Highlights
- देश का पहला नागरिक राष्ट्रपति होता है
- दूसरा नागरिक उपराष्ट्रपति होता है
- तीसरा नागरिक प्रधानमंत्री होता है
President Election: देश में इस वक्त चर्चा है कि राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने के बाद आज भारत का अगला राष्ट्रपति, यानी देश का पहला नागरिक कौन होगा? लेकिन इस चर्चा के दौरान क्या किसी ने यह जानने की कोशिश की कि भारत की जनता देश के नागरिक के रूप में किस नंबर पर आती है? दरअसल, भारतीय संविधान के अनुसार, पद के अनुसार 26 तरह की कैटेगरी बनाई गई है और उन्हें उसी के हिसाब से देश के सिटीजन की लिस्ट में नंबर दिया गया है। इसे ऐसे समझिए कि जैसे इस वक्त राष्ट्रपति देश का पहला नागरिक होता है, उसी तरह उपराष्ट्रपति देश का दूसरा नागरिक होता है। जबकि प्रधानमंत्री तीसरे नंबर पर आता है। इसी तरह 26 दर्जे तक पदों के हिसाब से भारतीय नागरिक होने का नंबर बंटा हुआ है।
किस नंबर पर कौन होता है
भारत का पहला नागरिक देश का राष्ट्रपति होता है। दूसरा नागरिक उपराष्ट्रपति होता है। तीसरा नागरिक प्रधानमंत्री होता है। चौथा नागरिक राज्यपाल होता है, चाहे वह किसी भी राज्य का राज्यपाल हो। पांचवां नागरिक पूर्व राष्ट्रपति होता है, जबकि उप प्रधानमंत्री को भी पांचवां नागरिक ही माना जाता है। इसी तरह देश का छठवां नागरिक मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा का अध्यक्ष होता है। सातवें नागरिक की लिस्ट में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत रत्न पुरस्कार विजेता आते हैं। आठवें नागरिक के लिस्ट में भारत में मान्यता प्राप्त राजदूत आते हैं। नौवें नागरिक के लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट के जज, यूपीएससी के चेयरपर्सन के साथ-साथ चीफ इलेक्शन कमिश्नर और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक आते हैं।
राज्यों के उप मुख्यमंत्री किस श्रेणी में आते हैं?
दसवें नंबर पर राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन, डिप्टी चीफ मिनिस्टर्स, लोकसभा के डिप्टी स्पीकर, नीति आयोग के सदस्य और राज्यों के मंत्री आते हैं। खास तौर से वह मंत्री जो सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों का जिम्मा संभालते हों। ग्यारहवें नागरिक के तौर पर अटॉर्नी जनरल, कैबिनेट सचिव और उपराज्यपाल आते हैं।
जबकि देश के 12वें नागरिक की श्रेणी में पूर्ण जनरल या उसके समकक्ष रैंक वाले कर्मचारियों के चीफ आते हैं। तेरहवें नंबर के नागरिक के तौर पर राजदूत आते हैं खास तौर से वह राजदूत जिन्हें भारत में मान्यता प्राप्त है। चौदहवें नंबर के नागरिक की श्रेणी में आते हैं राज्यों के चेयरमैन और राज्य विधानसभा के स्पीकर। इसके साथ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी इसी श्रेणी में आते हैं।
इस नंबर पर आते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री
केंद्र शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री 15वें नंबर के नागरिक की श्रेणी में आते हैं। जबकि 16वें नंबर पर लेफ्टिनेंट जनरल या फिर उनके समकक्ष रैंक के अधिकारी आते हैं। 17वें नंबर के नागरिक की श्रेणी में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष आते हैं। वहीं राज्यों के कैबिनेट मंत्री, राज्य विधान मंडलों के सभापति और अध्यक्ष अपने संबंधित राज्यों के बाहर 18वें नंबर पर आते हैं। संघ शासित प्रदेशों के मुख्य आयुक्त, उनके संबंधित केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यों के उपमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा के उपाध्यक्ष और मेट्रोपॉलिटन परिषद दिल्ली के उपाध्यक्ष को देश का उन्नीसवां नागरिक माना जाता है। जबकि राज्य विधानसभा के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन अपने संबंधित राज्यों से बाहर बीसवें स्थान की नागरिकता की श्रेणी में आते हैं।
भारत की जनता का नंबर कब आता है
आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के सांसद टॉप-20 में नहीं आते हैं, बल्कि इनकी पहचान देश के 21वें नागरिक के तौर पर होती है। राज्यों के डिप्टी मिनिस्टर्स को उनके संबंधित राज्यों के बाहर 22वां नागरिक माना जाता है। जबकि 23वें नागरिक वॉइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, आर्मी कमांडर और उनके ही रैंक के बराबर के अधिकारी होते हैं। वहीं 24वां नागरिक उप राज्यपाल, 25वां नागरिक भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और 26वें नागरिक भारत सरकार के संयुक्त सचिव और उसके समकक्ष रैंक के अधिकारी होते हैं। आपके मन में एक ख़्याल जरूर आ रहा होगा कि देश के बड़े-बड़े अधिकारी अलग-अलग नंबर के नागरिक हैं तो हम और आप देश के कौन से नंबर के नागरिक होंगे। तो चलिए बता देते हैं कि आम नागरिक की कोई स्पष्ट संख्या निर्धारित नहीं की गई है। इसलिए ये माना जाता है कि आम नागरिक 27वें नंबर के नागरिक हो सकते हैं? हालांकि, 27वें नंबर की श्रेणी की नागरिकता का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है।