Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Population: अगले 12 साल में कम हो जाएगी भारत की जनसंख्या, देश को 'जनसंख्या नियंत्रण' कानून की जरूरत नहीं?

Population: अगले 12 साल में कम हो जाएगी भारत की जनसंख्या, देश को 'जनसंख्या नियंत्रण' कानून की जरूरत नहीं?

Population: पूनम मुत्रेजा के मुताबिक, ''किसी भी भारतीय राज्य में 'जनसंख्या नियंत्रण' कानून की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्यों को अपनी आबादी को एक दायित्व के बजाय एक संपत्ति के रूप में देखने की ज़रूरत है।''

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published : Jul 10, 2022 13:54 IST, Updated : Jul 10, 2022 13:54 IST
Population
Image Source : FILE PHOTO Population

Highlights

  • 'राज्यों को अपनी आबादी को एक दायित्व के बजाय एक संपत्ति के रूप में देखने की ज़रूरत'
  • 'पर्याप्त सबूत हैं कि जबरन लागू नीतियों के नकारात्मक परिणाम हुए हैं'

Population: वैश्विक आबादी के आठ अरब के आंकड़े तक पहुंचने के मद्देनज़र सोमवार को जनसंख्या दिवस 'आठ अरब की दुनिया  सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर-अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना' विषय के साथ मनाया जायेगा। जनसंख्या के मामले में भारत 1.35 अरब की आबादी के साथ विश्व में दूसरे पायदान पर है। जनसंख्या नियंत्रण कानून और बुजुर्ग आबादी की देखभाल और परिवार नियोजन के मुद्दों पर 'पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया' की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्रेजा  ने कहा, ''विभिन्न राज्यों में कई नीति निर्माताओं ने 'जनसंख्या विस्फोट' और 'जनसंख्या नियंत्रण' की आवश्यकता के बारे में चिंताओं को गलत बताया है। उदाहरण के लिए असम राज्य ने 2021 में 'दो बच्चों' की नीति अपनाने का फैसला किया था। राज्य सरकार के मुताबिक दो से अधिक बच्चों वाले परिवार सरकार द्वारा दी जाने वाली विशिष्ट योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच (एनएफएचएस) 2019-2021 के अनुसार, असम में कुल प्रजनन दर (टीएफआर)-(प्रत्येक महिला से पैदा हुए बच्चों की औसत संख्या) 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है, जबकि एनएफएचएस-पांच के अनुसार, असम में 15-49 आयु वर्ग के विवाहित जोड़ों में 77 प्रतिशत महिलाएं और 63 प्रतिशत पुरुष और बच्चे नहीं चाहते हैं। इससे पता चलता है कि जनसंख्या नीति के बिना भी, पुरुष और महिलाएं छोटा परिवार चाहते हैं।''

बुजुर्गों की आबादी 2025 तक बढ़ेगी

उन्होंने कहा, ''भारत में अगले 12 साल में जनसंख्या वृद्धि के अनुमानित स्तर पर पहुंचने से पहले स्थिर होने की उम्मीद है। भारत में बुजुर्गों की आबादी 2025 तक कुल आबादी के अनुपात में 12 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। यूएनएफपीए (संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में 2030 तक बुजुर्ग आबादी एक करोड़ 92 लाख तक पहुंच जाएगी और वर्तमान के मुकाबले लगभग दोगुना हो जाएगी। 2050 तक हर पांचवां भारतीय बुजुर्ग होगा। इसलिए इस आबादी के लिए स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता देनी होगी। बुजुर्गों की आबादी में यह वृद्धि सामाजिक और वित्तीय चुनौतियों का सामना करेगी। इसके लिए वृद्धावस्था देखभाल की ओर बदलाव के लिए मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली को तैयार करने की आवश्यकता है। 

महामारी का जनसंख्या पर असर 

उन्होंने कहा, ''जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को सामने आने में लंबा समय लगता है। जनसांख्यिकीय बदलाव होने में दशकों लग सकते हैं। व्यापक आंकड़े भी हर दस साल में जनगणना होने पर ही उपलब्ध हो पाते हैं। अभी, कोविड-19 महामारी को जनसांख्यिकीय परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए सबूत बहुत कम हैं। इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि महामारी का कुल जनसंख्या पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ सकता है। 

जबरन लागू नीतियों के नकारात्मक परिणाम हुए

उन्होंने भाषा से कहा, ''जैसा कि पहले कहा गया है, किसी भी भारतीय राज्य में 'जनसंख्या नियंत्रण' कानून की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्यों को अपनी आबादी को एक दायित्व के बजाय एक संपत्ति के रूप में देखने की ज़रूरत है। यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि जबरन लागू नीतियों के नकारात्मक परिणाम हुए हैं। पूर्व वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस) निर्मला बुच द्वारा पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, राजस्थान) में किए गए एक अध्ययन (‘पंचायतों में दो बच्चों के नियम- निहितार्थ, परिणाम और अनुभव’) में पाया गया कि दो बच्चों की नीति अपनाने वाले राज्यों में लिंग-चयन करने और असुरक्षित गर्भपात में वृद्धि हुई थी। पुरुषों ने स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए अपनी पत्नियों को तलाक दे दिया और परिवारों ने अयोग्य घोषित होने से बचने के लिए बच्चों को गोद देने के लिए आश्रय गृहों में छोड़ दिया। वैश्विक सबूतों से पता चलता है कि प्रोत्साहन और हतोत्साहन की नीति काम नहीं करती हैं। भारत को परिवार नियोजन के अधिकार-आधारित दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement