों को सूचित किया जाएगा ताकि वे उचित कार्रवाई कर सकें।  

उज्जैन में भी उठी थी मांग

आपको बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थानीय विद्वानों, संतों और भक्तों ने भगवान महाकाल की पारंपरिक सवारी से 'शाही' शब्द को हटाने की मांग की थी। इसके बाद सीएम मोहन यादव का एक वीडियो जारी हुआ जिसमें उन्होंने शाही सवारी के बजाय राजसी सवारी शब्द का प्रयोग किया था। 

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