Sunday, December 22, 2024
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मेहुल चोकसी-नीरव मोदी स्टाइल में PNB अधिकारी ने किया घोटाला, फर्जी बैंक गारंटी से उड़ाए 168 करोड़

CBI ने PNB के एक अधिकारी के खिलाफ 34 फर्जी बैंक गारंटियों के जरिये कथित रूप से 168.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Dec 22, 2022 22:10 IST, Updated : Dec 22, 2022 22:10 IST
पंजाब नेशनल बैंक में सामने आया एक और घोटाला
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE पंजाब नेशनल बैंक में सामने आया एक और घोटाला

मेहुल चोकसी-नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगाकर विदेश में बैठे हैं। लेकिन ठीक उसी तरह की धोखाधड़ी और उसी बैंक के साथ फिर से सामने आ रही है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के एक अधिकारी के खिलाफ 34 फर्जी बैंक गारंटियों के जरिये कथित रूप से 168.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। यह बैंक अधिकारी अब निलंबित है। 

मेहुल चोकसी-नीरव मोदी की जोड़ी द्वारा कथित रूप से साख पत्र या गारंटी (एलओयू) के जरिये किए गए घोटाले के करीब चार साल बाद कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, बैंक अधिकारी प्रिय रंजन कुमार ने यही तरीका अपनाकर 34 जाली बैंक गारंटियां जारी कीं और इनकी एंट्री कोर बैंकिंग प्रणाली फिनेकल में दर्ज नहीं की। 

फर्जी बैंक गारंटी का बैंक के सिस्टम में रिकॉर्ड नहीं

प्राथमिकी के अनुसार, 27 नवंबर, 2022 की अंतरिम जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह तथ्य सामने आया है कि बैंक की प्रणाली के अवैध और अनधिकृत उपयोग के माध्यम से कुछ अज्ञात व्यक्तियों की मिलीभगत से बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। इसके अलावा इन फर्जी बैंक गारंटी का बैंक की फिनेकल प्रणाली में कोई रिकॉर्ड नहीं है।

कैसे सामने आया इतना बड़ा घोटाला
यह नया घोटाला तब सामने आया जब केनरा बैंक की कोहिमा शाखा ने 18 नवंबर को पीएनबी की संसद मार्ग शाखा को 5.70 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी कथित तौर पर जारी करने की सूचना भेजी। सीबीआई ने कहा कि गारंटी पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रिय रंजन कुमार सहित पीएनबी के दो कर्मचारियों ने हस्ताक्षर किए थे, जिन्हें अब निलंबित कर दिया गया है। ए वेंकटेशन ने यह घोटाला सामने आने के बाद पहले ही इस्तीफा दे दिया था। एजेंसी ने प्राथमिकी में इलांगबम रानानंदा, हेई ग्लोबल एंटरप्राइजेज, नोएडा और आंध्र प्रदेश स्थित एमडी एंटरप्राइजेज को भी नामजद किया है। कुमार ने कथित तौर पर केनरा बैंक को बैंक गारंटी के बारे में सूचित करने के लिए स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मेसेजिंग प्रणाली (एसएफएमएस) का इस्तेमाल किया। लेकिन इस सूचना को पीएनबी की फिनेकल प्रणाली में नहीं डाला। 

बैंक ने 34 फर्जी प्रविष्टियों के बारे में पता लगाया
साल 2018 में पीएनबी में सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया था। इस घोटाले में चोकसी और मोदी ने बैंक द्वारा जारी एलओयू का इस्तेमाल कर 13,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी। बैंक कर्मचारियों से साठगांठ में इसका ब्योरा कोर बैंकिंग प्रणाली में नहीं डाला गया था। अब बैंक ने शाखा कार्यालय संसद मार्ग, नयी दिल्ली और शाखा कार्यालय आरा चौक, आरा (बिहार) में बैंक की एसएफएमएस प्रणाली में इस तरह की 34 एंट्रियों को पकड़ा है। प्राथमिकी में कहा गया है कि बैंक की फिनेकल प्रणाली में इन 34 प्रविष्टियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है और न ही इस तरह की कोई बैंक गारंटी जारी की गई है।

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