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कौन हैं प्रीति सूदन? जिन्हें मिली UPSC की कमान

संघ लोक सेवा आयोग की नई अध्यक्ष 1983 बैच की IAS अधिकारी प्रीति सूदन होंगी। इससे पहले इस पद पर मनोज सोनी थे। उन्होंने व्यक्तिगत वजहों का हवाला देते हुए अपने कार्यकाल खत्म होने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: July 31, 2024 11:24 IST
प्रीति सूदन- India TV Hindi
Image Source : ANI प्रीति सूदन

संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC के नए चेयरमैन का सरकार ने ऐलान कर दिया है। 1983 बैच की IAS अधिकारी प्रीति सूदन को नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनकी नियुक्ति 1 अगस्त 2024 से लागू होगी। ट्रेनी IAS पूजा खेडकर विवाद के दौरान ही यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन मनोज सोनी के इस्तीफा के बाद ये पद खाली हुआ था। उन्होंने अपना कार्यकाल खत्म होने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। मनोज सोनी ने व्यक्तिगत वजहों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था।

कौन हैं प्रीति सूदन?

प्रीति सूदन पूर्व स्वास्थ्य सचिव रही हैं। वह 2022 से यूपीएससी की सदस्य हैं। प्रीति आंध्र प्रदेश कैडर की 1983 बैच की रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में उनका कार्यकाल जुलाई 2020 में खत्म हो गया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में काम करने के अलावा उन्होंने रक्षा मंत्रालय में भी काम किया है। वो अपने कैडर राज्य आंध्र प्रदेश में वित्त, योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि की प्रभारी थीं। प्रति सूदन ने वर्ल्ड बैंक के लिए सलाहकार के रूप में भी काम किया है। जानकारी के मुताबिक, प्रीति सूदन ने देश में दो प्रमुख प्रमुख कार्यक्रम - 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' और 'आयुष्मान भारत' शुरू करने के अलावा राष्ट्रीय चिकित्स आयोग, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध संबंधी कानून बनाने में अपना योगदान दिया।

पूजा खेडकर का विवाद

बता दें कि ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मामले को लेकर अभी विवाद जारी है। पूजा के दस्तावेज से लेकर कई दावे फर्जी पाए गए हैं। यही नहीं, UPSC ने ट्रेनी IAS पूजा के खिलाफ FIR भी दर्ज की है। यूपीएससी की जांच से पता चला है कि पूजा खेडकर ने फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी फोटो, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर फर्जी पहचान का उपयोग करके परीक्षा दी थी। आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं या चयन से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।

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