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President Election: यात्रियों की तरह उड़ान भर रही मतपेटियां, 'मिस्टर बैलेट बॉक्स' के नाम से अलग से बुक की जाती है टिकट

जब मतपेटियां और मतपत्र राज्यों की राजधानियों में पहुंच जाते हैं, तो इन्हें पहले से निरीक्षण किए गए और ठीक से सील किए गए स्ट्रांग रूम में रखा जाता है और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है।

Written By: Khushbu Rawal
Published : Jul 12, 2022 18:09 IST, Updated : Jul 12, 2022 18:09 IST
election materials
Image Source : PTI election materials for the 16th Presidential elections

Highlights

  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को होगा मतदान
  • मतपेटियां यात्रियों के रूप में ‘‘उड़ान’’ भर रही हैं
  • प्रत्येक मतपेटी को विमान में एक सीट आवंटित की गई है

President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतपेटियां यात्रियों के रूप में ‘‘उड़ान’’ भर रही हैं और इनमें से प्रत्येक को विमान में एक सीट आवंटित की गई है। वे ज्यादातर राज्यों की राजधानियों को जा रही हैं जहां उनका इस्तेमाल 18 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए किया जाएगा। मतपेटियों के लिए "मिस्टर बैलेट बॉक्स" के नाम से अलग से टिकट बुक की जाती हैं और 'वह' मतपत्र व मतों को चिह्नित करने के लिए विशेष पेन जैसी चुनाव सामग्री ले जाने वाले अधिकारी की सीट के बगल में विमान की अगली पंक्ति में रखी जाती है।

मंगलवार को जहां 14 मतपेटियां भेजी जाएंगी, वहीं बुधवार को 16 मतपेटियां भेजी जाएंगी। संसद भवन और दिल्ली विधानसभा के लिए बनीं मतपेटियां बुधवार को भेजे जाने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए बनी मतपेटी सड़क मार्ग से यात्रा करेंगी। राज्य से सहायक चुनाव अधिकारी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से एक अधिकारी चुनाव सामग्री एकत्र करने के लिए यहां निर्वाचन आयोग के मुख्यालय निर्वाचन सदन में आते हैं। उनका उसी दिन राज्य की राजधानी लौटना अनिवार्य होता है। जब मतपेटियां और मतपत्र राज्यों की राजधानियों में पहुंच जाते हैं, तो इन्हें पहले से निरीक्षण किए गए और ठीक से सील किए गए स्ट्रांग रूम में रखा जाता है वह प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है।

राष्ट्रपति चुनाव में विधान परिषदों के सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं

मतदान समाप्त होने के बाद सील की गईं मतपेटियों और अन्य चुनाव सामग्री को अगली उपलब्ध उड़ान से चुनाव अधिकारी, जो इस बार राज्यसभा महासचिव हैं, के कार्यालय में वापस ले जाया जाता है। मतपेटियों और अन्य दस्तावेजों को व्यक्तिगत रूप से विमान के कैबिन में ले जाया जाता है और इन पर साथ आने वाले अधिकारियों की हर समय नजर रहती है। मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होता है तथा निर्वाचित सांसद और विधायक - मनोनीत नहीं - वोट देने के हकदार होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विधान परिषदों के सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा?
सहायक चुनाव अधिकारियों से बात करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात को रेखांकित किया कि निर्वाचन आयोग की विभिन्न टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करते हुए हर बार त्रुटिविहीन चुनाव कराना एक विशिष्ट पहचान बन गया है। निर्वाचन आयोग के एक बयान के अनुसार, कुमार ने अधिकारियों को सतर्क रहने और मतपेटियों तथा मतपत्र सहित चुनाव सामग्री के परिवहन एवं भंडारण के लिए प्रोटोकॉल एवं दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा।

मुर्मू ने बंगाल भाजपा के सांसदों-विधायकों से मुलाकात की, समर्थन का आश्वसन मिला
NDA की, राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के सांसदों और विधायकों से मुलाकात की और शीर्ष संवैधानिक पद के लिए 18 जुलाई को होने जा रहे चुनाव में उनका समर्थन मांगा। एक होटल में लगभग घंटे भर चली बैठक में भाजपा के केंद्रीय नेताओं के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी मौजूद थे। भाजपा की बंगाल इकाई के सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पार्टी के सांसदों और विधायकों ने मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का भरोसा दिलाया। सांसदों और विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए मुर्मू विभिन्न राज्यों का दौरा कर रही हैं।

ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू को लेकर कही थी यह बात
इससे पहले, दिन में वह उत्तरी कोलकाता में स्थित स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास पर पहुंचीं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि अगर भाजपा ने ओडिशा की आदिवासी नेता मुर्मू को चुनाव मैदान में उतारने से पहले विपक्षी दलों के साथ चर्चा की होती तो वह आम सहमति की उम्मीदवार हो सकती थीं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित देश के प्रमुख गैर-भाजपा दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है। मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में भाजपा के 17 लोकसभा सांसद हैं। इनमें से एक अर्जुन सिंह तृणमूल में शामिल हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं, 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के 75 विधायक हैं। हालांकि, उनमें से पांच विधायक पद से इस्तीफा दिए बिना तृणमूल से जुड़े जुके हैं।

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