दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण हालात बेकाबू हो रहे हैं। अब तक इस प्रदूषण से आम लोगों की शिकायतें तो सामने आ ही रही थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने भी बड़ी बात कह दी है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को अनौपचारिक बातचीत में पत्रकारों से कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते उन्होंने मॉर्निंग वॉक पर जाना बंद कर दिया है। सीजेआई ने ये फैसला उनके डॉक्टर की सलाह के बाद किया है।
क्यों लिया CJI ने ये फैसला?
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जानकारी दी है कि वह अमूमन सुबह 4-सवा 4 बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते हैं। लेकिन उनके डॉक्टर ने सलाह दी कि बीमारी से बचने के लिए बेहतर होगा कि वो मॉर्निंग वॉक न करें। घर के अंदर ही रहे। क्योंकि सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए घर के अंदर रहना ही बेहतर है। इसलिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आज से मॉर्निंग वॉक पर जाना बंद कर दिया है। वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा, ‘‘मैंने आज (24 अक्टूबर) से सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है।
कितना है दिल्ली का AQI?
गुरुवार (24 अक्टूबर) को दिल्ली का औसत एक्यूआई 340 पहुंच गया। सामान्य स्थिति में यह 50 के आसपास रहता है। 50 से ज्यादा एक्यूआई वाली हवा सेहत के लिए नुकसानदेह होती है। 300 एक्यूआई वाली हवा बेहद खतरनाक होती है। इससे लोगों को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
30 से 40 फीसदी बढ़े सांस के मरीज
दिल्ली के अस्पतालों में श्वास संबंधी मामलों में 30 से 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। श्वास रोग विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। उन्होंने लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने और धूल के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से ‘खराब’ श्रेणी में है।
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