नई दिल्ली: पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 112वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश भर में चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के तहत जनभागीदारी की चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया गया। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों पर किया गया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मन की बात कार्यक्रम को अलग-अलग जगहों पर सुना।
चराई देवू मैदाम का किया जिक्र
पीएम मोदी ने पेरिस ओलंपिक की बात करते हुए भारत के खिलाड़ियों को समर्थन देने की बात की। इसके साथ ही उन्होंने चीयर फॉर भारत का स्लोगन भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने International Mathematics Olympiad का जिक्र करते हुए उन्होंने इससे जुड़े छात्रों से फोन पर बात की और उनके अनुभवों को भी जाना। पीएम मोदी ने चराई देव मैदाम का जिक्र करते हुए कहा कि असम के चराई देव मैदाम को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह नॉर्थ-ईस्ट की पहली साइट होगी। इसका खासियत बताते हुए उन्होंने इसका मतलब बताया। उन्होंने बताया कि चराई देव मैदाम का मतलब साइनिंग सिटी ऑन द हिल्स है। यह अहोम राज्य की राजधानी थी। 13वीं शताब्दी में शुरू हुआ ये साम्राज्य 19वीं शताब्दी तक रहा, ये बहुत बड़ी बात है। उन्होंने लोगों से अपील की कि आप भविष्य में इस साइट को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें।
प्रोजेक्ट परी से जुड़ने की अपील
पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट परी का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रोजेक्ट परी के बारे में बताते हुए कहा कि इसका मतलब 'पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया' है। प्रोजेक्ट परी, पब्लिक ऑर्ट के उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली के भारत मंडपम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर देश भर के पब्लिक आर्ट देखे जा सकते हैं। हरियाणा के रोहतक की महिलाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ने का फैसला लिया और अब ये महिलाएं लाखों रुपये कमा रही हैं। खादी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई लोग होंगे जो खादी का उपयोग नहीं करते होंगे लेकिन आज गर्व से खादी पहन रहे हैं। पहली बार खादी का कारोबारी 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। खादी की बिक्री 400 परसेंट बढ़ी है। इससे सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आपने अब तक खादी का वस्त्र नहीं खरीदा है तो इसे इसी साल से शुरू कर दें।
ड्रग्स से छुटकारा के लिए 'मानस' का लें सहयोग
ड्रग्स की चुनौती की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये हर परिवार की चिंता होती है। इसके लिए सरकार ने मानस नाम से एक विशेष केंद्र खोला है। मानस की हेल्प लाइन और पोर्टल को कुछ दिन पहले ही शुरू किया है। उन्होंने कहा कि 1933 पर कॉल करके कोई भी जरूरी सलाह या जानकारी ले सकता है। अगर कोई अन्य जानकारी है तो वह भी इसी नंबर पर कॉल करके साझा कर सकते हैं। इस पर साझा की गई हर जानकारी गोपनीय रखी जाती है।
टाइगर डे पर बाघों का करें संरक्षण
पीएम मोदी ने कहा कि कल दुनिया भर में टाइगर डे मनाया जाएगा। ये हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हम सभी किस्सों-कहानियों में बाघों से जुड़ी कहानियां सुने हैं। हमारे देश में कई गांव हैं जहां इंसान और बाघ के बीच कई टकराव की स्थिति नहीं आती, लेकिन जहां ऐसी स्थिति आती है वहां भी बाघों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहा है। कुल्हाड़ी बंद पंचायत इसी का एक हिस्सा है। रणथंभौर से शुरू हुआ यह अभियान रोचक है। स्थानीय लोगों ने ही संकल्प लिया है कि ये जंगल नहीं काटेंगे, इससे बाघों के लिए बेहतर पर्यावरण तैयार हो रहा है। देश भर में इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जनभागीदारी बाघों के संरक्षण में बहुत काम आ रही है। इसी से बाघों की आबादी हर साल बढ़ रही है। दुनिया भर के बाघों में से 70 प्रतिशत बाघ हमारे देश में हैं। तभी हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में कई टाइगर सेंचुरी हैं। हमारे देश में वन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रही है। एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत देश भर से लोग जुड़ रहे हैं। इसके तहत इंदौर में एक ही दिन में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए। इस अभियान से आप भी जरूर जुड़ें और सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।
हर घर तिरंगा अभियान बना यूनिक फेस्टिवल
15 अगस्त का दिन दूर नहीं है। इसके साथ एक और अभियान जुड़ गया है। हर घर तिरंगा अभियान भी इससे जुड़ गया है। पिछले कुछ सालों से लोगों में इसके लिए जोश हाई रहता है। आपने गौर किया होगा कि जब एक-एक घर पर तिरंगा लहराता है तो दूसरे घरों पर भी तिरंगा दिखने लगता है। यह एक यूनिक फेस्टिवल बन चुका है। इस साल भी आप तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी जरूर अपलोड करें। इसके अलावा 15 अगस्त से पहले आप अपने सुझाव जरूर भेजें। माई गॉव या नमो एप पर भी सुझाव भेज सकते हैं। 15 अगस्त के संबोधन में इन सुझावों को मैं कवर करने की कोशिश करूंगा। इसके अलावा उन्होंने आने वाले पर्वों की शुभकामनाएं भी दीं।
यहां सुनें 'मन की बात' का पूरा एपिसोड-
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