Friday, November 15, 2024
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'अपराधी खुले घूमते हैं, पीड़ित डर के साये में जी रहे'; महिला सुरक्षा पर राष्ट्रपति मुर्मू का बड़ा बयान

राष्ट्रपति की यह टिप्पणी महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर पूरे देश में व्याप्त आक्रोश के बीच आई है। सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने समापन भाषण में मुर्मू ने महिला अपराध पर चिंता जाहिर की।

Edited By: Shakti Singh
Updated on: September 01, 2024 22:03 IST
Draupadi Murmu- India TV Hindi
Image Source : X/PRESIDENTOFINDIA राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज से समर्थन न मिलने चिंता का विषय है। राष्ट्रपति की यह टिप्पणी महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर पूरे देश में व्याप्त आक्रोश के बीच आई है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म के बाद एक जूनियर डॉक्टर की हत्या कर दी गई। इसके बाद मलयालम फिल्म उद्योग के जाने-माने अभिनेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आए। इसके बाद भारत में महिलाओं के साथ किए जा रहे व्यवहार पर गहन पुनर्विचार की मांग उठ रही है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने समापन भाषण में कहा, "यह हमारे सामाजिक जीवन का एक दुखद पहलू है कि, कुछ मामलों में, साधन-सम्पन्न लोग अपराध करने के बाद भी निर्भीक और स्वच्छंद घूमते रहते हैं। जो लोग उनके अपराधों से पीड़ित होते हैं, वे डरे-सहमे रहते हैं, मानो उन्हीं बेचारों ने कोई अपराध कर दिया हो। महिला पीड़ितों की स्थिति और भी बदतर है क्योंकि समाज के लोग भी उनका समर्थन नहीं करते हैं।"

सभी को साथ मिलकर काम करना होगा

राष्ट्रपति कहा कि न्यायिक प्रणाली के समक्ष आने वाली अनेक चुनौतियों से निपटने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि हाल के दिनों में समय पर प्रशासन, बुनियादी ढांचे, सुविधाओं, प्रशिक्षण और जनशक्ति की उपलब्धता में सुधार हुआ है। लेकिन इन सभी क्षेत्रों में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। मेरा मानना ​​है कि सुधार के सभी आयामों में तेजी से प्रगति होनी चाहिए। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि हाल के वर्षों में चयन समितियों में महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। इस वृद्धि के कारण चयन समितियों में महिलाओं की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"

सुप्रीम कोर्ट का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त और एक सितंबर को जिला न्यायपालिका का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिला न्यायपालिका से 800 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। राष्ट्रपति एवं केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अदालती मामलों को टालने की प्रथा का समाधान ढूंढने तथा "तारीख पर तारीख" संस्कृति की आम धारणा को तोड़ने का आह्वान किया।

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