Thursday, October 31, 2024
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'मेरी आंखें नम हुईं, मैं शून्यता की ओर बढ़ रहा था', फ्लाइट में PM मोदी ने ऐसा क्यों लिखा?

कन्याकुमारी से लौटते वक्त पीएम मोदी ने फ्लाइट में अपने विचार को पेन की मदद से उकेरा। पीएम मोदी ने लिखा कि कन्याकुमारी में उगते सूर्य ने मेरे विचारों को नए आयाम दिए। सागर की विशालता ने मेरे विचारों को विस्तार देने का काम किया है।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Avinash Rai Updated on: June 03, 2024 16:52 IST
pm narendra modi penned down his thoughts during his return flight from Kanyakumari to Delhi- India TV Hindi
Image Source : PTI/INDIA TV फ्लाईट में बैठे पीएम मोदी ने व्यक्त किए अपने विचार

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार थमने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी के लिए निकल गए। यहां उन्होंने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक ध्यान साधना की। कन्याकुमारी से दिल्ली लौटते वक्त पीएम नरेंद्र मोदी जब फ्लाइट में थे तो उन्होंने नए संकल्प को लिखने का काम किया। पीएम मोदी ने 1 जून को 4.15 बजे से 7 बजे के बीच नए संकल्प को लिखने का काम किया। पीएम मोदी ने लिखा, "मेरे प्यारे भारतवासियों, लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र के सबसे बड़ा महापर्व का एक पड़ाव आज पूरा हो रहा है। कन्याकुमारीमें आध्यात्मिक यात्रा के बाद, दिल्ली जाने के लिए हवाई जहाज में आकर बैठा हूं। अनेक सीटों पर मतदान जारी है, जिनमें काशी भी शामिल है। कई सारे अनुभव हैं। मैं खुद में एक असीम ऊर्जा के प्रवाह को महसूस कर रहा हूं। मुझे कन्याकुमारी में भारत मां के चरणों में बैठने का सौभाग्य मिला। शुरुआती पलों में चुनावी कोलाहल, शोर-गुल मेरी आंखों के सामने आ रहे थे। मां, बहनों और बेटियों का प्रेम ज्वार, उनका आशीर्वाद सब मेरी आंखों के सामने आ रहा ता। मेरी आंखें तक नम हो रही थीं।"

पीएम मोदी ने क्या विचार किए व्यक्त?

पीएम मोदी ने आगे लिखा कि मैं अब शून्यता की ओर बढ़ रहा था और साधना में प्रवेश कर रहा था। अगले कुछ ही पलों में सभी राजनीतिक वाद, विवाद सबकुछ शून्य में समा गए। मेरा मन बाह्य जगत से पूरी तरह अलिप्त हो गया। इतने बड़ी जिम्मेदारियों के बीच इस तरह साधना में प्रवेश कर पाना कठिन होता है। लेकिन कन्याकुमारी की भूमि और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा ने इसे मेरे लिए सहज बना दिया। मैं सांसद के तौर पर अपना चुनाव भी काशी के मतदाताओं के चरणों में छोड़कर यहां आया था। उन्होंने लिखा, "मैं भगवान का आभारी हूं कि मुझे जन्म से ही ये संस्कार मिले हैं। कन्याकुमारी में उगते हुए सूरज ने मेरे विचारों को नए आयाम दिए हैं। सागर की विशालता ने मेरे विचारों को विस्तार देने का काम किया है। आसमान के विस्तार ने ब्रह्मांड की गहराई में एकात्मकता का एहसास कराया।"

पीएम मोदी बोले- आज भारत के प्रयोगों की चर्चा दुनिया में हो रही है

उन्होंने लिखा, "कश्मीर से कन्याकुमारी, ये हमारी पहचान है जो हर देशवासी के मन में बसी है। ये वह शक्तिपीठ है, जहां मां शख्ति ने कन्याकुमारी के रूप में अवतार लिया था। दक्षिणी छोर पर मां शक्ति ने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्या की और साधना की। वहीं भगवान शिव उस दौरान हिमालय पर विराजे थे।" पीएम मोदी ने लिखा कि आज भारत प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। आज भारत का उत्थान केवल भारत के लिए बड़ा अवसर नहीं बल्कि पूरे विश्व में हमारे सभी सहयोगी देशों के लिए भी ऐतिहासिक अवसर है। जी-20 के बाद भारत की इस भूमिका को दुनियाभर के देश स्वीकार कर रहे हैं। भारत को आज ग्लोबल साउथ की एक सशक्त महत्वपूर्ण आवाज के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। भारत का डिजिटल इंडिया अभियान आज पूरी दुनिया के लिए उदाहरण बना हुआ है। भारत के अभिनव प्रयोग की चर्चा पूरे विश्वभर में हो रही है।

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