Highlights
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे
- यह संग्रहालय आजादी के बाद देश के प्रत्येक प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि है- PMO
- 271 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संग्रहालय को 2018 में मंजूरी दी गई थी
Pradhanmantri Sangrahalaya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (14 अप्रैल, 2022) को आंबेडकर जयंती के अवसर पर राजधानी दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में सुबह करीब 11 बजे देश के प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक नवनिर्मित संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhanmantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों की गैलरी को उनके कार्यकाल के अनुसार उचित स्थान आवंटित किया गया है।
कई संस्थाओं से ली गई है जानकारी
271 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संग्रहालय को 2018 में मंजूरी दी गई थी। तीन मूर्ति भवन में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय से सटे 10,000 वर्ग मीटर की जमीन पर बने संग्रहालय में पूर्व पीएम से संबंधित दुर्लभ तस्वीरें, भाषण, वीडियो क्लिप, समाचार पत्र, इंटरव्यू और मूल लेखन जैसे प्रदर्शन होंगे। इस संग्राहलय में पूर्व प्रधानमंत्रियों की जानकारी और सूचनाओं के लिए सरकारी संस्थाओं दूरदर्शन, फिल्म डिविजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस, प्रिंट मीडिया, विदेशी न्यूज एजेंसियां, विदेश मंत्रालय के संग्रहालयों से भी मदद ली गई है।
आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन हो रहा है- पीएमओ
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अपने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे।’’ पीएमओ ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन हो रहा है और यह देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन व योगदानों के जरिए आजादी के बाद के भारत की कहानी बयां करता है।
जानिए क्या है संग्रहालय बनाने का उद्देश्य?
बयान में कहा गया कि यह संग्रहालय आजादी के बाद देश के प्रत्येक प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि है, चाहे उनका कार्यकाल जो भी रहा हो और चाहे उनकी जो भी विचारधारा रही हो। पीएमओ ने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को नेतृत्व, दूरदृष्टि और हमारे सभी प्रधानमंत्रियों की उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील बनाना और प्रेरित करना है।’’
इसके डिजायन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं का ध्यान रखा गया है
इस संग्रहालय में पुराने और नए का निर्बाध मिश्रण है। पूर्ववर्ती तीन मूर्ति भवन को ब्लॉक वन और नवनिर्मित इमारत को ब्लॉक टू के रूप में विकसित किया गया है। दोनों ब्लॉकों का कुल क्षेत्र 15,600 वर्ग मीटर है। पीएमओ ने कहा कि संग्रहालय का निर्माण उभरते भारत और इसके नेताओं द्वारा उसे दिए गए आकार की कहानी से प्रेरित है। इसके डिजायन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं का ध्यान रखा गया है। परियोजना के दौरान एक भी पेड़ नहीं गिरा और ना ही कोई प्रतिरोपित किया गया।