केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू आज अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी द्वारा भेजी गई चादर को अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाया। इस मौके पर अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा, 'अल्पसंख्यक मामलों के माननीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ दरगाह पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर चढ़ाई। प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाते आए हैं। इस साल उन्होंने इस पवित्र परंपरा में 11वीं बार भाग लिया। यह कदम भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव और करुणा के स्थायी संदेश के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है।'
किरेन रिजिजू का भव्य स्वागत
बता दें कि केंद्रीय मंत्री के अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। बता दें कि 2 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने किरेन रिजिजू को चादर सौंपी थी। जिसके बाद 3 जनवरी को किरेन रिजिजू दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन दरगाह पर गए थे। फिर वहां से चादर लेकर अब किरेन रिजिजू अजमेर शरीफ पहुंचे हैं, जहां ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर चढ़ाई गई है। बता दें कि चादरपोशी रुकवाने के लिए हिंदू सेना आज कोर्ट भी पहुंची है, जहां इस मामले पर सुनवाई हो रही है। अजमेर जाते समय जयपुर पहुंचने पर बोलते हुए मंत्री रिजिजू ने इस प्रथा के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व पर जोर दिया, जो देश में वर्षों से एक पोषित परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि अजमेर में उर्स के दौरान 'गरीब नवाज' की दरगाह पर जाना देश की पुरानी परंपरा है। मुझे प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 'चादर' चढ़ाने का अवसर मिला है, जो सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है। कल, मैं दिल्ली में 'हजरत निजामुद्दीन' की दरगाह भी गया और वहां भी 'चादर' चढ़ाई।
क्या बोले किरेन रिजिजू
किरेन रिजिजू ने इस दौरान कहा, "उर्स के इस पावन अवसर पर हम देश में शांतिपूर्ण माहौल के लिए दुआ मांगते हैं। विविधता में एकता हमारी संस्कृति की नींव है और सभी समुदायों के लोग 'गरीब नवाज' का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं।" अपने संबोधन में मंत्री ने उर्स के दौरान दरगाह पर आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली रसद चुनौतियों को लेकर भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, "हर साल लाखों लोग अजमेर शरीफ दरगाह आते हैं और हम उनकी यात्रा को आसान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित करने के लिए नई पहल शुरू की जा रही हैं।"