Highlights
- लगातार आठ वर्षों से सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाते हैं पीएम मोदी
- पीएम मोदी के साथ रहने से बढ़ता है जवानों का हौसला
- हर वर्ष जवानों के साथ दिवाली मनाने वाले पहले पीएम हैं मोदी
PM Modi Diwali & Army: आप दिवाली पर अपने घर जाने के लिए और बच्चों के साथ त्यौहार मनाने को बेताब होंगे। यह त्यौहार ही ऐसा होता है कि हर कोई अपने परिवार के साथ इसे सेलिब्रेट करना चाहता है। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार सेना के जवानों के साथ ही अपनी दिवाली मनाते हैं। इस बार भी वह दिवाली के मौके पर सैनिकों के साथ होंगे। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगे भारत के आखिरी गांव में सेना के साथ दिवाली मना सकते हैं। हालांकि अभी सुरक्षा कारणों से स्थान का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पीएम मोदी हर बार जवानों के साथ ही अपनी दिवाली क्यों मनाते हैं ?... दिवाली पर उनकी मां हर वर्ष अकेली क्यों पड़ जाती हैं ?... अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है।
जब हम और आप अपने घरों पर बच्चों और परिवार के साथ दिवाली मना रहे होते हैं तो उस वक्त हमारे देश के जवान ऊंची-ऊंची पहाड़ियों, बीहड़ों और दुर्गम क्षेत्रों में शून्य से कई डिग्री कम तापमान में सीमा की सुरक्षा कर रहे होते हैं। जबकि उन जवानों के भी दिल में हसरत होती है कि वह दिवाली के दिन अपने बच्चों, बीबी और परिवार के साथ रहें। मगर सेना के हर जवान का दिवाली के दिन घर-परिवार के साथ रहने का यह सपना पूरा नहीं हो पाता। जरा सोचकर देखिये, जब आपके बच्चे घर पर दिवाली के दिन आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हों, लेकिन तब भी आप नहीं पहुंच पाएं तो उनकी खुशियों पर कैसा बज्रपात होता होगा, यह सोचकर ही दिल दहल जाएगा। सेना के जवानों को अपनी खुशियों को मारना पड़ता है, अपने परिवार से बिछड़ना पड़ता है। बच्चों की खुशियों को भी दबाना पड़ता है, उनके बहते आंसुओं को मजबूरी में देखना पड़ता है। इस सबके लिए फौलाद का कलेजा ही चाहिए, जो कि हमारे जवानों के पास ही होता है।
पीएम मोदी सेना को मानते हैं परिवार
पीएम मोदी कहते हैं कि सेना के जवानों की वजह से हम और आप घर पर सुरक्षित दिवाली मना पाते हैं। अगर वह सीमा पर तैनात नहीं होते तो हम बेखौफ होकर शायद अपने घरों में न तो दिया जला पाते और न ही इस तरह खुशियां मना पाते। दिवाली पर हमें मिलने वाली हर खुशी के पीछे कहीं न कहीं जवानों की कुर्बानी है। इसलिए पीएम मोदी सेना को ही अपना परिवार मानते हैं और हर बार सैनिकों के साथ ही दिवाली मनाने उनके कैंप में जाते हैं। पीएम मोदी वर्ष 2014 से लगातार आर्मी के साथ ही दिवाली सेलिब्रेट करते हैं। साथ ही उन्हें परिवार से दूर नहीं होने का एहसास कराते हैं।
हर वर्ष अलग-अलग स्थानों पर मनाते हैं दिवाली
पीएम मोदी देश की विभिन्न सीमाओं पर दिवाली मनाने के लिए जाते हैं। वह कभी पाकिस्तान की सीमा पर होते हैं तो कभी चीन की सीमा से लगे क्षेत्रों में। वर्ष 2014 से यह सिलसिला लगातार चल रहा है।
- पहली बार पीएम बनने के बाद 2014 में उन्होंने सेना के साथ अपनी पहली दिवाली सियाचिन में मनाई थी, जहां सर्दियों में तापमान माइनस 40 डिग्री तक गिर जाता है।
- इसके बाद वर्ष 2015 में पंजाब से लगी पाकिस्तान की सीमा पर जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
- फिर 2016 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सैनिकों के साथ दिवाली सेलिब्रेट किया था।
- इसके बाद 2017 में जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में बीएसएफ और सेना के जवानों के साथ दिवाली पर शामिल हुए थे।
- फिर 2018 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आइटीबीपी और सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
- इसके बाद 2019 में पीएम ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में दिवाली सेलिब्रेट किया था।
- वर्ष 2020 में वह राजस्थान के जैसलमेर में जवानों के साथ दिवाली कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
- फिर 2021 में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के ही नौशेरा सेक्टर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। इस प्रकार पीएम लगातार जवानों के साथ दिवाली मनाते आ रहे हैं।
हाथ से जवानों को खिलाते हैं लड्डू और लगाते हैं माथे पर टीका
पीएम मोदी जवानों के साथ दिवाली पर पूरा वक्त तन्मयता से गुजारते हैं। वह अपने हाथ से जवानों के माथे पर विजय का टीका लगाते हैं और इसके बाद लड्डू भी अपने ही हाथ से खिलाते हैं। इससे जवानों का हौसला कई गुना बढ़ जाता है। पीएम मोदी इस दौरान जवानों को घर न जा सकने का मलाल नहीं होने देते। पीएम मोदी उन्हें यह एहसास दिलाते हैं कि वह उनके ही परिवार के सदस्या हैं, तभी सेना के साथ दिवाली मना रहे हैं। पीएम मोदी कहते हैं कि आप अपने बच्चों और मां से दूर हैं तो मैं भी आपकी तरह ही अपनी मां से दूर होकर आपके साथ दिवाली मना रहा हूं। क्योंकि हम और आप एक ही परिवार के हैं। दोनों का ही काम देश की रक्षा करना है। मां भारती ही हम सभी की मां है।