Highlights
- हमारे विश्वविद्यालयों को बदलाव के एजेंट की भूमिका निभानी होगी: राष्ट्रपति
- 'छात्रों को इस तरह प्रशिक्षित करें कि वे भविष्य की मांगों के लिए तैयार हो सकें'
- आने वाले दशकों में दुनिया में सबसे ज्यादा युवा आबादी भारत में होगी: मुर्मू
Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली माध्यम है और विश्वविद्यालयों को बदलाव के एजेंट की भूमिका निभानी होगी। यह जिक्र करते हुए कि कई भारतीय संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग हासिल की है, लेकिन ऐसे संस्थानों की संख्या बहुत कम है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि प्रत्येक भारतीय शिक्षण संस्थान का लक्ष्य विश्वस्तरीय शिक्षा केंद्र बनने का होना चाहिए।
शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली माध्यम- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे यकीन है कि अगर हम अभी सही कदम उठाते हैं, तो हमारा देश निश्चित रूप से ज्ञान की एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।" राष्ट्रपति बेंगलुरु में सेंट जोसेफ विश्वविद्यालय के उद्घाटन के मौके पर बोल रही थी। मुर्मू ने कहा, "शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। हमारे विश्वविद्यालयों को बदलाव के एजेंट की भूमिका निभानी होगी। शिक्षण संस्थानों का यह दायित्व है कि वे छात्रों को इस तरह प्रशिक्षित और तैयार करें कि वे भविष्य की मांगों के लिए तैयार हो सकें।"
छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा- राष्ट्रपति मुर्मू
उन्होंने कहा, "छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा। आज के युवा आकांक्षी हैं। हमारे विश्वविद्यालयों को उनकी विविध आकांक्षाओं पर प्रतिक्रिया देने की जरुरत है, इसके लिए लीक से हटकर सोचने की जरुरत है।" इस कार्यक्रम में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण और आर्कबिशप पीटर मचाडो समेत अन्य मौजूद थे। राष्ट्रपति ने कहा कि आने वाले दशकों में दुनिया में सबसे ज्यादा युवा आबादी भारत में होगी, लिहाज़ा, उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक अवसर प्रदान करने की हमारी क्षमता उनके भविष्य और हमारे देश के भविष्य का निर्धारण करेगी।
'...ताकि हमारे छात्रों को दुनिया भर में अवसर मिल सकें'
उन्होंने कहा, "हमारे कई छात्र उच्च शिक्षा और शोध के लिए पश्चिम की ओर देखते हैं। हमारी कोशिश हमारे विश्वविद्यालयों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का होना चाहिए, ताकि हमारे छात्रों को दुनिया भर में अवसर मिल सकें।" मुर्मू ने कहा कि इस दिशा में शिक्षाविदों को बदलती जरुरतों के अनुरूप बनाने की कोशिश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 करती है। बकौल राष्ट्रपति, शिक्षा नीति समीक्षात्मक सोच और नवाचार पर जोर देती है।
उन्होंने कहा कि दुनिया आज युवा पीढ़ी के लिए अपार अवसरों से भरी हुई है। मुर्मू ने कहा, "आधुनिक दुनिया में बहुआयामी कौशल की जरुरत है। काम और पढ़ाई साथ-साथ करने का रुख प्रभावी नहीं है। सामने आती मांगों को पूरा करने के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण होना चाहिए।"