Highlights
- द्रौपदी मुर्मू से 'नाम मात्र राष्ट्रपति' नहीं बनने का वादा करने का आग्रह
- यशवंत सिन्हा ने प्रधान न्यायाधीश के बयान को लेकर उन्हें दी बधाई
- 'मैं निर्वाचित होता हूं, तो मैं केवल संविधान के प्रति जवाबदेह बनूंगा'
President Election: राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपनी प्रतिद्वंद्वी और बीजेपी नीत एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू से आज रविवार को यह वादा करने का आग्रह किया कि यदि वह राष्ट्रपति बनती हैं, तो वह 'नाम मात्र की (रबड़ स्टैम्प) राष्ट्रपति' नहीं होंगी। सिन्हा ने न्यायपालिका के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों पर भी चिंता व्यक्त की।
'न्यायपालिका पर घटिया आरोप लगाए जा रहे'
उन्होंने कहा कि बीजेपी की पूर्व पदाधिकारी नुपुर शर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों के बाद न्यायपालिका पर घटिया आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने इन आरोपों को अप्रत्याशित और भारत के लोकंतत्र में अत्यंत निराशाजनक घटनाक्रम बताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।
बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हुए शामिल
सिन्हा अपने चुनाव प्रचार अभियान के तहत बेंगलुरु में हैं। उन्होंने यहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लिया। बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया, पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार और पार्टी के कई नेता एवं विधायक शामिल हुए।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के बयान पर सिन्हा बोले
सिन्हा ने कहा कि दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता के खिलाफ कुछ टिप्पणियां कीं और इसके बाद प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने एक समारोह में कहा, "न्यायपालिका केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है।" उन्होंने कहा, "मैं देश के शीर्ष न्यायालय के दृढ़ और स्पष्ट बयान का स्वागत करता हूं और इसके लिए प्रधान न्यायाधीश को बधाई देता हूं।"
ये लोग न्यायपालिका के खिलाफ बोल रहे- सिन्हा
सिन्हा ने कहा, "हम सभी न्यायपालिका का बहुत सम्मान करते हैं और हम यह नहीं कह सकते कि हम न्यायपालिका के एक आदेश से सहमत हैं, लेकिन हम उसके दूसरे आदेश को स्वीकार नहीं करते।" उन्होंने कहा, "जब इसी न्यायपालिका ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाया था, तो बीजेपी उससे बहुत खुश हुई थी और पूरे देश ने इसे स्वीकार किया था, क्योंकि यह आदेश न्यायपालिका ने दिया था, लेकिन आज न्यायपालिका किसी घटनाक्रम की निंदा कर रहे हैं, तो ये लोग न्यायपालिका के खिलाफ बोल रहे हैं। यह हमारे लोकतंत्र के लिए अवांछनीय, खतरनाक घटनाक्रम है।"
पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा से मुलाकात नहीं करेंगे सिन्हा
सिन्हा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह अपनी यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से मुलाकात नहीं करेंगे। देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) ने संकेत दिया है कि वह 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू का समर्थन करेगी। सिन्हा ने हाल में महाराष्ट्र और इससे पहले कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, अरुणाचल प्रदेश में सरकारों को बीजेपी की ओर से कथित रूप से अपदस्थ किए जाने की बात रेखांकित करते हुए सवाल किया, "क्या यह लोकतंत्र है?"
सिन्हा ने की इस मुद्दे पर कर्नाटक की बीजेपी सरकार की निंदा
उन्होंने कहा, "यदि केंद्र में सत्तारूढ़ दल अपने धन बल का इस्तेमाल और अपनी सरकारी ताकत का दुरुपयोग राजनीतिक दलों को तोड़ने के लिए करता है, निर्वाचित सरकारों को गिराकर लोगों के जनादेश का अपमान करता है, तो हमारे लिए यह लोकतंत्र नहीं है।" उन्होंने सत्तारूढ़ दल के वैचारिक एजेंडे के रंग में रंगे हुए नए स्कूल पाठ्यक्रम के जरिए बच्चों के मन में सांप्रदायिकता का जहर घोलने का प्रयास करने को लेकर कर्नाटक की बीजेपी सरकार की निंदा की।
सिन्हा ने मुर्मू से कहा- कृपया आप भी ऐसा ही वादा करें
सिन्हा ने मुर्मू से कहा, "मैंने संकल्प लिया है कि यदि मैं निर्वाचित होता हूं, तो मैं केवल संविधान के प्रति जवाबदेह बनूंगा। जब भी कार्यपालिका या अन्य संस्थाएं संवैधानिक नियंत्रण एवं संतुलन को नुकसान पहुंचाएंगी, तो मैं बिना किसी भय या पक्षपात के और ईमानदारी से अपने अधिकार का इस्तेमाल करूंगा। कृपया आप भी ऐसा ही वादा करें।"