Sunday, December 22, 2024
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पीएम मोदी ने जबसे इस ‘टोपी’ को पहना, देश से लेकर विदेशों तक है मांग, मार्केट में आते ही स्टॉक हो जाता है खत्म

उत्तराखंड में सीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह में जब पीएम मोदी पहुंचें तो वह एक बार फिर पहाड़ी टोपी पहने हुए नजर आए हैं। खास बात ये कि पीएम मोदी ने जब से इस टोपी को पहना है तभी से देश और दुनिया में इसे एक अलग पहचान मिल रही है।

Edited by: Praney Sharma @praneysharma
Updated : March 23, 2022 17:47 IST
Narendra Modi,PM
Image Source : ANI Narendra Modi,PM

Highlights

  • उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाति है 'टोपी'
  • पीएम मोदी ने 'टोपी' को दिलाई विदेशों तक पहचान
  • सभी की पंसद बनी 'ब्रह्मकमल टोपी'

नई दिल्ली: आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक खास टोपी पहनकर कार्यक्रम में पहुंचें तो सभी की नजर इस खास टोपी पर ठहर गई। इस खास टोपी में राज्य पुष्प ब्रह्मकमल अंकित होता है। सोशल मीडिया के साथ-साथ आम लोगों में भी इस टोपी को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। इसे लोग ब्रह्मकमल टोपी भी कहते हैं। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय फूल है। अक्सर उत्तराखंड के लोग इस टोपी को पहना करते हैं। लेकिन इसमे कोई दोराय नही है कि पीएम मोदी के इस टोपी पहनने के बाद से ये आम लोगों की भी खासा पसंद हो गई है।

पहाड़ी टोपी की खासियत

इस टोपी की डिमांड काफी बढ़ गई है। आम आदमी से लेकर खास तक हर कोई इस टोपी को पसंद कर रहा है। सिर्फ उत्तराखंडवासी ही नही बल्कि दूसरे राज्यों के लोग भी इस टोपी की मांग कर रहे हैं। टोपी में लगा ब्रह्मकमल शुभता का प्रतिक है। इस टोपी में चार रंग की एक पट्टी भी लगी हुई है जो जीव, प्रकृति,धरती औऱ नभ के आपसी सामंजस्य को दर्शाता है।

खास कपड़े का होता है इस्तेमाल  
वैसे तो आज मार्किट में अलग-अलग कपड़े की बनी हुई टोपी मौजूद हैं। लेकिन लोग विशेष तौर पर भूटिया रिवर्स या खादी के कपड़े की बनी टोपी पंसद करते हैं। गर्मी में खादी कपड़े में बनी टोपी को लोग काफी खरीदतें हैं। वहीं सर्दियों के वक्त गर्म कपड़े में बनी टोपी मार्किट में मिलती है। सर्दियों में ट्वीड कपड़े में इस टोपी को बनाया जाता है। इस टोपी में पहले सिलाई का काम होता है बाद में इस टोपी में हाथ से इस पर पट्टी को लगाया जाता है।     

ब्रह्मकमल का महत्व

इस टोपी में लगे ब्रह्मकमल का भी खास महत्व है। ये उत्तराखंड राज्य का फूल है। धार्मिख अनुष्ठानों में भी इस फूल का इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य तौर पर ये फूल हिमालयी इलाकों में ही पाया जाता है। इस फूल के उगने का भी खास वक्त होता है। ये फूल अगस्त के महीने में ही उगता है। फूल को कई देसी औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है। फूल के बारे में हिंदू धर्म के ग्रंथों में भी उल्लेख किया गया है  

सोशल मीडिया पर छाई टोपी
सोशल मीडिया में अगर आप देंखेंगे तो उत्तराखंडी टोपी को सर्च करने वाले लोगों की संख्या पिछले कुछ ही महीनों में काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग इस टोपी को लेकर ना सिर्फ चर्चा कर रहें हैं बल्कि टोपी को पहनकर अपनी तस्वीर भी अपलोड कर रहे हैं। क्योंकि ये एक पहाड़ी टोपी है इसलिए दूसरे राज्यों में कहां और किसी शॉप पर आसानी से मिल सकती है, सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी असानी से उपल्बध है। युवाओं के बीच ये टोपी अब खासा पंसद की जाती है।

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