Highlights
- इंडिया टीवी संवाद में बेबाकी से बोले आरिफ मोहम्मद खान
- "जहां नहीं थे विभाजन के दुष्परिणाम, वहां भी वैमनस्यता आई"
- "भारत की एकता का आधार ही है अहं ब्रह्मास्मि तत्त्वमसि"
PM Narendra Modi govt 8 years: इंडिया टीवी संवाद (India TV Samvaad) महासम्मेलन के मंच पर केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने हिस्सा लिया। India TV Samvaad महासम्मेलन के मंच पर केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कई मुद्दों पर बेबाकी से बात की। केरल के राज्यपाल ने PFI जैसे चरमपंथी संगठनों को लेकर कहा कि यह बहुत ज्यादा नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि आजादी जैसी चीज की रक्षा पूरी चैतन्यता के साथ सतत करनी पड़ती है।
"जिस राज्य में नहीं पहुंचे थे विभाजन के दुष्परिणाम..."
इंडिया टीवी संवाद में केरल के राज्यपाल ने PFI जैसे चरमपंथी संगठनों को लेकर कहा कि यह बहुत ज्यादा नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि चाहे आजादी हो, चाहे अच्छा माहौल हो इन चीजें की रक्षा पूरी चैतन्यता के साथ सतत करनी पड़ती है। खान ने कहा कि ये बहुत ही खतरनाक खेल है। कौन लोग इसके पीछे हैं, मैं नहीं जानता। लेकिन वो राज्य जहां देश के विभाजन के दुष्परिणाम और दुष्प्रभाव नहीं पहुंचे थे, आज एक नए सिरे से उन परिणामों में वैमनस्यता आई थी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पूरी योजनाबद्ध तरीके से वहां का माहौल खराब करने की कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं।
क्या भारत हिंदू राष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है?
इस सवाल के जवाब में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अगर आप उन लोगों का समूह बनाना चाहेंगे कि जो एक भाषा बोलते हों, तो दूसरी भाषा वाले अलग हो जाएंगे। जिनकी खाल का रंग एक है, दूसरे रंग के लोग अलग हो जाएंगे। जो लोग एक मजहब को मानते हैं, हम उन्हें अगर एक साथ लाना चाहेंगे तो भारत में ये एकता का ये आधार ही नहीं है। यहां का आधार है "अहं ब्रह्मास्मि तत्त्वमसि"। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हमने एकता केवल इंसानों के लिए नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी बनाई है।
"भारत की आत्मा का संदेश देने में नाकाम रहे"
इंडिया टीवी संवाद के मंच पर केरल के गवर्नर ने नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत से लोग होते हैं जिनके विसम परिस्थतियों जौहर और निखरकर आते हैं, नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व वैसी ही है। इस्लामिक देशों की भारत के प्रति तीखे शब्दों को लेकर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि ये हमारी गलती है। उन्होंने कहा कि हमारी गलती ये है कि हम भारत की आत्मा का संदेश देने में नाकाम रहे।