
नई दिल्ली: क्या आपके घर में भी बिजली जाती है और आप परेशान हो जाते हैं कि ये बिजली क्यों चली गई? लेकिन इस बार तो देश के तमाम ऐतिहासिक स्थलों की बिजली चली गई है और ऐसा जानबूझकर किया गया है। दिल्ली सहित देशभर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों की बिजली शनिवार शाम को बंद कर दी गई।
क्या है पूरा मामला?
अगर आप ये सोच रहे हैं कि देश के ऐतिहासिक स्थलों की बिजली क्यों बंद की गई तो बता दें कि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के अर्थ आवर उत्सव 2025 के तहत ऐसा किया गया है। इस उत्सव के तहत शनिवार शाम को इंडिया गेट, लाल किला, राष्ट्रपति भवन, विक्टोरिया स्मारक, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल सहित देशभर के कई ऐतिहासिक स्थलों की बत्ती बंद कर दी गई।
जारी एक बयान के अनुसार, इस साल का अर्थ आवर का 19वां संस्करण विश्व जल दिवस के साथ पड़ा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संगीतकार और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के होप एंड हार्मनी एम्बेसडर शांतनु मोइत्रा ने गंगा नदी की 2,700 किलोमीटर की यात्रा से प्रेरित संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
दिल्ली ने शनिवार को अर्थ आवर के दौरान रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक गैर-जरूरी इलेक्ट्रिकल उपकरणों को बंद करके लगभग 269 मेगावाट बिजली की बचत की।
अर्थ आवर क्या है?
अर्थ आवर बिजली बचाने का तो अभियान है ही, इसके अलावा इस अभियान का उद्देश्य ये है कि लोग अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करें, जिसका बड़ा असर दुनिया पर दिखाई देगा। इसमें जल की बचत करना, सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करना, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को घटाना शामिल है। धरती को बचाने के इस अभियान को दुनियाभर में सराहना मिल रही है। बता दें कि बीएसईएस ने बताया था कि पिछले साल दिल्ली में अर्थ आवर के दौरान 206 मेगावॉट बिजली बचाई गई थी, जिसमें बीएसईएस क्षेत्र का योगदान 130 मेगावॉट रहा था। (इनपुट: भाषा)