बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। लारेब हाशमी नाम के एक इंजीनियरिंग छात्र ने मामूली कहासुनी के बाद बस कंडक्टर पर बेरहमी से चापड़ से कई वार कर के उसका गला काट दिया था। अब इस मामले में लारेब हाशमी का पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है। आरोपी पाकिस्तान के मौलाना खादिम हुसैन रिजवी से प्रेरित था। ऐसा माना जा रहा है कि मौलाना की शिक्षा पर चल कर ही लारेब ने ऐसे जघन्य कृत्य को अंजाम दिया था।
कौन था खादिम हुसैन रिजवी?
पाकिस्तानी मौलाना खादिम हुसैन रिजवी पाकिस्तान के चरमपंथी धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक का संस्थापक था। उसे पाकिस्तान में कट्टर कानूनों का समर्थक माना जाता था। कुछ समय पहले जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बोलने की आजादी को अधिकार बताते हुए इस्लाम की आलोचना का समर्थन किया था तो खादिम हुसैन ने पूरे देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
हिंदुओं के बारे में कहे थे अपशब्द
पाकिस्तानी मौलाना खादिम हुसैन रिजवी कई बार हिंदुओं और भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता था। उसके कई नफरत फैलाने वाले वीडियो सामने आ चुके हैं। खादिम हुसैन इस्लामी धर्मशास्त्री अहमद रजा खान बरेलवी का प्रबल अनुयायी था। बता दें कि, अहमद रजा खान का जन्म 19वीं सदी में अविभाजित भारत के बरेली में हुआ था और उन्होंने ही बरेलवी विचारधारा की स्थापना की थी।
2020 में हुई मौत
एक वक्त पाकिस्तान सरकार के लिए भी सिरदर्द बन चुके मौलाना खादिम हुसैन रिजवी की साल 2020 में मौत हो गई थी। 54 साल की उम्र में उसकी हालत बिगड़ गई जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था। यहां अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई थी। रिजवी के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और तीन बेटियां हैं।
पुलिस कर रही जांच
कहा जा रहा है कि रिजवी के बारे में लारेब हाशमी को जानकारी उसके पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने दी थी। आरोपी छात्र ने हमले के बाद एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें भी वह लब्बैक शब्द का जिक्र कर रहा है। वह जिस अंदाज में बोल रहा था उसमें पंजाबी भाषा की भी झलक मिल रही थी। फिलहाल उसके आतंकी कनेक्शन को लेकर भी यूपी एटीएस ने जांच शुरू कर दी है।
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