नई दिल्ली: पीएम मोदी ने 17 सितंबर को परंपरागत कारीगरों के लिए 'पीएम विश्वकर्मा योजना' की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने कई कारीगरों को सम्मानित भी किया, जिसमें मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने वाले तमिलनाडु के 'के पलानिवेल' भी सम्मानित किए गए। पीएम द्वारा मिले सम्मान से के पलानिवेल मंच पर ही इमोशनल हो गए और उन्होंने पीएम मोदी को गले से लगा लिया। पीएम मोदी ने भी कारीगर की भावनाओं का पूरा ख्याल रखा और उनका उत्साह बढ़ाया।
18 क्षेत्र के परंपरागत कारीगरों को स्कीम का फायदा मिलेगा
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 18 क्षेत्र के परंपरागत कारीगरों को स्कीम (PM Vishwakarma) का फायदा मिलेगा। जिसमें - बढ़ई, नाव बनाने वाला, अस्त्र बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाला, ताला बनाने वाला, गोल्डस्मिथ (सुनार), कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला), मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर, मेसन (राजमिस्त्री), टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला/जूट बुनकर, गुड़िया और खिलौना बनाने वाला (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले कारीगर शामिल हैं।
कर्ज ले सकेंगे कारीगर
खबर के मुताबिक, सरकार इसके तहत तीन लाख रुपये तक का कर्ज देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि शुरुआत में एक लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा और 18 महीने तक भुगतान करने के बाद लाभार्थी अतिरिक्त दो लाख रुपये लोन लेने के लिए योग्य होगा। स्कीम के तहत न सिर्फ लोन बल्कि, उन्नत कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक डिजिटल तकनीक और कुशल हरित प्रौद्योगिकियों का ज्ञान, ब्रांड प्रचार, स्थानीय और वैश्विक बाजारों के साथ संपर्क, डिजिटल भुगतान और सामाजिक सुरक्षा भी शामिल होगी। हर लाभार्थी को 500 रुपये का दैनिक भत्ता देने के साथ पांच दिनों तक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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