Highlights
- गोपालकृष्ण गांधी ने अपना नाम लिया वापस
- कल हो सकती है विपक्षी दलों की अगली बैठक
- ममता ने उम्मीदवार के तौर पर दिया था इनका नाम
President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दल एक कॉमन कैंडिडेट उतारेगा। बीते दिनों दिल्ली में ममता बनर्जी की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इस दौरान विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी का नाम सुझाया गया था। हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मीटिंग के दौरान ही इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तो वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने भी अपना नाम वापस ले लिया है। अब पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को आज अस्वीकार कर दिया।
गोपालकृष्ण गांधी के इनकार से बीजेपी नीत राजग के उम्मीदवार का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति से उम्मीदवार खड़ा करने का विपक्ष का आगे का रास्ता जटिल हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय करने पर विचार करने के लिए प्रमुख विपक्षी दलों की अगली बैठक मंगलवार को होने की संभावना है।
मैं उनका अत्यंत आभारी हूं- गोपालकृष्ण गांधी
77 वर्षीय गोपालकृष्ण गांधी ने एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनावों में विपक्ष का उम्मीदवार बनने के लिए उनके नाम पर विचार किया, जो उनके लिए सम्मान की बात है। गांधी ने कहा, "मैं उनका अत्यंत आभारी हूं, लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए, जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति पैदा करे।"
'और भी लोग होंगे, जो मुझसे कहीं बेहतर काम करेंगे'
गांधी ने कहा, "मुझे लगता है कि और भी लोग होंगे, जो मुझसे कहीं बेहतर काम करेंगे। इसलिए मैंने नेताओं से अनुरोध किया है कि ऐसे व्यक्ति को अवसर देना चाहिए। भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले, जैसे कि अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में राजाजी (सी राजगोपालाचारी) थे और जिस पद की सबसे पहले शोभा डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बढ़ाई।"
पूर्व नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम कर चुके हैं। गोपालकृष्ण, महात्मा गांधी के परपोते और सी राजगोपालाचारी के परनाती हैं। गोपालकृष्ण गांधी 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों के उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव में एम वेंकैया नायडू से हार गए थे।
फारूख अब्दुल्ला ने बताई थी ये वजह
गांधी के बयान से दो दिन पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में अनिच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि उन्हें आगे काफी सक्रिय राजनीति में रहना है और वह केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) को वर्तमान अहम मोड़ से आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहते हैं।"
शरद पवार ने बैठक में प्रस्ताव को किया था अस्वीकार
कई विपक्षी दलों के नेताओं ने पिछले बुधवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार बनने का आग्रह किया, लेकिन पवार ने यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई बैठक में इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। पवार की ओर से प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद बनर्जी ने बाद में संभावित विपक्षी उम्मीदवारों के रूप में अब्दुल्ला और गांधी के नामों का सुझाव दिया।
बीजेपी नीत राजग के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष की बैठक में 17 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो चुकी है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। जरूरी हुआ तो चुनाव 18 जुलाई और मतगणना 21 जुलाई को होगी।